अलवर. अलवर के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय ने रिश्वतखोर पटवारी को 3 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. साल 2010 में पटवारी ने 3500 रुपए रिश्वत ली थी. परिवादी ने इसकी लिखित शिकायत एसीबी के पास दर्ज कराई थी. एसीबी ने इस मामले में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
अलवर एसीबी विशेष न्यायालय के विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक भारद्वाज ने बताया दिनांक 10 दिसंबर 2010 को परिवादी रामलाल ने एसीबी कार्यालय में आकर शिकायत दी. उसमें उसकी पिता के नाम कृषि भूमि उसको विद्युत कनेक्शन लेने के लिए राजस्व अधिकारी के प्रमाण पत्र सहित नक्शा पेश आदि की आवश्यकता है. इस पर उसने पटवारी हरिकिशन से संपर्क किया तो पटवारी हरिकिशन ने उससे 3500 रूपये बतौर रिश्वत की मांग की. इस पर एसीबी ने मामले का सत्यापन कराया गया. सत्यापन सही पाए जाने पर एसीबी ने उसी दिन आरोपी पटवारी हरिकिशन कुमावत डाकपूरी को 3500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.
इस मामले में एसीबी ने न्यायालय में चालान पेश किया. उसके बाद न्यायालय में मामले की लगातार सुनवाई हुई. बचाव व आरोपी पक्ष की तरफ से गवाह व साक्ष्य पेश किए गए. इसके बाद न्यायालय ने पटवारी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात विशिष्ट न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने आरोपी को रिश्वत मांगने व प्राप्त करने के आरोप को दोष सिद्ध करते हुए 3 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रूपव के अर्थदंड से दंडित किया.
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