भिवाड़ी (अलवर). वैसे तो आज के समय में हर व्यक्ति डर के साए में अपना जीवन निकालता है. कभी सड़क हादसे का डर तो कभी आंधी तूफान का खतरा बना रहता है. फिलहाल, इन दिनों कोरोना वायरस का खतरा प्रत्येक व्यक्ति के ऊपर मंडरा रहा है. इन सब के बीच आज हम राजस्थान के एक ऐसे अपार्टमेंट की बात कर रहे हैं, जिसमें 140 परिवार 24 घंटे मौत के डर के साए में जिंदगी बिताने को मजबूर है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं अलवर के भिवाड़ी में बनी राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की इस मल्टी स्टोरी बिल्डिंग अरावली अपार्टमेंट की, जो कभी भी जमींदोज हो सकती है. यह अपार्टमेंट पूरी तरह से जर्जर हालात में तब्दील हो चुका है, जहां पर कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.
यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनके पास इतना बजट नहीं है और ना ही उनकी इतनी आमदनी है कि वे सभी अपनी अपार्टमेंट की मरम्मत करा सकें. बता दें कि अरावली अपार्टमेंट मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के मामले में भिवाड़ी में सबसे पहली कॉलोनी है, जिसको राजस्थान हाउसिंग बोर्ड द्वारा साल 2011 में ग्राहकों के लिए सौंप दिया गया था. अब उन्हीं ग्राहकों का कहना है कि निर्माण कार्य में लगाई गई घटिया सामग्री के चलते महज कुछ साल में ही गिरने के कगार पर पहुंच गई है.
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दूसरी ओर कुछ स्थानीय महिलाओं ने बताया कि गत दिनों आए भूकंप में ऊपर से एक ग्रिल और एक खिड़की निकलकर अपने आप ही गिर गई. गनीमत यह रही कि कोई इसकी चपेट में नहीं आया. यहां कोलोनी के निर्माण में लगी सामग्री खुद ही अपना स्थान छोड़ने लगी है. साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि उन्हें 24 घंटे एक बड़े खतरे का अंदेशा भी बना रहता है. इसके कारण वे खौफ के साए में 24 घंटे रहते हैं.
हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों का कहना, पहले नहीं था मरम्मत करने का नियम
इस संदर्भ में जब राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक पीएल मीणा से बात की गई तो उनका साफतौर पर कहना था कि पहले जब अपार्टमेंट ग्राहकों को सौंपे गए थे. तब इसकी मरम्मत का प्रावधान राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में नहीं था. लेकिन अब वर्तमान सरकार द्वारा इसके नियमों में बदलाव किए गए है और मरम्मत के लिए आदेश जारी कर दिए गए है. अब जल्द ही अरावली अपार्टमेंट की मरम्मत करा दी जाएगी.
15 लाख रुपए में खरीदे थे फ्लैट
अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने बताया कि उन्होंने 15 लाख रुपए के फ्लैट खरीदे थे. इस सोसाइटी में कुल 160 फ्लैट बने हुए हैं और इनमें से 140 परिवार रहते हैं. ये सभी लोग मध्यम दर्जे के नौकरीपेशा करने वाले लोग हैं, जो किसी तरह से अपना जीवन-यापन करते हैं.
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अधिकारी एवं नेताओं को दे चुके हैं शिकायत
यहां रहने वाले परिवारों ने बताया कि वो इस संबंध में जिला स्तरीय कई अधिकारियों और नेता एवं मंत्रियों को शिकायत दे चुके हैं. लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. हर कोई उनको सिर्फ आश्वासन देकर लौटा देता है. ऐसे में सभी लोग इससे खासा परेशान हो चुके हैं.
घटिया क्वॉलिटी मैटेरियल का हुआ उपयोग
सोसायटी के लोगों का कहना है कि इन मकानों के निर्माण में घटिया क्वॉलिटी का मैटेरियल उपयोग में लिया गया है. ऐसे में लगातार छत का चुना झड़ता रहता है. इससे मकानों की स्थिति गिरने के हालत में हो गई है. उनका कहना है कि इसके निर्माण के समय अधिकारियों द्वारा इस ओर किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया गया.