अजमेर. समलैंगिक व्यक्तियों के विवाह को विधि मान्यता देने की ओर बढ़ाए गए कदम से कई लोगों में नाराजगी है. अजमेर में सर्व महिला संस्कृति रक्षा मंच की ओर से समलैंगिक विवाह का विरोध दर्ज करवाया गया है. सर्व महिला संस्कृति रक्षा मंच के बैनर तले महिलाओं ने एडीएम सिटी को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा.
अजमेर क्लब चौराहे से रैली के रूप में महिलाएं जिला कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग की हुई थी. महिलाओं के साथ शामिल पूर्व राज्य मंत्री अनिता भदेल भी मौजूद थी. पुलिस ने महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल को भीतर जाने की इजाजत दी, लेकिन महिलाएं सभी भीतर जाने को लेकर अड़ गई. इस बात को लेकर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और विरोध कर रही महिलाओं के बीच गहमागहमी भी हुई. महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम सिटी को अपना ज्ञापन सौंपा.
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बीजेपी महिला मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष सीमा गोस्वामी ने बताया कि अगर समलैंगिक विवाह को वैधानिक मान्यता मिल जाती है, तो हमारी सभ्यता और संस्कृति नष्ट हो जाएगी. बल्कि कई तरह के दुष्परिणाम भी समाज में देखने को मिलेंगे. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी जाए. यदि ऐसा होता है तो इससे सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होगा. यदि पुरुष और पुरुष, महिला और महिला के बीच विवाह होने लगे, तो सामाजिक ढांचा खत्म हो जाएगा.
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सामाजिक व्यवस्था होगी नष्ट सर्व महिला संस्कृति रक्षा मंच की पदाधिकारी सुनीता ने बताया कि सर्व महिला संस्कृति रक्षा मंच कई संगठनों का साझा मंच है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को विधिक मान्यता देने की दिशा में कदम बढ़ाया है. यह निर्णय सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर देगा. विवाह एक पवित्र संस्कार है. पूरी दुनिया में ऐसा होता आया है कि एक स्त्री का पुरुष से विवाह हुआ है. समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जाती है, तो इस कानून से पुरुष से पुरुष और महिलाओं से महिलाएं शादी करने लगेंगी. ऐसे विवाह को कानूनी का संरक्षण मिलेगा.