अजमेर. नगर निगम अधिकारी की गलती की सजा एक बेगुनाह परिवार को भुगतने को मजबूर होना पड़ा. निगम की जेएएन की ओर से शुक्रवार को एक ऐसे मकान को सील कर दिया गया, जिसकी कोई गलती ही नहीं थी. इस मामले में संबंधित जेईएन प्रियंका चौधरी को एपीओ कर दिया गया. इस मामले में नगर निगम पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर अभद्रता किए जाने का भी आरोप लगाया है.
अजमेर नगर निगम की जेएएन प्रियंका चौधरी ने दरगाह बाजार इलाके में एक मकान को सीज करने की कार्रवाई का आरोप है कि गलत मौका नक्शा के आधार पर की गई इस कार्रवाई के दौरान निसार अहमद नाम के व्यक्ति का मकान सीज कर दिया गया.
बता दें कि मजेदार बात तो यह रही कि मकान फुरकान उस्मानी का सीज किया जाना था. लेकिन गलत मकान सीज करने के विरोध किए जाने के दौरान ही आरोप यह भी लगाया गया कि जेईएन प्रियंका चौधरी से कुछ अज्ञात लोगों की ओर से अभद्रता भी की गई.
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इस खबर का दूसरा पहलू यह भी सामने आया कि जेएएन प्रियंका चौधरी की ओर से गलत मकान सीज किए जाने का विरोध करने पहुंचे. वहीं, कुछ कांग्रेस नेताओं और भाजपा पार्षद के साथ नगर निगम के अधिकारी की ओर से भी अभद्र व्यवहार किया गया. इस मामले को लेकर पार्षद दल ने आयुक्त जिनमें गोपाल से मुलाकात कर अपना विरोध भी दर्ज करवाया.
इस पूरे मामले में जब आयुक्त चिन्मयी गोपाल से बात की गई तो उनका कहना था कि गलती अजमेर नगर निगम के स्तर पर हुई है. जेईएन प्रियंका चौधरी की गलत रिपोर्ट के आधार पर गलत मकान को सीज कर दिया गया. जिसे शुक्रवार सुबह खोल दिया जाएगा पार्षदों की ओर से नगर निगम अधिकारियों पर अभद्रता के आरोप के लेकर चिन्मयी गोपाल ने अनभिज्ञता जाहिर की है.