अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 को 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन आयोग अभी तक परिणाम जारी नहीं कर सका है. अभ्यर्थी आयोग से लेकर सरकार तक परिणाम जारी करने की गुहार लगा चुके हैं, बावजूद अभी तक परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं. ऐसे में अभ्यर्थी पिछले 9 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इस दौरान अभ्यर्थियों ने कोल्हू के बैल बनकर परिणाम जारी करने की मांग.
दरअसल, सितंबर 2018 को प्रधानध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 आयोजित हुई थी. करीब 72000 अभ्यर्थियों ने 12100 पदों के लिए परीक्षा दी थी. परीक्षा के एक महीने बाद से ही अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग आयोग से कर रहे हैं. राज्य के विभिन्न जिलों से अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग को लेकर आयोग के चक्कर लगाते रहे हैं. इतना ही नहीं वो उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से भी फरवरी महीने में गुहार लगा चुके हैं. अभ्यार्थियों की ना तो आयोग सुन रहा है, और ना ही सरकार आयोग को कोई दिशा-निर्देश दे रही है.
ऐसे में परेशान अभ्यर्थी पिछले 9 दिन से भीषण गर्मी में आयोग भवन से कुछ दूर अनिश्चितकालीन धरना लगाकर बैठे हैं. इस दौरान शांतिपूर्वक तरीके से अभ्यर्थी अपना प्रदर्शन कर सरकार और आयोग का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. भीषण गर्मी के दौरान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अभ्यार्थियों ने सोमवार कोल्हू के बैल की तरह चक्कर लगाते रहे.
इससे अभ्यर्थियों ने आयोग को यह संदेश देने की कोशिश की है, कि लगातार चक्कर लगाने के बाद, अब उनकी स्थिति कोल्हू के बैल की तरह हो गई है. उनकी परिस्थिति को समझते हुए आयोग को अब प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा परिणाम-2018 के परिणाम जारी कर देने चाहिए. अभ्यार्थियों ने बताया कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जयपुर गया हुआ है. ऐसे में सीएम से मुलाकात के बाद ही अभ्यर्थी अगली रणनीति बनाएंगे.