ETV Bharat / state

Special : अब अजमेर का हो चुका है पाकिस्तान का ये जायका, जानिए कैसे भारतीयों के दिल में 'कराची हलवा' ने बनाई जगह - Rajasthan Hindi News

धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर के जायके में यहां का सुप्रसिद्ध कराची हलवा भी शुमार है. इस खास मिठाई का ईजाद अजमेर में हुआ तो नहीं था, लेकिन अब यह यहीं की होकर रह गई है. जानिए क्या है इस जेलीनुमा मिठाई की खासियत...

Karachi Halwa of Ajmer
अजमेर का कराची हलवा
author img

By

Published : May 13, 2023, 8:49 PM IST

Updated : May 13, 2023, 9:42 PM IST

अब अजमेर का हो चुका है पाकिस्तान का ये जायका

अजमेर. हर शहर का अपना मिजाज और तहजीब होती है. धार्मिक नगरी अजमेर में कई धर्म-जाति समाज के लोग रहते हैं. साथ ही यहां के जायके में भी गंगा-जमुनी तहजीब महसूस की जा सकती है. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह में हजारों जायरीन हर रोज अजमेर आते हैं और यहां के जायके का भी आनंद लेते हैं. अजमेर में कई तरह के खाद्य व्यंजन हैं, जो जायरीन और पर्यटकों को लुभाते हैं. इनमें से एक है कराची हलवा. विभाजन के समय से पहले यह मिठाई पाकिस्तान में बना करती थी, लेकिन 1947 के बाद से कराची का हलवा अजमेर के जायके में शुमार हो गया. वैसे तो गुजरात, मुम्बई और कुछ अन्य राज्यों में भी कराची हलवा मिलता है, लेकिन अजमेर के कराची हलवे की बात ही कुछ और है.

सिंधी व्यंजनों में शामिल है कराची हलवा : सन 1947 में भारत-पाक विभाजन के समय बड़ी संख्या में पाकिस्तान से सिंधी समाज भारत आ गए थे. इनमें से कई ऐसे सिंधी परिवार थे जो पाकिस्तान में भी मिठाई का कारोबार किया करते थे. उन्हीं में से कुछ परिवारों ने भारत आकर भी उन सभी मिठाइयों को बनाना जारी रखा जो सिंधी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं. अजमेर में सिंधी समाज में होने वाली शादियों में आज भी बहन-बेटियों को सिंधी मिठाइयां दी जाती हैं. इसमें कराची हलवा भी शामिल है. अजमेर शहर में बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग रहते हैं. वह अपने दूर रिश्तेदारों को भी यहां का कराची हलवा भेजते हैं.

Karachi Halwa of Ajmer
पिस्ता, ऑरेंज और केसर फ्लेवर में मिलती है मिठाई

पढ़ें. राजस्थानः जोधपुर की शाही गुलाब जामुन की सब्जी को खा आप भी कहेंगे वाह भई वाह...

गुजरात के नोसारी के रहने वाले किशोर भाई लालवानी बताते हैं कि वह जब भी अजमेर अपने ससुराल आते हैं तो सिंधी मिठाइयों के साथ ही कराची हलवा का स्वाद लेना नहीं भूलते हैं. कराची हलवा उन्हें पसंद है. वह हमेशा अपने साथ कराची हलवा लेकर जाते हैं. लालवानी बताते हैं कि रिश्तेदारों और घर पर भी कराची हलवा सबको पसंद आता है. खासकर बच्चों की तो विशेष डिमांड रहती है कि अजमेर से कराची हलवा जरूर लाएं. स्थानीय निवासी मीना बताती हैं कि वो 10 वर्षों से वो कराची हलवा खरीद रही हैं. सिंधी समाज में बेटियों की सगाई और शादी में कराची हलवा मिठाई के तौर पर दिया जाता है. दूरदराज रहने वाले रिश्तेदार भी कराची हलवा भेजने की फरमाइश करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि यह मिठाई पाकिस्तान में ईजाद हुई थी, लेकिन अब यह यहीं का जायका बन चुकी है.

ऑरेंज, केसर और पिस्ता फ्लेवर का हलवा : मिठाई की दुकान पर कराची हलवा अलग से ही दिख जाता है. प्लास्टिक में पैक जेलीनुमा मिठाई तीन रंगों में बिकती है, जिनका फ्लेवर ऑरेंज, केसर और पिस्ता होता है. नला बाजार में मिठाई की दुकान के मालिक रमेश तेजवानी बताते हैं कि यह पाकिस्तान का उत्पाद है. विभाजन के समय जब पूर्वज भारत आए, तब से कराची हलवा बनाया जा रहा है. तेजवानी ने बताया कि उनके पिता ने मुंबई के कल्याण में आपने समाज के लोगों से कराची हलवा बनाने की रेसिपी सीखी थी. उसके बाद सन् 1956 में उनके पिता ने अजमेर में दुकान लगाई, तभी से दुकान पर सिंधी मिठाइयों के साथ कराची हलवा भी बनाया जाता है.

पढ़ें. Special : हजार रुपए किलो मिलती है ये खास रोटी...जिसे खा आप भी कहेंगे वाह भाई वाह

उन्होंने बताया कि यह कराची हलवा जेली की तरह होता है. इसको बनाने में काफी मेहनत होती है. मक्का, आरारोठ, शक्कर, घी, ढेर सारे ड्राई फ्रूट्स के अलावा फ्लेवर मिलाकर कराची हलवा को तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि कराची हलवे में वनस्पति घी और देसी घी दोनों का ही इस्तेमाल होता है, इसलिए इनके भाव भी अलग-अलग होते हैं. कराची हलवा की कीमत 250 से 1200 रुपए किलो तक होती है. कराची हलवा को मुंबई हलवा भी कहा जाता है. यह काफी सॉफ्ट होता है और खाने में भी बेहद पसंद किया जाता है. उन्होंने बताया कि सिंधी शादियों में बारातियों के लिए भी कराची हलवा बांधा जाता है. दरगाह में बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं, जो लौटते हुए अपने साथ कराची हलवा भी ले जाते हैं.

विदेशों में पसंद की जाती है मिठाई : अजमेर के खारी कुई में सिंधी मिठाई की दुकान के मालिक अर्जुनदास वतवानी बताते हैं कि प्रतिदिन 600 किलो कराची हलवे की खपत अजमेर में हो जाती है. यह उत्पाद पाकिस्तान का जरूर है, लेकिन इसमें अब अजमेर का टच है जो इसको मुलायम और स्वाद से जुदा बनाता है. कराची हलवा अजमेर की सिंधी मिठाइयों में शामिल है. उन्होंने बताया कि सिंधी शादियों में कराची हलवा जरूर होता है. अजमेर के सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में विदेशों में भी रहते हैं, वो भी अपने साथ कराची हलवा जरूर लेकर जाते हैं, यह विदेश में भी पसंद किया जाता है.

अब अजमेर का हो चुका है पाकिस्तान का ये जायका

अजमेर. हर शहर का अपना मिजाज और तहजीब होती है. धार्मिक नगरी अजमेर में कई धर्म-जाति समाज के लोग रहते हैं. साथ ही यहां के जायके में भी गंगा-जमुनी तहजीब महसूस की जा सकती है. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह में हजारों जायरीन हर रोज अजमेर आते हैं और यहां के जायके का भी आनंद लेते हैं. अजमेर में कई तरह के खाद्य व्यंजन हैं, जो जायरीन और पर्यटकों को लुभाते हैं. इनमें से एक है कराची हलवा. विभाजन के समय से पहले यह मिठाई पाकिस्तान में बना करती थी, लेकिन 1947 के बाद से कराची का हलवा अजमेर के जायके में शुमार हो गया. वैसे तो गुजरात, मुम्बई और कुछ अन्य राज्यों में भी कराची हलवा मिलता है, लेकिन अजमेर के कराची हलवे की बात ही कुछ और है.

सिंधी व्यंजनों में शामिल है कराची हलवा : सन 1947 में भारत-पाक विभाजन के समय बड़ी संख्या में पाकिस्तान से सिंधी समाज भारत आ गए थे. इनमें से कई ऐसे सिंधी परिवार थे जो पाकिस्तान में भी मिठाई का कारोबार किया करते थे. उन्हीं में से कुछ परिवारों ने भारत आकर भी उन सभी मिठाइयों को बनाना जारी रखा जो सिंधी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं. अजमेर में सिंधी समाज में होने वाली शादियों में आज भी बहन-बेटियों को सिंधी मिठाइयां दी जाती हैं. इसमें कराची हलवा भी शामिल है. अजमेर शहर में बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग रहते हैं. वह अपने दूर रिश्तेदारों को भी यहां का कराची हलवा भेजते हैं.

Karachi Halwa of Ajmer
पिस्ता, ऑरेंज और केसर फ्लेवर में मिलती है मिठाई

पढ़ें. राजस्थानः जोधपुर की शाही गुलाब जामुन की सब्जी को खा आप भी कहेंगे वाह भई वाह...

गुजरात के नोसारी के रहने वाले किशोर भाई लालवानी बताते हैं कि वह जब भी अजमेर अपने ससुराल आते हैं तो सिंधी मिठाइयों के साथ ही कराची हलवा का स्वाद लेना नहीं भूलते हैं. कराची हलवा उन्हें पसंद है. वह हमेशा अपने साथ कराची हलवा लेकर जाते हैं. लालवानी बताते हैं कि रिश्तेदारों और घर पर भी कराची हलवा सबको पसंद आता है. खासकर बच्चों की तो विशेष डिमांड रहती है कि अजमेर से कराची हलवा जरूर लाएं. स्थानीय निवासी मीना बताती हैं कि वो 10 वर्षों से वो कराची हलवा खरीद रही हैं. सिंधी समाज में बेटियों की सगाई और शादी में कराची हलवा मिठाई के तौर पर दिया जाता है. दूरदराज रहने वाले रिश्तेदार भी कराची हलवा भेजने की फरमाइश करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि यह मिठाई पाकिस्तान में ईजाद हुई थी, लेकिन अब यह यहीं का जायका बन चुकी है.

ऑरेंज, केसर और पिस्ता फ्लेवर का हलवा : मिठाई की दुकान पर कराची हलवा अलग से ही दिख जाता है. प्लास्टिक में पैक जेलीनुमा मिठाई तीन रंगों में बिकती है, जिनका फ्लेवर ऑरेंज, केसर और पिस्ता होता है. नला बाजार में मिठाई की दुकान के मालिक रमेश तेजवानी बताते हैं कि यह पाकिस्तान का उत्पाद है. विभाजन के समय जब पूर्वज भारत आए, तब से कराची हलवा बनाया जा रहा है. तेजवानी ने बताया कि उनके पिता ने मुंबई के कल्याण में आपने समाज के लोगों से कराची हलवा बनाने की रेसिपी सीखी थी. उसके बाद सन् 1956 में उनके पिता ने अजमेर में दुकान लगाई, तभी से दुकान पर सिंधी मिठाइयों के साथ कराची हलवा भी बनाया जाता है.

पढ़ें. Special : हजार रुपए किलो मिलती है ये खास रोटी...जिसे खा आप भी कहेंगे वाह भाई वाह

उन्होंने बताया कि यह कराची हलवा जेली की तरह होता है. इसको बनाने में काफी मेहनत होती है. मक्का, आरारोठ, शक्कर, घी, ढेर सारे ड्राई फ्रूट्स के अलावा फ्लेवर मिलाकर कराची हलवा को तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि कराची हलवे में वनस्पति घी और देसी घी दोनों का ही इस्तेमाल होता है, इसलिए इनके भाव भी अलग-अलग होते हैं. कराची हलवा की कीमत 250 से 1200 रुपए किलो तक होती है. कराची हलवा को मुंबई हलवा भी कहा जाता है. यह काफी सॉफ्ट होता है और खाने में भी बेहद पसंद किया जाता है. उन्होंने बताया कि सिंधी शादियों में बारातियों के लिए भी कराची हलवा बांधा जाता है. दरगाह में बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं, जो लौटते हुए अपने साथ कराची हलवा भी ले जाते हैं.

विदेशों में पसंद की जाती है मिठाई : अजमेर के खारी कुई में सिंधी मिठाई की दुकान के मालिक अर्जुनदास वतवानी बताते हैं कि प्रतिदिन 600 किलो कराची हलवे की खपत अजमेर में हो जाती है. यह उत्पाद पाकिस्तान का जरूर है, लेकिन इसमें अब अजमेर का टच है जो इसको मुलायम और स्वाद से जुदा बनाता है. कराची हलवा अजमेर की सिंधी मिठाइयों में शामिल है. उन्होंने बताया कि सिंधी शादियों में कराची हलवा जरूर होता है. अजमेर के सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में विदेशों में भी रहते हैं, वो भी अपने साथ कराची हलवा जरूर लेकर जाते हैं, यह विदेश में भी पसंद किया जाता है.

Last Updated : May 13, 2023, 9:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.