पुष्कर (अजमेर). पुष्कर विधायक सुरेश रावत ने विधानसभा में मीणा समाज के समकक्ष ST में रावत समाज को आरक्षण देनी की मांग की थी. अब यह मामला विधायक रावत के गले की फांस बनता नजर आ रहा है. विधायक रावत के खिलाफ समाज की प्रदेश रावत महासभा और स्वाभिमानी रावत राजपूत सभा ने मोर्चा खोल दिया है. रावत समाज ने कस्बे की रावत समाज धर्मशाला में बैठक आहूत कर विधायक रावत द्वारा st में आरक्षण की मांग को गलत ठहराते हुए निंदा की है.
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दरअसल कुछ दिनों पूर्व विधायक सुरेश रावत ने विधानसभा के पटल पर रावत समाज को मीणा जाती के समकक्ष अनुसूचित जनजाति में आरक्षण की मांग उठाई थी. जिसको लेकर अब रावत समाज में खासा रोष देखने को मिल रहा है. इसी के चलते विधायक सुरेश रावत के खिलाफ समाज सबसे बड़ी ओर पूरे प्रदेश में प्रभाव रखने वाली रावत महासभा ओर स्वाभिमानी रावत राजपूत महासभा के बैनर तले रावत समाज के लोग लामबंध हो गए हैं.
समाज के प्रदेश अध्यक्ष शैतान सिंह रावत ने बताया कि विधायक रावत ने समाज के ऐतिहासिक परिपेक्ष को सदन में वास्तविक रूप से प्रस्तुत नहीं किया. समाज का मीणा जाती से कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है. शैतान सिंह रावत ने विधायक सुरेश रावत पर राजनीतिक रोटी सेकने का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज लंबे अरसे से OBC में आरक्षण की मांग कर रहा है. ऐसे में समाज को विधायक रावत द्वारा भ्रमित किया जा रहा है. जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र के द्वारा अवगत करवाया गया है.
दूसरी ओर स्वाभिमानी रावत राजपूत महासभा के जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह पंवार ने विधायक सुरेश रावत पर समाज के लोगों से मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि जब समाज के लोग विधायक रावत से समझाइश करने पहुंचे तो विधायक रावत ने उनके साथ मारपीट की. इस संबंध में एक परिवाद पुष्कर थाने में भी दर्ज करवाया गया है. जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह पंवार ने इस मामले त्वरित कार्रवाई की मांग उठाई है.
गौरतलब है कि अजमेर लोकसभा सीट और पुष्कर-ब्यावर विधानसभा सीट पर रावत समाज का दबदबा है. जिसके चलते कई बार राजनीतिक दल इन सीटों पर रावत समाज के नेताओं को चुनावी रण में उतारते हैं. विधायक रावत का समाज के वोटों को साधने का यह दाव अब उल्टा पड़ता नजर आ रहा है. अब देखना होगा कि चुनावों के पूर्व अचानक आरक्षण की मांग का यह मामला विधायक सुरेश रावत को कितना राजनीतिक नुकसान पहुंचता है.