अजमेर. जिले में राशन डीलरों ने 10 सूत्रीय ज्ञापन जिला रसद अधिकारी को सौंपा है. राशन डीलरों का आरोप है कि नए ठेकेदारों की ओर से गेहूं सप्लाई में मनमानी की जा रही है. इससे राशन डीलरों को काफी परेशानी हो रही है. राशन डीलरों का कहना है कि ठेकेदार दुकान तक राशन का गेहूं नहीं पहुंचा रहे हैं. इससे वितरण प्रभावित होगा.
ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के बैनर तले जिले के राशन डीलरों ने रसद विभाग कार्यालय पहुंचकर रसद अधिकारी से 10 सूत्रीय मांग की है. फेडरेशन के प्रदेश सचिव सुरेश सैनी ने बताया कि ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं. वे गेहूं तोल कर नहीं देते और गाड़ी में चार से पांच राशन डीलर का माल लेकर एक ही जगह खड़ा करके डीलरों को अपने वाहनों से राशन का गेहूं ले जाने के लिए कहते हैं. इस दौरान भी गेहूं नहीं तोला जाता. यदि गेहूं कम निकला तो राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई होती है. जबकि ठेकेदार को गेहूं राशन की दुकान तक पहुंचाना चाहिए. वहां राशन की दुकान पर ही गेहूं का तौल होना चाहिए. जिससे पारदर्शिता बनी रहे.
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उन्होंने बताया कि राशन डीलरों के पास इलेक्ट्रॉनिक कांटे उपलब्ध हैं. पहले भी एक-एक कट्ठा तौल कर देने की भी व्यवस्था थी लेकिन अब नए ठेकेदारो ने गेहूं तौल की व्यवस्था को बंद कर दिया है. सैनी ने रसद विभाग से मांग की है कि राशन डीलर की दुकान पर 11 गेहूं के कट्टे को तलवा कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के चलते सभी डीलरों के पास गेहूं की मात्रा में भारी छीजत आ रही है. जिससे अधिकारियों को भौतिक सत्यापन के दौरान सामग्री कम प्राप्त होने पर न्यायिक कार्रवाई के लिए उचित मूल्य दुकानदार को ही दोषी ठहराया जाता है. वहीं उपभोक्ता भी संपूर्ण गेहूं नहीं मिलने पर शिकायत करते हैं. जबकि भौतिक रूप से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ठेकेदार ही गेहूं कम भेज रहे हैं.
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फेडरेशन के प्रदेश सचिव सैनी ने बताया कि ट्रांसपोर्टर को पूरा किराया उसके टेंडर के अनुसार डोर स्टेप डिलीवरी से पहुंचाने के लिए पाबंद किया हुआ है. फिर भी उचित मूल्य दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है. ट्रांसपोर्टर ठेकेदार टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं. इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सैनी ने बताया कि स्टॉक रजिस्टर में इंद्राज करने तथा पीओएस मशीन में रिसीव करने में भी परेशानी आ रही है. उन्होंने बताया कि गाड़ी के साथ कोई भी ठेकेदार का जवाबदार व्यक्ति नहीं आता है. डीलरों को ड्राइवर से भी किसी प्रकार का संतोषप्रद जवाब नहीं मिलता. डीलरों को ड्राइवर से बहस करनी पड़ती है. ट्रांसपोर्टर को हमारे द्वारा कई बार मौखिक रूप से सूचित किया गया लेकिन उनके कान पर जूं नहीं रेंग रही है.
दूसरी ओर फेडरेशन के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार ने कोरोना वॉरियर्स की कैटेगरी ही निश्चित की है लेकिन उसमें राशन डीलर को नहीं जोड़ा है. जबकि कोरोना महामारी में राशन डीलर भी सरकार का पूरा सहयोग करते हुए खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोगों को राशन वितरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि योजना से जुड़े लोगों को मई माह में 5 किलो की जगह 10 किलो गेहूं मिलना था लेकिन नए ठेकेदारों की मनमानी और कार्यशैली की वजह से योजना से मिलने वाला गेहूं जून माह से मिलेगा.
उन्होंने कहा कि गेहूं के तोल की व्यवस्था उचित मूल्य की दुकानों पर नहीं होती है तो राशन डीलर वितरण का कार्य नहीं करेंगे. इधर जिला रसद अधिकारी अंकित पचार का कहना है कि राशन डीलर्स से बातचीत की गई है. खाद्य सुरक्षा योजना के अतिरिक्त गरीब कल्याण योजना का गेंहू राशन डीलर्स तक पहुचाया जा रहा है. अगले माह का गेहूं भी पहुंचने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. गेंहू का तौल पूरा है. FCI गोदाम पर तोल होकर बाकायदा पर्ची कटने के बाद ही गेंहू राशन की दुकानों तक पहुंच रहा है.