अजमेर. अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता व चार बार बीजेपी से पार्षद रहे ज्ञान सारस्वत ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सारस्वत के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा में खलबली मच गई है. रविवार को सारस्वत ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
सारस्वत ने भाजपा से अजमेर उत्तर क्षेत्र के लिए टिकट मांगा था, लेकिन भाजपा ने वासुदेव देवनानी को फिर से पार्टी का प्रत्याशी बनाया है. सारस्वत का आरोप है कि राजस्थान के अन्य जिलों में हुए विकास की तुलना में अजमेर 20 साल से पिछड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पार्षद होने के नाते लोग उन्हें उलाहना देते हैं. सारस्वत ने कहा कि जनहित के लिए मैंने कई बार विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है, अजमेर शहर में विकास अवरोध है इस नाते मुझे पीड़ा है और यह विकास पार्षद रहते शहर का नही करवा सकता.
शहर के विकास के लिए मेरा पद और कद दोनों ही छोटा : भाजपा से बागी ज्ञान सारस्वत ने कहा कि अजमेर के विकास को करवाने की मेरी भावना है और इसके लिए मेरा कद और पद दोनों ही छोटे हैं, इसलिए जनहित में मैंने यह कदम उठाया है.
देवनानी की बड़ी मुश्किल : पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार भाजपा के उम्मीदवार बने वासुदेव देवनानी की मुश्किल में बढ़ गई है. चार बार पार्षद रहे वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञान सारस्वत के बगावत करने से देवनानी को बड़ा झटका लगा है. सारस्वत के साथ ब्राह्मण, क्षत्रिय और मारवाड़ी वोट बैंक का बड़ा तबके का समर्थन है. दरअसल सारस्वत राजस्थान में सबसे अधिक मतों से जीतने वाले पार्षद हैं.