अजमेर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा अजमेर में आज अपने धार्मिक दौरे पर थे. खास बात यह रही कि रंधावा ने अपने दौरे के बारे में किसी भी स्थानीय नेता और पार्टी के पदाधिकारी को सूचना नहीं दी. रंधावा ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत की. इसके बाद पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा मंदिर पहुंच कर दर्शन किए. अपने धार्मिक दौरे के दौरान रंधावा राजनीतिक सवालों से भी बचते हुए नजर आए.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस में उम्मीदवारों की सूची को लेकर मंत्रणा जारी है. कांग्रेस उम्मीदवारों की प्रथम सूची दो-तीन दिन में जारी कर सकती है. प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं को उम्मीदवारों की सूची का बेसब्री से इंतजार है. यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं की नजर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और पीएससी पर टिकी हुई है. जाहिर है इस वक्त यहां से मिलने वाला हर संकेत टिकट के दावेदारों के लिए मायने रखता है.
रंधावा का अचानक बिना सूचना दिए अजमेर आना कांग्रेसियों के लिए हैरान कर देने वाला था. रंधावा ने अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में मखमली चादर और अकीकत के फूल पेश कर देश में अमन-चैन और भाईचारे की दुआ मांगी. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने के लिए भी दुआ की. रंधावा के साथ उनके परिचित भी मौजूद रहे. दरगाह में बातचीत के दौरान सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में धर्मनिरपेक्षता है. पार्टी में हर जाति-धर्म समाज के लोगों शामिल हैं. दरगाह में भी सभी धर्म के लोग जियारत के लिए आते हैं और उनकी मुरादे यहां पूरी होती है. मैंने भी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने की दुआ मांगी है. मैं पहले प्रभारी बनकर दरगाह आया था. आज बिना किसी को सूचना दिए श्रद्धालु बनकर आया हूं.
रंधावा ने कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची 2-3 दिन के भीतर आने की बात कही है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई बगावत नहीं है. यदि है, तो बताए मैं ठीक कर दूंगा. कांग्रेस में सब एक जुट हैं. बगावत बीजेपी में काफी है. कांग्रेस विरोधी सुर बंद हो चुका है. गहलोत-पायलट का कोई बयान आना बंद हो गया है. वह कांग्रेसी और कांग्रेस के पक्ष में बात करते हैं. पुष्कर में रंधावा ने कहा कि जगत पिता ब्रह्मा का आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं. पुष्कर में गुरु गोविंद सिंह भी आए थे. उनका हुक्मनामा भी यहां पर है. यहां आने का मकसद धार्मिक यात्रा थी.