अजमेर. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) के सदस्य बनने से उनके समर्थकों को भी ऑक्सीजन मिल गया है. पायलट का पार्टी में कद बढ़ने से उनके समर्थक भी सक्रिय हो गए हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में दावेदारी कर रहे पायलट समर्थक अब टिकट को लेकर आशांवित नजर आ रहे हैं. दरअसल इससे पहले पायलट समर्थक टिकट दावेदार असमंजस की स्थित में थे. वहीं, सीडब्ल्यूसी के सदस्य बनने के बाद पायलट गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में सभाएं कर रहे हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 24 अगस्त को मसूदा विधानसभा क्षेत्र के विजयनगर में किसान सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इससे पहले सचिन पायलट ने गत मंगलवार को टोंक में जनसभा को संबोधित किया था. बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में पायलट का आसींद और नसीराबाद में भी सभा करने का कार्यक्रम है. यह चारों स्थान ही गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र हैं. चर्चा यह भी है कि पायलट इन सभा के माध्यम से अपने लिए सेफ सीट तलाश रहे हैं. साथ ही अपने पक्ष में समाज को सक्रिय भी कर रहे हैं. बता दें कि सचिन पायलट टोंक से मौजूदा विधायक हैं.
अजमेर की 8 सीट पर पायलट समर्थक : सचिन पायलट का अजमेर से गहरा नाता रहा है. पायलट पायलट दो बार अजमेर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ चुके हैं. पहले चुनाव में उन्होंने अजमेर से जीत दर्ज करवाई थी. यूपीए सरकार में पायलट को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था. यही वजह है कि पायलट का अजमेर जिले में वर्चस्व कायम है. यह बात दूसरी है कि पायलट मोदी लहर के सामने टिक नहीं पाए और अजमेर लोकसभा का दूसरा चुनाव हार गए थे. इसके बाद सचिन पायलट ने 2018 का विधानसभा अजमेर संभाग के टोंक विधानसभा सीट से लड़ा था.
पायलट समर्थकों में उत्साह का माहौल : अब चर्चा यह है कि पायलट टोंक सीट को छोड़ कर किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ेंगे. पायलट के मसूदा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं ज्यादा गर्म हैं. 24 अगस्त को सचिन पायलट मसूदा विधानसभा क्षेत्र के विजयनगर कस्बे में किसान सम्मेलन को संबोधित करने जा रहे हैं. अजमेर जिले में पायलट समर्थकों में उत्साह का माहौल है. मसूदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक राकेश पारीक पायलट के प्रबल समर्थक हैं. विधायक राकेश पारीक ने किसान सम्मेलन को सफल बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया है. पायलट समर्थक संग्राम सिंह गुर्जर भी किसान सम्मेलन की तैयारी में जुटे हुए हैं.
पायलट समर्थकों को मिला ऑक्सीजन : सचिन पायलट का अजमेर जिले में दबदबा है, लेकिन गहलोत गुट जिले में हावी रहा है. गहलोत गुट से पहले डॉ. रघु शर्मा और उनके बाद धर्मेंद्र राठौड़ ने प्रशासन पर पकड़ बना रखी है. दरअसल, सचिन पायलट को पार्टी में होल्ड पर रखने से उनके समर्थकों का मनोबल भी गिर रहा था. आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर सचिन पायलट की चलेगी या नहीं, इसको लेकर भी कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में थे. पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनाया है, जिसके बाद समर्थकों में उत्साह आया है. समर्थकों को लगने लगा है कि पिछली बार की तरह ही सचिन पायलट को टिकट वितरण में तरजीह मिलेगी.
अजमेर की आठों विधानसभा सीट पर टिकट : विगत 2018 के चुनाव में सचिन पायलट ने अजमेर की आठों सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिए थे. हालांकि आठ में से कांग्रेस को केकड़ी और मसूद सीट ही मिल पाई थी, जबकि किशनगढ़ से निर्धारित उम्मीदवार सुरेश टांक पायलट के समर्थन से जीते थे. मानेसर प्रकरण में राकेश पारीक के अलावा जिले से निर्दलीय विधायक सुरेश रावत भी उनके साथ थे, जबकि पायलट समर्थक अजमेर उत्तर से महेंद्र सिंह रलावता, अजमेर दक्षिण हेमंत भाटी, नसीराबाद रामनारायण गुर्जर, पुष्कर नसीम अख्तर और ब्यावर से पारस पंच चुनाव हारे थे. इस बार भी अन्य के अलावा गत चुनाव हारे पायलट समर्थक फिर से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं.