अजमेर. अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला 2022 (Pushkar Fair 2022) में देसी और विदेशी पर्यटकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. शनिवार को मूंछ और तिलक प्रतियोगिता एवं साफा बांधने की प्रतियोगिता में पर्यटकों ने जमकर आनंद लिया. पुष्कर मेले में आयोजित मूंछ प्रतियोगिता में 17 लोगों ने भाग लिया. मेले में आयोजित प्रतियोगिता में बड़ी-बड़ी मूछें रखने वाले लोग आकर्षण का केंद्र रहे.
राजस्थान पर्यटन विभाग के उप निदेशक संजय जौहरी ने बताया कि मूंछ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर राम सिंह राजपुरोहित और दूसरे स्थान पर इशाक खान और तीसरे स्थान पर कुलदीप सिंह रहे हैं. उन्होंने बताया कि मूंछ प्रतियोगिता में निर्णय मूंछों की लंबाई को देखते हुए नहीं बल्कि सुंदर और आकर्षक होने वाली मूंछों को देखकर लिया गया है. जौहरी ने बताया कि साफा बांधने और तिलक करने की प्रतियोगिता में 13 देसी-विदेशी पर्यटकों ने भाग लिया. इसमें इजरायली पर्यटक बर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. वहीं दूसरा स्थान भीलवाड़ा के संजू ने जीता. तीसरे स्थान पर इजराइल के मीका रहे.
राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नकद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए. मूंछ और साफा बांधने की प्रतियोगिता ने देसी और विदेशी पर्यटकों को खूब लुभाया. साफा बांधने की प्रतियोगिता में अव्वल रहे इजरायली पर्यटक बर ने बताया कि साफा बांधने की प्रतियोगिता में उन्हें बहुत मजा आया. पहली बार उन्होंने अपने सिर पर साफा बांधा है. प्रतियोगिता में जीतने की उन्हें खुशी है.
कोलंबिया से आई पर्यटक रियाना ने बताया कि इससे पहले उन्होंने कभी भी मूंछ और साफा बांधने की (Safa Competition in Pushkar Fair 2022) प्रतियोगिता नहीं देखी थी. यह देखकर उन्हें काफी मजा आया. उन्होंने कहा कि पारंपरिक वेशभूषा और मूंछों में सभी पुरुष बहुत ही सुंदर लग रहे थे. साफा बंधना भी राजस्थान की संस्कृति से जुड़ा हुआ है. पुष्कर में उनका यह अनुभव काफी शानदार रहा. पुष्कर मेला वास्तव में अद्भुत है. पुष्कर मेले में मेजबानी बहुत ही अच्छी लगी.
2010 से राम सिंह राजपुरोहित की मूंछ है ऊंची : मूंछ प्रतियोगिता के विजेता के रूप में राम सिंह राजपुरोहित ने लगातार 12वीं बार पुष्कर मेले में मूंछ प्रतियोगिता में बाजी मारी है. पारंपरिक वेशभूषा में राम सिंह राजपुरोहित देसी विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे. बातचीत में उन्होंने बताया कि वह 2010 से लगातार 11 बार मूंछ प्रतियोगिता में जीत हासिल कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि मूंछों को छोटे बच्चे की तरह पालना पड़ता है. दिन में दो बार मूंछ की मसाज सरसों के तेल से करते हैं. आंवला सहित अन्य आयुर्वेदिक औषधियां भी लगती हैं.
राम सिंह ने कहा कि मूंछे रखना भारतीय पुरुषों की पहचान थी. लेकिन समय के साथ पुरुषों ने मूंछें रखना कम कर दिया है. इसी परंपरा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने मूंछ रखना शुरू किया था और आज यही मूंछें उनकी पहचान बन गई है. उन्होंने कहा कि छोटी मूंछें दुकान हैं तो उनकी यह बड़ी मूंछें, मूंछों का गोदाम. उन्होंने बताया कि जगतपिता ब्रह्मा के आशीर्वाद से पुष्कर में 12वीं बार उन्होंने अपनी मूछें की वजह से जीत हासिल की है. वह राजस्थान में मूंछ, पगड़ी प्रतियोगिताओं में 41 अवार्ड जीत चुके हैं.
पढ़ें. पुष्कर मेला 2022: पहली बार हुए पतंग उत्सव में देसी-विदेशी पर्यटकों ने जमकर की पतंगबाजी
क्रिकेट मैच में विदेशी टीम को मिली शिकस्त : अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में पर्यटकों के लिए विभिन्न (Cricket Competition in Pushkar Fair 2022) खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. शनिवार को पुष्कर मेला मैदान पर लगान स्टाइल में क्रिकेट मैच खेला गया. मैच में विदेशी पर्यटकों की टीम को स्थानीय ग्रामीणों की टीम ने चुनोती दी. 10-10 ओवर के मैच में पहले विदेशी टीम ने बल्लेबाजी कर स्थानीय ग्रामीण टीम के सामने 67 रन की चुनौती रखी. इसके बाद स्थानीय ग्रामीण टीम ने विदेशी टीम को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी.