बिजयनगर (अजमेर). नानी बाई का मायरा के तीसरे दिन रविवार को भगवान कृष्ण सांवरिया सेठ मंडपिया की ओर से पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार बैलगाड़ियों से मायरा भव्य खाटूश्यामजी की शोभायात्रा के साथ इंद्रा मंच कथा स्थल पहुंचा. कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने बिजयनगर में तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा वाचन के अंतिम दिवस पर मायरे की रस्में निभाई.
श्याम मित्र मंडल बिजयनगर के पदाधिकारी ग्वालों की वेशभूषा में सफेद धोती, पीला कुर्ता व पगड़ी पहने शोभायात्रा में शामिल हुए थे. इस दौरान बैलगाड़ी में मायरा के सजे वस्त्र, शोभित बैलगाड़ियों के साथ ऊंटों पर पताका लहराते हुए शोभायात्रा को और भव्य बना रहे थे. बाजे की धुन पर थिरकते महिला-पुरुष धर्मावलंबी नानी बाई का मायरा कथा स्थल ब्यावर रोड इंद्रा मंच पर पहुंचे.
मायरा कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया : शोभायात्रा में श्रद्धालुओं का भारी उत्साह नजर आया. बड़ी संख्या में श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल हुए. महिलाओं ने भगवान कृष्ण के आसन को सिर पर बैठाया और छोटे बालक कृष्ण की तरह वेश-भूषा में नाचते नजर आए. इस दौरान शोभायात्रा का लखदातार सेवा मित्र मंडल बिजयनगर, सर्व कलाल समाज, नामदेव छीपा समाज सहित अन्य समाजों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा में शामिल धर्मावलंबियों का स्वागत किया. सांवरिया सेठ मंडापिया की ओर से पारंपरिक रीति-रिवाजों से बैलगाड़ियों से नानी बाई का मायरा लेकर लक्ष्मी नारायाण मन्दिर मिल चौक से कथा स्थल इंद्रा मंच पहुंचे. बैलगाड़ियों को सजाकर मायरे की पंरापरा के अनुसार कपड़े सहित अन्य सामान सजाकर शहर में शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में पालिका, पुलिस व प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिला.