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होली के मौके पर स्वास्थ्य विभाग बड़ी कार्रवाई, मावे के 8 व्यापारियों के यहां से लिए सैंपल

त्योहार के सीजन को देखते हुए प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. ऐसे में घातक रसायन खाने से बचने के लिए विभाग ने मुहिम चलाई है, जिसके तहत चिकित्सा विभाग की ओर से मंगलवार को अभियान चलाया गया और मावा के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की गई.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
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Published : Mar 19, 2019, 3:05 PM IST

अजमेर. त्योहार के सीजन को देखते हुए प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. ऐसे में घातक रसायन खाने से बचने के लिए विभाग ने मुहिम चलाई है, जिसके तहत चिकित्सा विभाग की ओर से मंगलवार को अभियान चलाया गया और मावा के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की गई.

जिले में मंगलवार को हुई विभाग की कार्रवाई से बाजार में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, होली का त्यौहार नजदीक होने से लोगों बाजारों से मिठाई खरीदना शुरू कर दिया है. भारी मात्रा में बिक रही मिठाइयों में मावे का उपयोग ज्यादा होता है. बड़ी मात्रा में उपयोग में आने वाला मावा अलवर, भरतपुर और यूपी से आता है, जिस में मिलावट की संभावनाएं अधिक रहती हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

विभाग के अधिकारियों ने करीब आठ मावे के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई को अंजाम दिया है. विभाग के अधिकारियों ने मौके पर ही टिंचर आयोडीन के माध्यम से मावे में मिलावट को परखा. वहीं, मावे की सैंपलिंग भी की है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मावे की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए यह कार्रवाई की जाती है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े. अधिकारियों का कहना है कि मावे में स्टार्ट, यूरिया, मैदा सहित कई रसायन मिलाए जाते हैं.

जिससे मावे के फैट को कम किया जाता है. ऐसा करने से मिलावट करने वाले चार दुकानदारों को मुनाफा होता है. साथ ही उन्होंने बताया कि मावे की दुकानों से लिए सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन बाद आएगी. ऐसे में यदि मावे में मिलावट पाई जाती है तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने कार्रवाई में पूरा मावा जप्त कर लिया है.


अजमेर. त्योहार के सीजन को देखते हुए प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. ऐसे में घातक रसायन खाने से बचने के लिए विभाग ने मुहिम चलाई है, जिसके तहत चिकित्सा विभाग की ओर से मंगलवार को अभियान चलाया गया और मावा के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की गई.

जिले में मंगलवार को हुई विभाग की कार्रवाई से बाजार में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, होली का त्यौहार नजदीक होने से लोगों बाजारों से मिठाई खरीदना शुरू कर दिया है. भारी मात्रा में बिक रही मिठाइयों में मावे का उपयोग ज्यादा होता है. बड़ी मात्रा में उपयोग में आने वाला मावा अलवर, भरतपुर और यूपी से आता है, जिस में मिलावट की संभावनाएं अधिक रहती हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

विभाग के अधिकारियों ने करीब आठ मावे के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई को अंजाम दिया है. विभाग के अधिकारियों ने मौके पर ही टिंचर आयोडीन के माध्यम से मावे में मिलावट को परखा. वहीं, मावे की सैंपलिंग भी की है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मावे की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए यह कार्रवाई की जाती है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े. अधिकारियों का कहना है कि मावे में स्टार्ट, यूरिया, मैदा सहित कई रसायन मिलाए जाते हैं.

जिससे मावे के फैट को कम किया जाता है. ऐसा करने से मिलावट करने वाले चार दुकानदारों को मुनाफा होता है. साथ ही उन्होंने बताया कि मावे की दुकानों से लिए सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन बाद आएगी. ऐसे में यदि मावे में मिलावट पाई जाती है तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने कार्रवाई में पूरा मावा जप्त कर लिया है.


Intro:अजमेर। त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हो गया है त्यौहार है तो मिठाई भी होगी लेकिन कहीं मिठाई में हम घातक रसायन तो नहीं खा रहे इस को लेकर विभाग ने मुहिम चलाई है अजमेर में आज विभाग की टीम ने मावा के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की।


Body:विभाग की कार्रवाई से बाजार में हड़कंप मचा हुआ है दरअसल होली का त्यौहार नजदीक है और इस त्योहार पर लोग बाजारों से मिठाई खरीदते हैं और अपनों के बीच में खुशियां मनाते हैं इन मिठाइयों में मावे का उपयोग होता है बड़ी मात्रा में मावा अलवर भरतपुर और यूपी से आता है जिस में मिलावट की संभावनाएं अधिक रहती है विभाग के अधिकारियों ने करीब 8:00 मावे के थोक व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर सैंपल यह है विभाग के अधिकारियों ने मौके पर ही टिंचर आयोडीन के माध्यम से मावे में मिलावट को परखा वहीं मावे की सैंपलिंग भी की है विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मावे की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए यह कार्रवाई की जाती है ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव ना पड़े अधिकारियों का कहना है कि मावे में स्टार्ट यूरिया मैदा सहित कई रसायन मिलाए जाते हैं जिससे मावे की फैट को कम किया जाता है ऐसा करने से मिलावट 4 दुकानदारों को मुनाफा होता है उन्होंने बताया कि मावे की दुकानों के लिए सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन बाद आएगी यदि मावे में मिलावट पाई जाती है तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी वही उसका सभी मावा जप्त कर लिया जाएगा....
बाइट- अजय गोयल खाद्य सुरक्षा अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अजमेर




Conclusion:विभाग अपनी कार्रवाई में जुटा है मगर यह जिम्मेदारी हमारी भी है कि हम अपने और परिवार के लिए खरीद रहे मावे या मिठाई की गुणवत्ता को परख जरूर लें ताकि होली के उमंग में मिठाई की मिठास तो हो लेकिन मिलावट का जहर ना हो।
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