अजमेर. कोरोना महामारी के चलते पीएम और सीएम की अपील के बाद सहायता के लिए कई भामाशाह और सामाजिक संस्था सामने आई है. वहीं इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जो ना केवल कोरोना योद्धा के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, बल्कि सामाजिक सरोकार निभाते हुए अपनी अल्प आय में से भी रिलीफ फंड में सहयोग कर रहे हैं. ऐसा ही सामाजिक सरोकार का उदाहरण संविदा पर लगे पंचायत सहायकों ने पेश किया है. 6 हजार के अल्प वेतन के बावजूद कोरोना योद्धा बनकर पंचायत सहायकों ने सीएम रिलीफ फंड में 25 हजार 551 रुपए का चेक एडीएम प्रशासन कैलाश चंद को दिया है.
अजमेर में साढ़े आठ सौ के करीब पंचायत सहायक जो संविदा पर लगे हुए हैं. इनका मासिक मानदेय है 6 हजार रुपए है. इनमें से कई पंचायत सहायक ऐसे भी हैं जिनको कई महीनों से मानदेय नहीं मिला है. बावजूद इसके कोरोना के खिलाफ जंग में पंचायत सहायक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बने शेल्टर होम, होम आइसोलेशन पर रखे हुए लोग और कोरोना संक्रमण से बचाव के कार्य में पंचायत सहायको को लगाया गया है. ऐसी परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील पर पंचायत सहायकों ने अपनी समस्याओं को भूलकर ना केवल अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं. बल्कि सामाजिक सरोकार निभाते हुए सीएम रिलीफ फंड में 25 हजार 551 रुपए दिए हैं.
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इस पर जिला कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष किशोर यादव ने बताया कि पंचायत सहायक नियमित रूप से कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. जिला कार्यकारिणी के जिला उपाध्यक्ष बलबीर सिंह ने बताया कि कई ग्राम पंचायत सहायकों को कई महीनों से उनका वेतन भी नहीं मिला है. इसके बावजूद भी वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं बल्कि जैसे तैसे करके उन्होंने सीएम रिलीफ फंड के लिए राशि भी सहायतार्थ दी है.