अजमेर. लॉकडाउन के दौरान गहलोत सरकार ने सभी जरूरतमंद और कामगारों को राशन उपलब्ध करवाने का दावा किया था. लेकिन सरकार के ये दावे जिला मुख्यालय की दहलीज पर आकर दम तोड़ते दिख रहे हैं. हालत ये हैं कि, अब कामगार मजदूर जिला मुख्यालय परिसर में अपनी परेशानी का हल खोजने आ रहे हैं, लेकिन यहां उनकी परेशानी का हल निकलने की बजाए और बढ़ रही है.
लोगों राशन मिलने की उम्मीद से हर दिन जिला मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं. हर दिन इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि उन्हें शायद अब राशन मिल जाए. राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े ऐसे जरूरतमंद जिनके राशन कार्ड एपीएल हैं या खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पात्र हैं लेकिन उनका नाम नहीं जुड़ सकने के कारण उन्हें राशन नही मिल रहा है. इसके अलावा ऐसे कामगार जिनके सामने खाद्य संकट खड़ा है उन्हें राशन देने के आदेश सरकार ने दिए थे.
सरकार के आदेश के बाद भी इन लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. मजदूरों का कहना है कि, राशन दुकानदार उन्हें डीएसओ दफ्तर भेज रहे हैं. जिला मुख्यालय में मौजूद डीएसओ के दफ्तर तक ये मजदूर लोग पहुंच भी नहीं पा रहे हैं.
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मजदूरों का कहना है कि, मुख्यालय के बाहर ही पुलिस कर्मी लोगों को रोक देते हैं, यही नहीं दुत्कार कर वापस भेज दिया जाता है. लोगों का कहना है कि, वे 6 दिन से जिला मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. अधिकारी मिलना तो दूर उन्हें जिला मुख्यालय परिसर तक में प्रवेश नहीं दिया जा रहा. लोगों का कहना है कि, वे खाद्य संकट से जूझ रहे हैं और सरकार से मिली राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन कोई उनकी नहीं सुन रहा है.