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MDS University Paper Leak Case : छात्र संगठन पदाधिकारियों ने कुलपति से की मुलाकात, निष्पक्ष जांच कराने की मांग की - Rajasthan Hindi news

एमडीएस यूनिवर्सिटी में बीएससी परीक्षा (Paper Leak Case in Ajmer) पेपर लीक मामले में छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने कुलपति से मुलाकात कर जांच करवाने की मांग की. साथ ही उन्होंने यूनिवर्सिटी और कॉलेज प्रशासन के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाया है.

MDS University Paper Leak Case in Ajmer
MDS University Paper Leak Case in Ajmer
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Published : Apr 6, 2023, 4:22 PM IST

छात्र संगठन पदाधिकारियों ने कुलपति से की मुलाकात

अजमेर. एमडीएस यूनिवर्सिटी के बीएससी पार्ट थर्ड के बॉटनी और फिजिक्स का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने कुलपति से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की मांग की है. पदाधिकारियों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी पेपर लीक मामले को नहीं मान रही है और पेपर रद्द नहीं किया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन जांच करवाने की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ रहा है.

एमडीएस यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह ने बताया कि कुलपति प्रो.अनिल शुक्ला से पेपर लीक प्रकरण में छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने मुलाकात की. छात्र नेता भगवान सिंह ने बताया कि 5 अप्रैल को बीएससी पार्ट थर्ड का बॉटनी व फिजिक्स का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर 1 घंटे पहले लीक हो गया था. परीक्षा 3 बजे दोपहर को होनी थी, जबकि 2 सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल हो रहा था. तत्काल परीक्षा नियंत्रक और कुलपति को पेपर लीक होने की जानकारी दी.

पढ़ें. RPSC Paper Leak Case: राजस्थान पुलिस को मिली सफलता, पेपर लीक का मास्टरमाइंड शेर सिंह राणा ओडिशा से गिरफ्तार

इस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आश्वासन दिया कि पेपर लीक प्रकरण की पुलिस से जांच करवाई जा रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन भी अपने स्तर पर जांच कर रहा है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के साथ गुरुवार को यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन कर कुलपति से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अब भी पेपर लीक होने की बात नहीं मान रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गत वर्ष भी पेपर लीक होने के सबूत यूनिवर्सिटी प्रशासन को दिए गए थे. 3 वर्षों से लगातार पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं. परीक्षा से 1 घंटे पहले सोशल मीडिया पर वायरल होकर पेपर सभी के पास पहुंच जाता है. यूनिवर्सिटी प्रशासन को सबूत दिए जाते हैं, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती है.

यूनिवर्सिटी और कॉलेज प्रशासन के बीच सांठगांठ : पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह ने आरोप लगाया है कि पेपर लीक मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन और कॉलेज प्रशासन के बीच सांठगांठ है. साठगांठ के बिना पेपर लीक संभव नहीं है. विद्यार्थी सालभर मेहनत करते हैं और पेपर लीक होने से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है. सोशल मीडिया पर जो प्रश्नपत्र लीक हुआ है, उसके लिए टोंक, भीलवाड़ा सभी विद्यार्थियों के भी फोन कॉल आ रहे हैं. विद्यार्थी भी लीक हुए पेपर को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही पेपर लीक में यदि किसी कॉलेज की लिप्तता है तो उसकी मान्यता रद्द की जाए. कुलपति को 3 दिन का समय जांच के लिए दिया गया है. इसके बाद बड़े स्तर पर यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ें. RPSC Paper Leak Case : मास्टरमाइंड शेर सिंह मीणा की गर्लफ्रेंड गिरफ्तार, पुलिस ने जयपुर से दबोचा

नकलचियों के खिलाफ नहीं होती कार्रवाई : डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महिपाल कस्वा बताते हैं कि कॉलेज में दो लोगों को नकल करते हुए गिरफ्तार किया गया था. बावजूद इसके दोनों को अलग रूम में बिठाकर परीक्षा ली गई. इसके सारे सबूत लाकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को दिए गए और बताया कि सिटिंग व्यवस्था बदली गई है. कई वीडियो हैं जिसमें वो नकल करते दिख रहे हैं. कस्वा ने मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि 11 से 2 बजे की पारी में हुई परीक्षा को लेकर शिकायत की गई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अगले दिन एक ऑब्जर्वर सुबह 8 बजे भेजा. उन्होंने वहां एक कप चाय पी और वापस लौट गए. यूनिवर्सिटी नकल के मामले में कुछ नहीं कर रही है. सोमवार को पेपर लीक और नकल के मामले में विद्यार्थी विरोध प्रदर्शन करेंगे और दोनों ही मामलों की जांच करवा कर रहेंगे.

यह बोले कुलपति : कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय से 15 मिनट पहले पेपर खोले जाने का नियम है. पेपर केंद्र से बाहर आया है इसमें कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध है. हमारे यहां यह भी व्यवस्था है कि जब पेपर खोला जाए तो उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हम अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पेपर लीक कहां से हुआ है इसकी कोई जानकारी फिलहाल यूनिवर्सिटी के पास नहीं है. यूनिवर्सिटी के पास जानकारी है कि सोशल मीडिया पर यह पेपर परीक्षा से 10 मिनट पहले आया था. पुलिस की आईटी सेल से भी आग्रह किया गया है कि वह इस मामले की जांच करे. पेपर लीक हुआ है या नहीं, इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.

छात्र संगठन पदाधिकारियों ने कुलपति से की मुलाकात

अजमेर. एमडीएस यूनिवर्सिटी के बीएससी पार्ट थर्ड के बॉटनी और फिजिक्स का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने कुलपति से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की मांग की है. पदाधिकारियों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी पेपर लीक मामले को नहीं मान रही है और पेपर रद्द नहीं किया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन जांच करवाने की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ रहा है.

एमडीएस यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह ने बताया कि कुलपति प्रो.अनिल शुक्ला से पेपर लीक प्रकरण में छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने मुलाकात की. छात्र नेता भगवान सिंह ने बताया कि 5 अप्रैल को बीएससी पार्ट थर्ड का बॉटनी व फिजिक्स का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर 1 घंटे पहले लीक हो गया था. परीक्षा 3 बजे दोपहर को होनी थी, जबकि 2 सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल हो रहा था. तत्काल परीक्षा नियंत्रक और कुलपति को पेपर लीक होने की जानकारी दी.

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इस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आश्वासन दिया कि पेपर लीक प्रकरण की पुलिस से जांच करवाई जा रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन भी अपने स्तर पर जांच कर रहा है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के साथ गुरुवार को यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन कर कुलपति से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अब भी पेपर लीक होने की बात नहीं मान रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गत वर्ष भी पेपर लीक होने के सबूत यूनिवर्सिटी प्रशासन को दिए गए थे. 3 वर्षों से लगातार पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं. परीक्षा से 1 घंटे पहले सोशल मीडिया पर वायरल होकर पेपर सभी के पास पहुंच जाता है. यूनिवर्सिटी प्रशासन को सबूत दिए जाते हैं, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती है.

यूनिवर्सिटी और कॉलेज प्रशासन के बीच सांठगांठ : पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह ने आरोप लगाया है कि पेपर लीक मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन और कॉलेज प्रशासन के बीच सांठगांठ है. साठगांठ के बिना पेपर लीक संभव नहीं है. विद्यार्थी सालभर मेहनत करते हैं और पेपर लीक होने से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है. सोशल मीडिया पर जो प्रश्नपत्र लीक हुआ है, उसके लिए टोंक, भीलवाड़ा सभी विद्यार्थियों के भी फोन कॉल आ रहे हैं. विद्यार्थी भी लीक हुए पेपर को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही पेपर लीक में यदि किसी कॉलेज की लिप्तता है तो उसकी मान्यता रद्द की जाए. कुलपति को 3 दिन का समय जांच के लिए दिया गया है. इसके बाद बड़े स्तर पर यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी प्रदर्शन करेंगे.

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नकलचियों के खिलाफ नहीं होती कार्रवाई : डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महिपाल कस्वा बताते हैं कि कॉलेज में दो लोगों को नकल करते हुए गिरफ्तार किया गया था. बावजूद इसके दोनों को अलग रूम में बिठाकर परीक्षा ली गई. इसके सारे सबूत लाकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को दिए गए और बताया कि सिटिंग व्यवस्था बदली गई है. कई वीडियो हैं जिसमें वो नकल करते दिख रहे हैं. कस्वा ने मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि 11 से 2 बजे की पारी में हुई परीक्षा को लेकर शिकायत की गई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अगले दिन एक ऑब्जर्वर सुबह 8 बजे भेजा. उन्होंने वहां एक कप चाय पी और वापस लौट गए. यूनिवर्सिटी नकल के मामले में कुछ नहीं कर रही है. सोमवार को पेपर लीक और नकल के मामले में विद्यार्थी विरोध प्रदर्शन करेंगे और दोनों ही मामलों की जांच करवा कर रहेंगे.

यह बोले कुलपति : कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय से 15 मिनट पहले पेपर खोले जाने का नियम है. पेपर केंद्र से बाहर आया है इसमें कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध है. हमारे यहां यह भी व्यवस्था है कि जब पेपर खोला जाए तो उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हम अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पेपर लीक कहां से हुआ है इसकी कोई जानकारी फिलहाल यूनिवर्सिटी के पास नहीं है. यूनिवर्सिटी के पास जानकारी है कि सोशल मीडिया पर यह पेपर परीक्षा से 10 मिनट पहले आया था. पुलिस की आईटी सेल से भी आग्रह किया गया है कि वह इस मामले की जांच करे. पेपर लीक हुआ है या नहीं, इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.

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