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जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में स्वच्छता का संदेश देगा अजमेर का मुस्लिम समुदाय : सैयद सरवर चिश्ती - Milad un nabi 2023 news update

ईद मिलादुन्नबी का जुलूस आगामी 27 सितंबर को अजमेर में अंदरकोट क्षेत्र से लेकर सुभाष उद्यान तक निकाला जाएगा. इस बार मुस्लिम समुदाय की ओर से जुलूस के माध्यम से आमजन को क्लीन अजमेर और ग्रीन अजमेर का भी संदेश दिया जाएगा.

Jashne Eid Milad Un Nabi procession in Ajmer
Syed Sarwar Chishti
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 24, 2023, 7:35 AM IST

Updated : Sep 24, 2023, 7:58 AM IST

ए सूफी इंटरनेशनल संस्था के सदर सैयद सरवर चिश्ती ने बताया

अजमेर. मुस्लिम समुदाय के लोग ईद मिलादुन्नबी को लेकर उत्साहित है. इस मुबारक मौके पर 27 सितंबर को अजमेर में अंदरकोट क्षेत्र से लेकर सुभाष उद्यान तक जुलूस निकाला जाएगा। इस बार मुस्लिम समुदाय की ओर से जुलूस के माध्यम से आमजन को क्लीन अजमेर ग्रीन अजमेर का संदेश दिया जाएगा. जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जलसे मुस्लिम समुदाय की कई संस्थाएं व्यवस्थाओं में शिरकत करती है. इनमें सूफी इंटरनेशनल संस्था भी शामिल है.

सूफी इंटरनेशनल के अध्यक्ष हाजी सरवर सिद्दीकी ने प्रेस वार्ता में बताया कि जश्ने ईद मिलादुन्नबी का दिन मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष है. इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन है. ईद उल मिलादुन्नबी के अवसर पर अंदरकोट क्षेत्र में ढाई दिन के झोपड़े से जश्ने ईद मिलादुन नबी का जुलूस निकाला जाएगा. यह जुलूस सुबह 9 बजे रवाना होगा जो त्रिपोलिया गेट होता हुआ दरगाह के निजाम गेट से होकर दरगाह बाजार, देहली गेट, गंज, फव्वारा सर्किल होते हुए सुभाष उद्यान पहुंचेगा. चिश्ती ने बताया कि जुलूस में हमेशा की तरह इस बार डीजे नहीं बजेगा. साथ ही देहली गेट के समीप लोंगिया क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस में शामिल हुआ करते थे उन्हें भी ढोल बजाने से मना किया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक पर्व है. इस विशेष पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का गुणगान करते हैं. चिश्ती ने कहा कि अजमेर में 27 सितंबर को निकलने वाला जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिलती है. पैगंबर मोहम्मद साहब केवल मुस्लिम समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैं. पैगंबर मोहम्मद साहब से पहले औरतों को जिंदा दफनाने की प्रथा थी. जंग के दौरान फसलों और पेड़ों को जला दिया जाता था. बच्चों और औरतों को कैद कर लिया जाता था. इसके साथ ही गुलामी प्रथा थी. हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब ने उन सभी कुप्रथाओं को बंद करवा दिया. चिश्ती ने बताया कि जुलूस में हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे. व्यवस्थाओं के लिए जुलूस में 500 वालंटियर्स होंगे. इन सभी वालंटियर्स का बाद में सूफी इंटरनेशनल संस्था की ओर से 5 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में सम्मान भी किया जाएगा. सुरक्षा की दृष्टि से जुलूस के दौरान ड्रोन से निगरानी भी होगी. ताकि जुलूस में कोई सामाजिक गतिविधि ना हो और देश का माहौल खराब ना हो। जुलूस की रिकॉर्डिंग भी होगी.

पढ़ें हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है सेठ मोहन अग्रवाल का परिवार, 1963 से बना रहा ताजिया

क्लीन अजमेर ग्रीन अजमेर का दिया जाएगा संदेश : मीडिया से मुखातिब होते हुए सूफी इंटरनेशनल संस्था के सदर सैयद सरवर चिश्ती ने बताया कि इस्लाम में पाकीजगी (स्वच्छता) का विशेष महत्व है, बल्कि इसे आधा ईमान माना गया है. इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाएगा. पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर पर अजमेर से सभी को स्वच्छता का संदेश दिया जाएगा. वहीं अजमेर को क्लीन अजमेर ग्रीन अजमेर बनाने का भी संदेश जन-जन को जुलूस के माध्यम से दिया जाएगा. चिश्ती ने लोगों से अपील की है कि जुलूस में शामिल लोग भी स्वच्छता का ध्यान रखें. साथ ही बुजुर्ग और बच्चों को जुलूस के दौरान रिक्शा में बैठाए. जुलूस में ज्यादा से ज्यादा जवान लोग पैदल शामिल रहें. 36 कौम के लोगों से भी मेरा अनुरोध है कि वह भी जुलूस में शामिल हों.

पढ़ें Eid ul Adha 2023 : कैसरगंज ईदगाह में हुई विशेष नमाज अदा, ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का जन्नती दरवाजा खुला

जुलूस में दिखती है सांप्रदायिक सद्भाव की झलक : जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर निकलने वाले जुलूस का मार्ग में जगह-जगह पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से गर्म जोशी के साथ इस्तकबाल किया जाता है. विभिन्न समाज के लोग फूल बरसाते हैं. वहीं कई लोग जुलूस में शामिल लोगों के लिए पानी और शरबत की व्यवस्था करते हैं. जुलूस के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की झलक नजर आती है. इधर जुलूस को लेकर प्रशासन और पुलिस ने भी कमर कस ली है. जुलूस की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन और पुलिस ने अपनी-2 रणनीति तैयार कर ली है. वहीं तैयार रणनीति पर काम भी शुरू हो चुका है.

ए सूफी इंटरनेशनल संस्था के सदर सैयद सरवर चिश्ती ने बताया

अजमेर. मुस्लिम समुदाय के लोग ईद मिलादुन्नबी को लेकर उत्साहित है. इस मुबारक मौके पर 27 सितंबर को अजमेर में अंदरकोट क्षेत्र से लेकर सुभाष उद्यान तक जुलूस निकाला जाएगा। इस बार मुस्लिम समुदाय की ओर से जुलूस के माध्यम से आमजन को क्लीन अजमेर ग्रीन अजमेर का संदेश दिया जाएगा. जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जलसे मुस्लिम समुदाय की कई संस्थाएं व्यवस्थाओं में शिरकत करती है. इनमें सूफी इंटरनेशनल संस्था भी शामिल है.

सूफी इंटरनेशनल के अध्यक्ष हाजी सरवर सिद्दीकी ने प्रेस वार्ता में बताया कि जश्ने ईद मिलादुन्नबी का दिन मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष है. इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन है. ईद उल मिलादुन्नबी के अवसर पर अंदरकोट क्षेत्र में ढाई दिन के झोपड़े से जश्ने ईद मिलादुन नबी का जुलूस निकाला जाएगा. यह जुलूस सुबह 9 बजे रवाना होगा जो त्रिपोलिया गेट होता हुआ दरगाह के निजाम गेट से होकर दरगाह बाजार, देहली गेट, गंज, फव्वारा सर्किल होते हुए सुभाष उद्यान पहुंचेगा. चिश्ती ने बताया कि जुलूस में हमेशा की तरह इस बार डीजे नहीं बजेगा. साथ ही देहली गेट के समीप लोंगिया क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस में शामिल हुआ करते थे उन्हें भी ढोल बजाने से मना किया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक पर्व है. इस विशेष पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का गुणगान करते हैं. चिश्ती ने कहा कि अजमेर में 27 सितंबर को निकलने वाला जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिलती है. पैगंबर मोहम्मद साहब केवल मुस्लिम समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैं. पैगंबर मोहम्मद साहब से पहले औरतों को जिंदा दफनाने की प्रथा थी. जंग के दौरान फसलों और पेड़ों को जला दिया जाता था. बच्चों और औरतों को कैद कर लिया जाता था. इसके साथ ही गुलामी प्रथा थी. हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब ने उन सभी कुप्रथाओं को बंद करवा दिया. चिश्ती ने बताया कि जुलूस में हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे. व्यवस्थाओं के लिए जुलूस में 500 वालंटियर्स होंगे. इन सभी वालंटियर्स का बाद में सूफी इंटरनेशनल संस्था की ओर से 5 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में सम्मान भी किया जाएगा. सुरक्षा की दृष्टि से जुलूस के दौरान ड्रोन से निगरानी भी होगी. ताकि जुलूस में कोई सामाजिक गतिविधि ना हो और देश का माहौल खराब ना हो। जुलूस की रिकॉर्डिंग भी होगी.

पढ़ें हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है सेठ मोहन अग्रवाल का परिवार, 1963 से बना रहा ताजिया

क्लीन अजमेर ग्रीन अजमेर का दिया जाएगा संदेश : मीडिया से मुखातिब होते हुए सूफी इंटरनेशनल संस्था के सदर सैयद सरवर चिश्ती ने बताया कि इस्लाम में पाकीजगी (स्वच्छता) का विशेष महत्व है, बल्कि इसे आधा ईमान माना गया है. इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाएगा. पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर पर अजमेर से सभी को स्वच्छता का संदेश दिया जाएगा. वहीं अजमेर को क्लीन अजमेर ग्रीन अजमेर बनाने का भी संदेश जन-जन को जुलूस के माध्यम से दिया जाएगा. चिश्ती ने लोगों से अपील की है कि जुलूस में शामिल लोग भी स्वच्छता का ध्यान रखें. साथ ही बुजुर्ग और बच्चों को जुलूस के दौरान रिक्शा में बैठाए. जुलूस में ज्यादा से ज्यादा जवान लोग पैदल शामिल रहें. 36 कौम के लोगों से भी मेरा अनुरोध है कि वह भी जुलूस में शामिल हों.

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जुलूस में दिखती है सांप्रदायिक सद्भाव की झलक : जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर निकलने वाले जुलूस का मार्ग में जगह-जगह पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से गर्म जोशी के साथ इस्तकबाल किया जाता है. विभिन्न समाज के लोग फूल बरसाते हैं. वहीं कई लोग जुलूस में शामिल लोगों के लिए पानी और शरबत की व्यवस्था करते हैं. जुलूस के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की झलक नजर आती है. इधर जुलूस को लेकर प्रशासन और पुलिस ने भी कमर कस ली है. जुलूस की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन और पुलिस ने अपनी-2 रणनीति तैयार कर ली है. वहीं तैयार रणनीति पर काम भी शुरू हो चुका है.

Last Updated : Sep 24, 2023, 7:58 AM IST
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