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पुष्कर में ब्रह्म शिव पुराण कथा का पहला दिन, पंडित मिश्रा बोले- शरणागति उसकी ग्रहण करो जो तुम्हारी तकदीर को बदलने का सामर्थ्य हो

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Published : Jul 5, 2023, 6:34 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 7:16 PM IST

जगतपिता ब्रह्मा की नगरी में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने ब्रह्म शिव पुराण कथा की शुरुआत की. बुधवार को पहले दिन कथा सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पुष्कर पहुंचे हैं.

Pandit Pradeep Mishra in Pushkar
पुष्कर में पंडित प्रदीप मिश्रा
पुष्कर में ब्रह्म शिव पुराण कथा का पहला दिन

अजमेर. सावन की शुरुआत होते ही जगतपिता ब्रह्मा की नगरी भी शिवमय हो गई. अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पुष्कर में ब्रह्म शिव पुराण की कथा कर रहे हैं. कथा को सुनने के लिए पुष्कर में हजारों की तादात में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. तीर्थ नगरी पुष्कर के मेला मैदान में बुधवार से ब्रह्म शिव पुराण की कथा शुरू हो गई है. कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना की. इसके बाद गद्दी पर बैठकर सबसे पहले पंचाक्षर ओम नमः शिवाय का जाप किया और कथा कहना शुरू किया.

ऐसे हुई कथा की शुरुआत : पंडित मिश्रा ने कथा में कहा कि एक हजार अश्वमेध यज्ञ करवाने का जो फल मिलता है, उतना ही फल पुष्कर तीर्थ में सरोवर में स्नान, पूजा अर्चना के बाद ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने से मिलता है. पुष्कर कोई साधारण धरती नहीं है. यह जगतपिता ब्रह्मा की नगरी है. पंडित मिश्रा ने कथा में कहा कि भगवान शिव को समर्पित 24 हजार श्लोकों का महासागर है, इसमें से छोटा सा अंश लेकर प्रयास करेंगे कि भगवान शिव शंकर की अविरल भक्ति को हम पा सकें. उन्होंने कहा कि 21 हजार 600 श्वास प्रतिदिन हमारे शरीर से निकल रही है. ध्यान करें कि इसमें से कितनी श्वास हम प्रभु की भक्ति, परिवार और अपने लिए लगा रहे हैं.

पढ़ें. Special : पुष्कर में पंडित प्रदीप मिश्रा कहेंगे ब्रह्म शिव पुराण कथा, 6 दिन ब्रह्मा की नगरी में गूंजेंगे बम-बम भोले के जयकारे

तकदीर बदलने वाले की लगाएं फोटो : कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि तस्वीर मोबाइल पर उसकी लगाओ, जिसने तुम्हारी तकदीर बदल दी है. उसी तरह अपने चित, मन, विचार, सोच और बुद्धि में उसकी शरणागति ग्रहण करो जो तुम्हारी तकदीर को बदलने का सामर्थ्य रखता है. वह कोई और नहीं हो सकता, वह केवल देवो के देव महादेव ही हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो शिव की आराधना करने वाला है, जो शिव तत्व में डूबने वाला है और जो भगवान शिव की शरणागति को दृढ़ करने वाला है, वह संसार सागर में कभी डूबता नहीं है.

ब्रह्मा ने विष्णु से किया था सवाल : कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान ब्रह्मा ने भगवान विष्णु से एक बार प्रश्न किया कि मैं आपकी नाभि से जन्मा हूं तो मेरे पिता आप हैं, लेकिन आप के पिता कौन हैं? तब भगवान विष्णु ने कहा कि मेरे पिता महादेव हैं. इसको लेकर लोगों में चर्चा रहती है तो वह शिव पुराण, विष्णु पुराण, गर्ग संहिता, पद्म पुराण, स्कन्द पुराण या बद्री विशाल की कथा स्मरण कर लें.

पसीने में तरबतर होकर भी कथा सुनते रहे श्रद्धालु : कथा के पहले दिन अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं में अधिकांश महिलाएं हैं. जिसको जहां जगह मिली, वह कथा सुनने के लिए बैठ गया. भीषण गर्मी और जबरदस्त उमस के बावजूद लोग कथा सुनने के लिए बैठे हैं. हालांकि पांडाल में पंखों और कूलर की व्यवस्था आयोजकों की ओर से की गई है. पसीने से तरबतर होकर भी श्रद्धालु अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं. पंडित मिश्रा के मंच पर आते ही आयोजक परिवार की ओर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत मौजूद रहे.

पुष्कर में ब्रह्म शिव पुराण कथा का पहला दिन

अजमेर. सावन की शुरुआत होते ही जगतपिता ब्रह्मा की नगरी भी शिवमय हो गई. अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पुष्कर में ब्रह्म शिव पुराण की कथा कर रहे हैं. कथा को सुनने के लिए पुष्कर में हजारों की तादात में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. तीर्थ नगरी पुष्कर के मेला मैदान में बुधवार से ब्रह्म शिव पुराण की कथा शुरू हो गई है. कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना की. इसके बाद गद्दी पर बैठकर सबसे पहले पंचाक्षर ओम नमः शिवाय का जाप किया और कथा कहना शुरू किया.

ऐसे हुई कथा की शुरुआत : पंडित मिश्रा ने कथा में कहा कि एक हजार अश्वमेध यज्ञ करवाने का जो फल मिलता है, उतना ही फल पुष्कर तीर्थ में सरोवर में स्नान, पूजा अर्चना के बाद ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने से मिलता है. पुष्कर कोई साधारण धरती नहीं है. यह जगतपिता ब्रह्मा की नगरी है. पंडित मिश्रा ने कथा में कहा कि भगवान शिव को समर्पित 24 हजार श्लोकों का महासागर है, इसमें से छोटा सा अंश लेकर प्रयास करेंगे कि भगवान शिव शंकर की अविरल भक्ति को हम पा सकें. उन्होंने कहा कि 21 हजार 600 श्वास प्रतिदिन हमारे शरीर से निकल रही है. ध्यान करें कि इसमें से कितनी श्वास हम प्रभु की भक्ति, परिवार और अपने लिए लगा रहे हैं.

पढ़ें. Special : पुष्कर में पंडित प्रदीप मिश्रा कहेंगे ब्रह्म शिव पुराण कथा, 6 दिन ब्रह्मा की नगरी में गूंजेंगे बम-बम भोले के जयकारे

तकदीर बदलने वाले की लगाएं फोटो : कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि तस्वीर मोबाइल पर उसकी लगाओ, जिसने तुम्हारी तकदीर बदल दी है. उसी तरह अपने चित, मन, विचार, सोच और बुद्धि में उसकी शरणागति ग्रहण करो जो तुम्हारी तकदीर को बदलने का सामर्थ्य रखता है. वह कोई और नहीं हो सकता, वह केवल देवो के देव महादेव ही हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो शिव की आराधना करने वाला है, जो शिव तत्व में डूबने वाला है और जो भगवान शिव की शरणागति को दृढ़ करने वाला है, वह संसार सागर में कभी डूबता नहीं है.

ब्रह्मा ने विष्णु से किया था सवाल : कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान ब्रह्मा ने भगवान विष्णु से एक बार प्रश्न किया कि मैं आपकी नाभि से जन्मा हूं तो मेरे पिता आप हैं, लेकिन आप के पिता कौन हैं? तब भगवान विष्णु ने कहा कि मेरे पिता महादेव हैं. इसको लेकर लोगों में चर्चा रहती है तो वह शिव पुराण, विष्णु पुराण, गर्ग संहिता, पद्म पुराण, स्कन्द पुराण या बद्री विशाल की कथा स्मरण कर लें.

पसीने में तरबतर होकर भी कथा सुनते रहे श्रद्धालु : कथा के पहले दिन अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं में अधिकांश महिलाएं हैं. जिसको जहां जगह मिली, वह कथा सुनने के लिए बैठ गया. भीषण गर्मी और जबरदस्त उमस के बावजूद लोग कथा सुनने के लिए बैठे हैं. हालांकि पांडाल में पंखों और कूलर की व्यवस्था आयोजकों की ओर से की गई है. पसीने से तरबतर होकर भी श्रद्धालु अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं. पंडित मिश्रा के मंच पर आते ही आयोजक परिवार की ओर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत मौजूद रहे.

Last Updated : Jul 5, 2023, 7:16 PM IST
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