अजमेर. अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए अलग-अलग राज्यों से पशु पालक अपने पशुओं को लेकर पुष्कर पहुंच रहे हैं. प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा शामिल होने वाले जानवरों में ऊंट और घोड़ों की संख्या है. मेला क्षेत्र में जहां देसी-विदेशी पर्यटकों को लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. वहीं इन प्रतियोगिताओं का आनंद भी ले रहे हैं.
यही वजह है कि पर्यटन और पशुपालन विभाग भी पशु पालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इन प्रतियोगिताओं का आयोजिन करवा रहा है. बुधवार को मेला ग्राउंड पर घोड़ों और ऊंटों के नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की गई. ढोल की थाप पर घोड़े और ऊंट प्रतियोगिता में जमकर ठुमके लगाए. खास बात यह रही कि इस दौरान घोड़ों के अभिवादन का तरीका भी निराला था, अपने दो पैर पर खड़े होकर घोड़ों ने अपने ढोल की थाप के साथ शानदार नृत्य प्रस्तुत किया.
मेले में पहुंचे पशुपालक बताते है कि इन घोड़ों और ऊंटों को नृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए काफी समय देना पड़ता है. करीब एक दर्जन तरह की नृत्य विधाएं घोड़ों और ऊंटों को प्रशिक्षण देकर सिखाई जाती है. इस बार मेले में पहुंचे पशुपालक अपनी कला के प्रदर्शन से खुश है. प्रतियोगिता में धमाल, चौताल, तीतरी, माचा, बाजोड, एक बही, तुलंग तरह की नृत्य विधा पर घोड़ों ने प्रदर्शन किया.
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इस बार पुष्कर में जहां ऊंट और घोड़ों के श्रृंगार, नृत्य और परंपरागत खेलों के माध्यम से जहां पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने की भी कवायद की जा रही है. घोड़ों की प्रतियोगिता में 15 पशुपालकों ने भाग लिया. पर्यटन विभाग के उपनिदेशक संजय जौहरी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 5 हजार, द्वितीय को तीन और तृतीय को 2 हजार का ईनाम घोषित किया गया है.
इन दिनों पुष्कर मेले रंगत परवान चढ़ने लगी है. हर रोज देसी-विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ रही है. ऐसे में लोक कला और संस्कृति के बीच ये प्रतियोगिताएं पुष्कर आने वाले पर्यटकों को खूब लुभा रही हैं.