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पुष्कर पशु मेले में घोड़े और ऊंट ने प्रतियोगिता में करिश्माई ठुमकों से जीता पर्यटकों का दिल...देखिए खास रिपोर्ट

अजमेर के अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की रौनक धीरे-धीरे परवान चढ़ती जा रही है. इस बार के मेले को पशुओं की प्रतियोगिताएं कुछ ज्यादा ही खास बना रही हैं. बुधवार को प्रतियोगिता में शामिल होने पहुंचे घोड़े और ऊंटों ने अपने करिश्माई ठुमकों से पर्यटकों का खूब दिल जीता.

competition at the Pushkar cattle fair, घोड़े और ऊंट ने प्रतियोगिता में शामिल
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Published : Nov 6, 2019, 11:25 PM IST

अजमेर. अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए अलग-अलग राज्यों से पशु पालक अपने पशुओं को लेकर पुष्कर पहुंच रहे हैं. प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा शामिल होने वाले जानवरों में ऊंट और घोड़ों की संख्या है. मेला क्षेत्र में जहां देसी-विदेशी पर्यटकों को लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. वहीं इन प्रतियोगिताओं का आनंद भी ले रहे हैं.

पुष्कर पशु मेले में घोड़े और ऊंट ने प्रतियोगिता में करिश्माई ठुमकों से जीता पर्यटकों का दिल.

यही वजह है कि पर्यटन और पशुपालन विभाग भी पशु पालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इन प्रतियोगिताओं का आयोजिन करवा रहा है. बुधवार को मेला ग्राउंड पर घोड़ों और ऊंटों के नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की गई. ढोल की थाप पर घोड़े और ऊंट प्रतियोगिता में जमकर ठुमके लगाए. खास बात यह रही कि इस दौरान घोड़ों के अभिवादन का तरीका भी निराला था, अपने दो पैर पर खड़े होकर घोड़ों ने अपने ढोल की थाप के साथ शानदार नृत्य प्रस्तुत किया.

मेले में पहुंचे पशुपालक बताते है कि इन घोड़ों और ऊंटों को नृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए काफी समय देना पड़ता है. करीब एक दर्जन तरह की नृत्य विधाएं घोड़ों और ऊंटों को प्रशिक्षण देकर सिखाई जाती है. इस बार मेले में पहुंचे पशुपालक अपनी कला के प्रदर्शन से खुश है. प्रतियोगिता में धमाल, चौताल, तीतरी, माचा, बाजोड, एक बही, तुलंग तरह की नृत्य विधा पर घोड़ों ने प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें: नोटबंदी के 3 साल होने पर जोधपुर के युवा और व्यापारियों की प्रतिक्रिया..जानिए क्या कहा

इस बार पुष्कर में जहां ऊंट और घोड़ों के श्रृंगार, नृत्य और परंपरागत खेलों के माध्यम से जहां पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने की भी कवायद की जा रही है. घोड़ों की प्रतियोगिता में 15 पशुपालकों ने भाग लिया. पर्यटन विभाग के उपनिदेशक संजय जौहरी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 5 हजार, द्वितीय को तीन और तृतीय को 2 हजार का ईनाम घोषित किया गया है.

इन दिनों पुष्कर मेले रंगत परवान चढ़ने लगी है. हर रोज देसी-विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ रही है. ऐसे में लोक कला और संस्कृति के बीच ये प्रतियोगिताएं पुष्कर आने वाले पर्यटकों को खूब लुभा रही हैं.

अजमेर. अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए अलग-अलग राज्यों से पशु पालक अपने पशुओं को लेकर पुष्कर पहुंच रहे हैं. प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा शामिल होने वाले जानवरों में ऊंट और घोड़ों की संख्या है. मेला क्षेत्र में जहां देसी-विदेशी पर्यटकों को लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. वहीं इन प्रतियोगिताओं का आनंद भी ले रहे हैं.

पुष्कर पशु मेले में घोड़े और ऊंट ने प्रतियोगिता में करिश्माई ठुमकों से जीता पर्यटकों का दिल.

यही वजह है कि पर्यटन और पशुपालन विभाग भी पशु पालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इन प्रतियोगिताओं का आयोजिन करवा रहा है. बुधवार को मेला ग्राउंड पर घोड़ों और ऊंटों के नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की गई. ढोल की थाप पर घोड़े और ऊंट प्रतियोगिता में जमकर ठुमके लगाए. खास बात यह रही कि इस दौरान घोड़ों के अभिवादन का तरीका भी निराला था, अपने दो पैर पर खड़े होकर घोड़ों ने अपने ढोल की थाप के साथ शानदार नृत्य प्रस्तुत किया.

मेले में पहुंचे पशुपालक बताते है कि इन घोड़ों और ऊंटों को नृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए काफी समय देना पड़ता है. करीब एक दर्जन तरह की नृत्य विधाएं घोड़ों और ऊंटों को प्रशिक्षण देकर सिखाई जाती है. इस बार मेले में पहुंचे पशुपालक अपनी कला के प्रदर्शन से खुश है. प्रतियोगिता में धमाल, चौताल, तीतरी, माचा, बाजोड, एक बही, तुलंग तरह की नृत्य विधा पर घोड़ों ने प्रदर्शन किया.

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इस बार पुष्कर में जहां ऊंट और घोड़ों के श्रृंगार, नृत्य और परंपरागत खेलों के माध्यम से जहां पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने की भी कवायद की जा रही है. घोड़ों की प्रतियोगिता में 15 पशुपालकों ने भाग लिया. पर्यटन विभाग के उपनिदेशक संजय जौहरी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 5 हजार, द्वितीय को तीन और तृतीय को 2 हजार का ईनाम घोषित किया गया है.

इन दिनों पुष्कर मेले रंगत परवान चढ़ने लगी है. हर रोज देसी-विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ रही है. ऐसे में लोक कला और संस्कृति के बीच ये प्रतियोगिताएं पुष्कर आने वाले पर्यटकों को खूब लुभा रही हैं.

Intro:अजमेर। अतंराष्ट्रीय पुष्कर मेले में देशी विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। वही पशुपालकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रतियोगिताए आयोजित की जा रही है। इन प्रतियोगिताओ में ढोल की थाप पर ऊँट और घोड़ों के ठुमको ने देशी विदेशी पर्यटकों को खूब लुभाया।

अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में कई राज्यो से पशु पालक अपने पशुओं को लेकर आए है। इनमें ऊंट और घोड़ो की संख्या अधिक है। मेला क्षेत्र में जहां देशी विदेशी पर्यटकों को लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। वही कई प्रतियोगिता के माध्यम से पर्यटन एवं पशुपालन विभाग भी पशु पालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई प्रतियोगिताए आयोजित करवा रहा है। बुधवार को मेला ग्राउंड पर घोड़ों के नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की गई। ढोल की थाप पर घोड़ों ने प्रतियोगिता में जमकर ठुमके लगाए। खास बात यह कि इस दौरान घोड़ो के अभिवादन का तरीका भी निराला था, अपने दो पैर पर खड़े होकर घोड़ो ने अपने ढोल की थाप के साथ शानदार नृत्य प्रस्तुत किया ....
नृत्य

पशुपालक बताते है कि घोड़ों और ऊँटो को नृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए काफी समय देना पड़ता है। उन्होंने बताया कि करीब एक दर्जन तरह की नृत्य विधाएं घोड़ो और ऊँटो को प्रशिक्षण देकर सिखाई जाती है। पशुपालक अपनी कला के प्रदर्शन से खुश है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में धमाल, चौताल, तीतरी, माचा, बाजोड, एक बही, तुलंग तरह की नृत्य विधा का घोड़ो ने प्रदर्शन किया है .. ..
बाइट- कालू खां- पशुपालक
बाइट- मोनू- पशु पालक

ऊँट घोड़ो के श्रृंगार, नृत्य और परंपरागत खेलों के माध्यम से जहां पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वही पर्यटन को बढ़ावा देने की भी कवायद की जा रही है। घोड़ो की प्रतियोगिता में 15 पशुपालकों ने भाग लिया। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक संजय जौहरी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 5 हजार, द्वितीय को तीन और तृतीय को 2 हजार का ईनाम घोषित किया गया है ....
बाइट- संजय जौहरी- उपनिदेशक पर्यटन विभाग

पुष्कर मेले रंगत परवान चढ़ने लगी है। हर रोज देशी विदेशी पर्यटकों की आवक बनी हुई है। ऐसे में लोक कला और संस्कृति से पुष्कर आने वाले पर्यटक ओत प्रोत हुए बिना रह पाते।



Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


Conclusion:
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