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रोजी पर संकटः सुनहरी दुनिया को कैद करने वालों की जिंदगी पर 'लॉकडाउन' - lockdown in rajasthan

हर कोई चाहता है उसकी जिंदगी के खुशियों के पल फोटो और वीडियो के रूप में कैद होकर यादगार बन जाए. लेकिन इन यादों को कैमरों में कैद करने वाले फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर परेशान हैं. लॉकडाउन लगने के बाद से इस पेशे से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया था.

videographers, वीडियोग्राफर्स
फोटो और वीडियोग्राफर्स पर रोजी-रोटी का संकट
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Published : May 21, 2020, 2:30 PM IST

अजमेर. फोटो और वीडियोग्राफर्स परेशान हैं. हालात अब यह बन चुके हैं कि, अजमेर जिले के 500 से ज्यादा फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर हाथ पर हाथ धरे घर में बैठे हैं. आमदनी नहीं होने की वजह से अब परिवार को पालने का संकट इसने सामने मुंह फैलाए खड़ा है.

फोटो और वीडियोग्राफर्स पर रोजी-रोटी का संकट

कई वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर की हालत यह है कि. पेट भरने के लिए वह दूसरे की मदद के मोहताज हो गए हैं. अजमेर फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर एसोसिएशन के पदाधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि, यह समय उनके रोजगार के लिए अच्छा होता है लेकिन, लॉकडाउन की वजह से कुछ भी कमाई नहीं हो पाई. ऐसे में हमारे सामने संकट है कि, अपने परिवार की जरुरतें कैसे पूरी करें.

उन्होंने कहा कि, शादियां इस वक्त होती हैं जिससे हमारी कमाई होती है. वहीं स्कूल कॉलेज खुलने से विद्यार्थियों को फोटोग्राफ्स की आवश्यकता हुआ करती थी. किसानों एवं आमजन को भी आवश्यक दस्तावेजों पर लगाने के लिए फोटो की आवश्यकता होती थी जिससे कमाकर हम परिवार चलाते थे लेकिन लॉकडाउन के बाद हम सड़क पर आ गए हैं.

videographers, वीडियोग्राफर्स
काम बंद होने से रखा हुआ कैमरा

एसोसिएशन के पदाधिकारी श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि, लॉकडाउन में रोजगार नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे वीडियो और फोटोग्राफर को सरकार और प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले अब परेशान हैं.

कई परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट:

हलांकि, एसोसिएशन की तरफ से उन्हें मदद के तौर पर कुछ खाद्य सामग्री दी जा रही है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने बताया कि, एसोसिएशन की भी अपनी एक सीमा है. शर्मा ने कहा, शहर के सभी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले लोगों को राहत देने के लिए गुहार लगाई जा चुकी है मगर हर कोई आश्वासन का झुनझुना थमा देता है.

videographers, वीडियोग्राफर्स
घर में ही काम करता हुआ युवक
फोटोग्राफी करने वाले पंकज ने बताया कि, कई फोटो और वीडियोग्राफी करने वाले लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. खासकर वो लोग जिनका परिवार इस व्यवसाय के भरोसे चल रहा था. कई लोगों ने लोन लेकर महंगे कैमरे खरीद रखे हैं जिनकी बैंक ईएमआई, दुकान का किराया, नल, बिजली का बिल का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है.

दुकानें खोलने की मिले इजाजत:

दुकान में रखा सामान भी रखरखाव के अभाव में खराब हो रहा है. ऐसे में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है. इसी पेशे से जुड़ा युवक पंकज कहता है कि, हम सरकार को हमारे लिए भी थोड़ी छूट देने की मांग कर रहे हैं. दुकानें खोलने की इजाजत अगर हमको मिलती है तो हो सकता है कुछ कमाई हो सके जिससे हमारा घर चल पाएगा. हम भी अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे.

बता दें, लॉकडाउन में कई व्यवसाय के लिए सरकार ने छूट दी है लेकिन अभी भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को इससे में शामिल नहीं किया गया है. इस पेशे से जुटे लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें भी कुछ राहत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब इन लोगों की की मांग है कि, सरकार की तरफ से या तो उन्हें मदद दी जाए नहीं तो उन्हें भी अपनी दुकानें खोलने की इजाजद मिलनी चाहिए.

अजमेर. फोटो और वीडियोग्राफर्स परेशान हैं. हालात अब यह बन चुके हैं कि, अजमेर जिले के 500 से ज्यादा फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर हाथ पर हाथ धरे घर में बैठे हैं. आमदनी नहीं होने की वजह से अब परिवार को पालने का संकट इसने सामने मुंह फैलाए खड़ा है.

फोटो और वीडियोग्राफर्स पर रोजी-रोटी का संकट

कई वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर की हालत यह है कि. पेट भरने के लिए वह दूसरे की मदद के मोहताज हो गए हैं. अजमेर फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर एसोसिएशन के पदाधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि, यह समय उनके रोजगार के लिए अच्छा होता है लेकिन, लॉकडाउन की वजह से कुछ भी कमाई नहीं हो पाई. ऐसे में हमारे सामने संकट है कि, अपने परिवार की जरुरतें कैसे पूरी करें.

उन्होंने कहा कि, शादियां इस वक्त होती हैं जिससे हमारी कमाई होती है. वहीं स्कूल कॉलेज खुलने से विद्यार्थियों को फोटोग्राफ्स की आवश्यकता हुआ करती थी. किसानों एवं आमजन को भी आवश्यक दस्तावेजों पर लगाने के लिए फोटो की आवश्यकता होती थी जिससे कमाकर हम परिवार चलाते थे लेकिन लॉकडाउन के बाद हम सड़क पर आ गए हैं.

videographers, वीडियोग्राफर्स
काम बंद होने से रखा हुआ कैमरा

एसोसिएशन के पदाधिकारी श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि, लॉकडाउन में रोजगार नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे वीडियो और फोटोग्राफर को सरकार और प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले अब परेशान हैं.

कई परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट:

हलांकि, एसोसिएशन की तरफ से उन्हें मदद के तौर पर कुछ खाद्य सामग्री दी जा रही है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने बताया कि, एसोसिएशन की भी अपनी एक सीमा है. शर्मा ने कहा, शहर के सभी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले लोगों को राहत देने के लिए गुहार लगाई जा चुकी है मगर हर कोई आश्वासन का झुनझुना थमा देता है.

videographers, वीडियोग्राफर्स
घर में ही काम करता हुआ युवक
फोटोग्राफी करने वाले पंकज ने बताया कि, कई फोटो और वीडियोग्राफी करने वाले लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. खासकर वो लोग जिनका परिवार इस व्यवसाय के भरोसे चल रहा था. कई लोगों ने लोन लेकर महंगे कैमरे खरीद रखे हैं जिनकी बैंक ईएमआई, दुकान का किराया, नल, बिजली का बिल का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है.

दुकानें खोलने की मिले इजाजत:

दुकान में रखा सामान भी रखरखाव के अभाव में खराब हो रहा है. ऐसे में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है. इसी पेशे से जुड़ा युवक पंकज कहता है कि, हम सरकार को हमारे लिए भी थोड़ी छूट देने की मांग कर रहे हैं. दुकानें खोलने की इजाजत अगर हमको मिलती है तो हो सकता है कुछ कमाई हो सके जिससे हमारा घर चल पाएगा. हम भी अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे.

बता दें, लॉकडाउन में कई व्यवसाय के लिए सरकार ने छूट दी है लेकिन अभी भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को इससे में शामिल नहीं किया गया है. इस पेशे से जुटे लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें भी कुछ राहत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब इन लोगों की की मांग है कि, सरकार की तरफ से या तो उन्हें मदद दी जाए नहीं तो उन्हें भी अपनी दुकानें खोलने की इजाजद मिलनी चाहिए.

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