पुष्कर (अजमेर). तीर्थ नगरी पुष्कर में स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड आफ इंडिया फॉर द डिसएबल के तत्वावधान में भारत में पहली बार तीन दिवसीय अखिल भारतीय दिव्यांग कबड्डी प्रतियोगिता (Divyang National Kabaddi Competition) की शुरुआत आज सोमवार से हुई. समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मला रावत, बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्र महावर, सचिव रामदेव बंजारा, पुष्कर उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल ने मशाल जलाकर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया.
मंगलवार को विजयी प्रतिभागियों के मध्य सेमी फाइनल मैच का आयोजन किया जाएगा. प्रतियोगिता में देश के 12 राज्यों से 120 दिव्यांग खिलाड़ी (120 players of 12 states participates in competition) हिस्सा ले रहे हैं.आयोजन समिति ने बताया कि प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य स्पोर्ट्स के प्रति दिव्यांग बच्चों में जागरूकता लाना, उनकी प्रतिभा को निखारना और ओलंपिक खेलों में दिव्यांगों को मजबूती आगे बढ़ाना है. प्रतियोगिता का आयोजन 27 से 29 दिसंबर कस्बे के एक निजी रिसॉर्ट में किया जा रहा है.
पूर्व में देश के 15 राज्यों से खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया था लेकिन हाल ही में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि के चलते तीन राज्यों की टीम इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाएगी. समिति बोर्ड की राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मला रावत और बसंत सेठी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से यह पहल की गई है कि दिव्यांग बच्चों को हमारे देश में एक विशेष स्थान मिले. इस पहल के तहत हमने यह बीड़ा उठाया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और खेल मंत्री अशोक चांदना की तरफ से भी यही संदेश है कि दिव्यांग बच्चों को खेल के क्षेत्र में प्राथमिकता दी जाए और देश की कामयाबी में इन्हें भी जोड़ा जाए. इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जाए. प्रतियोगिता को सफल बनाने एंव तैयारियों में बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्र महावर सचिव रामदेव बंजारा समिति के अध्यक्ष बसंत सेठी संजय सेजरा जेलश बंजारा रोहित गोयल मनोज बंजारा सूरज सहित दर्जन भर कार्यकर्ता जुटे हुए हैं.
गौरतलब है कि स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया फॉर द डिसएबल के तत्वावधान में आयोजित की जा रही इस राष्ट्रीय दिव्यांग कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन जन सहयोग के माध्यम से किया जा रहा है. प्रतियोगिता के समापन पर राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना के शामिल होने की बात भी की जा रही है. कुल मिलाकर इस तरह की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दिव्यांग जनों की हिस्सेदारी से देशभर के प्रतिभावान दिव्यांग मुख्यधारा में शामिल हो पाएंगे.