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देवउठनी एकादशी पर पंचतीर्थ स्नान के लिए पुष्कर सरोवर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, देश भर से आए लोगों ने पवित्र सरोवर में लगाई डुबकी

करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र पुष्कर सरोवर में शुक्रवार को देव प्रबोधनी एकादशी स्नान के साथ पंच तीर्थ स्नान शुरू हो गया है. इसी के साथ पांच दिवसीय सालाना लख्खी धार्मिक पुष्कर मेले का भी आरंभ हो गया है. धार्मिक मेले में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

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Published : Nov 8, 2019, 5:21 PM IST

अजमेर, devotees throng to pushkar

पुष्कर (अजमेर). तीर्थ नगरी पुष्कर में कार्तिक एकादशी महास्नान के साथ भीष्म पंचक पंचतीर्थ महा स्नान शुरू हो गया है. इसी के साथ ही पुष्कर धार्मिक मेले का आगाज भी हो गया. इस मौके पर शुक्रवार को देशभर से आये लाखों श्रद्धालुओं ने सरोवर पर पूजा अर्चना कर आस्था की डुबकी लगाई.

पुष्कर सरोवर में शुक्रवार को देव प्रबोधनी एकादशी स्नान के साथ पंच तीर्थ स्नान शुरू

बता दें कि पंच तीर्थ महा स्नान का पुण्य कमाने के लिए श्रद्धालु पवित्र सरोवर के घाटो पर अलसुबह ही उमड़ पड़े और पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान और दान पुण्य किया. विशेषकर सरोवर के मुख्य घाटों पर ग्रामीण अंचल की महिलाओं का तांता लगा रहा. महिला श्रदालुओं ने सरोवर के घाटो पर तीर्थ पुरोहितो के बताये अनुसार धार्मिक अनुष्ठान किये.

जहां पर पुष्प गिरा वहां भर गया पानी और बना पुष्कर

बताया जाता है कि जगत पिता ब्रह्मा ने पृथ्वी पर अपना स्थान बनाने के लिए एक कमल का पुष्प धरती पर फेंका. जो पुष्कर में आकर गिरा. जहां पर पुष्प गिरा वहां पानी भर गया. यह भी बताया जाता है कि कार्तिक माह की एकादशी से पूर्णिमा तक जगत पिता ब्रह्मा ने यहीं पर सृष्टि यज्ञ किया था. इस यज्ञ में ब्रह्मा की पत्नी सावित्री शामिल होने में विलंब हो गई. इस दौरान ब्रह्मा ने गायत्री नाम की महिला से विवाह कर उसे यज्ञ में अपने साथ बैठा लिया. इससे रुष्ट होकर सावित्री ने ब्रह्मा को श्राप दिया कि कोई भी गृहस्थ उनकी पूजा नहीं करेगा. तब से सरोवर के जल की ही पूजा अर्चना की जाती है.

पढ़ें: नोटबंदी के तीन साल : धौलपुर में ऐतिहासिक फैसले की सराहना, कारोबारियों ने माना कालेधन पर बड़ा अंकुश

इन्ही मान्यताओं के चलते देशभर से आये श्रद्धालुओं ने सरोवर के किनारे धार्मिक अनुष्ठान, तर्पण श्राद्ध विधि का संपादन किया. श्रद्धालुओ की भारी भीड़ के चलते, सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरोवर किनारे पुलिस, सिविल डिफेंस और एस.डी. आर.एफ का जाब्ता तैनात रहा.

पुष्कर (अजमेर). तीर्थ नगरी पुष्कर में कार्तिक एकादशी महास्नान के साथ भीष्म पंचक पंचतीर्थ महा स्नान शुरू हो गया है. इसी के साथ ही पुष्कर धार्मिक मेले का आगाज भी हो गया. इस मौके पर शुक्रवार को देशभर से आये लाखों श्रद्धालुओं ने सरोवर पर पूजा अर्चना कर आस्था की डुबकी लगाई.

पुष्कर सरोवर में शुक्रवार को देव प्रबोधनी एकादशी स्नान के साथ पंच तीर्थ स्नान शुरू

बता दें कि पंच तीर्थ महा स्नान का पुण्य कमाने के लिए श्रद्धालु पवित्र सरोवर के घाटो पर अलसुबह ही उमड़ पड़े और पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान और दान पुण्य किया. विशेषकर सरोवर के मुख्य घाटों पर ग्रामीण अंचल की महिलाओं का तांता लगा रहा. महिला श्रदालुओं ने सरोवर के घाटो पर तीर्थ पुरोहितो के बताये अनुसार धार्मिक अनुष्ठान किये.

जहां पर पुष्प गिरा वहां भर गया पानी और बना पुष्कर

बताया जाता है कि जगत पिता ब्रह्मा ने पृथ्वी पर अपना स्थान बनाने के लिए एक कमल का पुष्प धरती पर फेंका. जो पुष्कर में आकर गिरा. जहां पर पुष्प गिरा वहां पानी भर गया. यह भी बताया जाता है कि कार्तिक माह की एकादशी से पूर्णिमा तक जगत पिता ब्रह्मा ने यहीं पर सृष्टि यज्ञ किया था. इस यज्ञ में ब्रह्मा की पत्नी सावित्री शामिल होने में विलंब हो गई. इस दौरान ब्रह्मा ने गायत्री नाम की महिला से विवाह कर उसे यज्ञ में अपने साथ बैठा लिया. इससे रुष्ट होकर सावित्री ने ब्रह्मा को श्राप दिया कि कोई भी गृहस्थ उनकी पूजा नहीं करेगा. तब से सरोवर के जल की ही पूजा अर्चना की जाती है.

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इन्ही मान्यताओं के चलते देशभर से आये श्रद्धालुओं ने सरोवर के किनारे धार्मिक अनुष्ठान, तर्पण श्राद्ध विधि का संपादन किया. श्रद्धालुओ की भारी भीड़ के चलते, सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरोवर किनारे पुलिस, सिविल डिफेंस और एस.डी. आर.एफ का जाब्ता तैनात रहा.

Intro:पुष्कर(अजमेर) तीर्थ नगरी पुष्कर में कार्तिक एकादशी महास्नान के साथ भीष्म पंचक पंचतीर्थ महा स्नान शुरू हो गया । इसी के साथ ही पुष्कर धार्मिक मेले का आगाज भी हो गया । इस मौके पर देश भर से आये लाखो श्रद्धालुओ ने सरोवर पर पूजा अर्चना कर आस्था की डुबकी लगाई ।

Body:पंच तीर्थ महा स्नान का पुण्य कमाने के लिए श्रद्धालु पवित्र सरोवर के घाटो पर अलसुबह ही उमड़ पड़े । और पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान और दान पुण्य किया । विशेषकर सरोवर के मुख्य घाटो पर ग्रामीण अंचल की महिलाओ का तांता लगा रहा । महिला श्रदालुओ ने सरोवर के घाटो पर तीर्थ पुरोहितो के बताये अनुसार धार्मिक अनुष्ठान किये । ऐसी मान्यता है की कार्तिक पंचतीर्थ स्नान में किए स्नान का फल, एक हजार बार किए गंगा स्नानके समान, सौ बार माघ स्नान के समान और जो फल कुम्भ में प्रयाग में स्नान करने पर मिलता है, वही फल कार्तिक माह में पुष्कर के तट पर स्नान करने से मिलता है । स्थानीय तीर्थ पुरोहित दिलीप शास्त्री ने बताया की कार्तिक माह में हर वर्ष कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों तक तैतीस करोड़ देवी -देवता पवित्र सरोवर में वास करते है । इन्ही मान्यताओ के चलते देश भर से आये श्रद्धालुओं ने सरोवर के किनारे धार्मिक अनुष्ठान, तर्पण श्राद्ध विधि का संपादन किया । श्रद्धालुओ की भारी भीड़ के चलते सरोवर किनारे पुलिस, सिविल डिफेंस, एस. डी. आर.एफ का जाब्ता तैनात रहा ।


बाइट-- दिलीप शास्त्री, तीर्थ पुरोहितConclusion:
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