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मान्यता रद्द होने के बावजूद विद्यार्थियों को कॉलेज ने दे दिया दाखिला, फिर ले ली फीस

टीटी कॉलेज की मान्यता 1 वर्ष पहले खत्म हो चुकी है, इसके बावजूद विद्यार्थियों को कॉलेज ने दाखिला दे दिया. ऐसे में अब छात्रों का भविष्य अंधेरे में है.

विद्यार्थियों ने किया विरोध प्रदर्शन
विद्यार्थियों ने किया विरोध प्रदर्शन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 16, 2023, 6:04 PM IST

विद्यार्थियों ने किया विरोध प्रदर्शन

अजमेर. राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान ( टीटी कॉलेज ) की मान्यता 1 वर्ष पहले खत्म हो चुकी है. बावजूद इसके कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन ने विद्यार्थियों को संस्थान में दाखिला दे दिया. विद्यार्थियों के होश तब उड़ गए जब इस कॉलेज से पास आउट 22 बीपीएड धारकों को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया. ऐसे में विद्यार्थियों ने कॉलेज के बाहर एकजुट होकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जिम्मेदारों से कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की.

विद्यार्थियों का आरोप है कि संस्था 10 नवंबर 2022 को कोर्ट केस हार चुकी है. विद्यार्थी अनिकेत शर्मा ने बताया कि राजस्थान में दो ही टीटी कॉलेज हैं, दोनों की मान्यता एनसीटी ने रद्द कर दी है. उन्होंने बताया कि मानता 10 नवंबर 2022 को रद्द हुई थी और विद्यार्थियों को 2023 में कॉलेज में दाखिला दिया गया. जबकि मान्यता रद्द होने के पीछे कारण बताया गया था कि कॉलेज में टीचर योग्य ही नहीं हैं. अध्यापन के लिए टीचर में पीएचडी या नेट योग्यता होनी चाहिए, मगर यहां तीन-चार टीचर को छोड़कर किसी के पास योग्यता नहीं है. इस कारण एनसीटी ने लिखित में टीटी कॉलेज की मान्यता रद्द की है. विद्यार्थियों की इस गंभीर समस्या को लेकर जब कॉलेज प्रशासन से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बातचीत करने से मना कर दिया, अपने मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर लिये.

इसे भी पढ़ें-हिन्दी दिवस समारोह में 400 विद्यार्थी सम्मानित, शिक्षा मंत्री बोले-देश की एकजुटता के लिए हिन्दी जरूरी

विद्यार्थियों के भविष्य पर लटकी हुई है तलवार : विद्यार्थी अनिकेत शर्मा ने बताया कि यहां से निकलने के बाद सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई करेंगे तो यहां के दस्तावेज देखकर हमें बाहर निकाल दिया जाएगा क्योंकि संस्था की मान्यता ही नहीं है, यह संस्थान फर्जी है. उन्होंने बताया कि 22 बच्चे बीपीएड के कॉलेज से बाहर निकले हैं और उनकी नौकरी जा चुकी है. फिलहाल कॉलेज में 150 बीपीएड और 40 एमएड के विद्यार्थी हैं जिनका भविष्य दांव पर लग गया.

उन्होंने कहा कि अच्छी परसेंटेज आने पर यहां दाखिला हुआ था. उन्होंने बताया कि प्राचार्य को भी यह सूचना दी गई थी कि विदड्रॉल हो रहा है उसके बावजूद भी दाखिला लिया गया. कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन की ओर से हमें झूठा आश्वासन दिया गया है और अपील की कॉपी बताई गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज में कई टीचर रिटायर होने वाले हैं. उन्हें रिटायरमेंट चाहिए इसलिए वह मामले को उलझा कर रखे हुए हैं. उनकी इस हरकत से 150 बीपीएड और 40 एम एड के विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है.

इसे भी पढ़ें-सांवरिया सेठ के भंडार की चार चरणों में गणना पूरी, पहली बार दानराशि 17 करोड़ पार

विदड्रॉल हटे तो बचे भविष्य : विद्यार्थी सविता मीणा ने बताया कि 1 महीने पहले कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन से बातचीत हुई थी तब उन्होंने कहा कि आप कुछ मत करिए जो करेंगे हम करेंगे आप केवल शांति बनाए रखें. मगर कॉलेज प्रशासन और प्राचार्य ने विद्यार्थियों के हित में कोई कार्रवाई नहीं की. तब जाकर विद्यार्थियों को प्रदर्शन करना पड़ रहा है. सभी विद्यार्थी नहीं चाहते थे कि शिक्षकों के विरोध में जाएं. प्राचार्य ने कहा था कि मान्यता के लिए प्रक्रिया हम करेंगे मगर उन्होंने कुछ नहीं किया. विद्यार्थी अपना विरोध जाता रहे हैं तो कॉलेज प्रशासन की ओर से पुलिस बुलाई जा रही है. यहां बीएड किए हुए टीचर ही पढा रहे हैं. यहां बहुत ही कम टीचर्स ने पीएचडी की हुई है.

विद्यार्थियों ने अपना समय और पैसा दोनों यहां लगाया है. कई विद्यार्थी गरीब परिवार से आते हैं, उनका भविष्य और पैसा दोनों ही दाव पर लग गया है, छात्र का आरोप है कि बीपीएड और M.Ed करवा रही एजेंसी को टीटी कॉलेज को सूची में रखना ही नहीं चाहिए था. अगर यह कॉलेज सूची में नहीं होता तो विद्यार्थी यहां दाखिला नहीं लेते. बीकानेर, चूरू, झुंझुनू ,भीलवाड़ा समेत दूर जिलों से यहां आकर विद्यार्थी अपने खर्चे पर रह रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-पीएम मोदी करेंगे दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट कार्यालय सूरत डायमंड बुर्स का उद्धाटन, जानें क्या है खासियत

एबीवीपी ने उठाई आवाज : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मान्यता रद्द होने के बाद भी दाखिला देने वाले टीटी कॉलेज के खिलाफ आवाज उठाई है. एमडीएस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष महिपाल सिंह गोदारा ने कहा कि एनसीटी ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी है उसके बावजूद भी कॉलेज ने विद्यार्थियों को यहां दाखिला दिया. एनसीटी की वेबसाइट पर कॉलेज के आगे विदड्रॉल लिखा हुआ आ रहा है. कॉलेज के पास योग्यता धारी शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए नहीं हैं. पीटीईटी के माध्यम से डेढ़ सौ विद्यार्थियों का दाखिला कॉलेज ने लिया है. कॉलेज ने विद्यार्थियों से 40 लाख रुपए की फीस हड़प ली है. विद्यार्थियों की समस्या है कि विदड्रॉल नहीं हटेगा तो उनकी डिग्री फर्जी मानी जाएगी.

उन्होने कहा कि शुक्रवार को एमडीएस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से भी बातचीत हुई थी. गोदारा का आरोप है कि रजिस्ट्रार ने कहा कि राजनीति दबाव के कारण हस्ताक्षर कर दिए गए यह हमसे गलती हो गई. उन्होंने कहा कि टेट की परीक्षा में जो सबसे अच्छे अंक लाते हैं उन्हें टीटी कॉलेज दिया जाता है. गोदारा ने आरोप लगाया कि शिक्षा के अंदर ऐसे दलाल आ चुके हैं जिनके कारण शिक्षा को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. हमारी मांग है कि विदड्रॉल हटना चाहिए और विद्यार्थियों का भविष्य खराब नहीं होना चाहिए. 15 दिन में यदि समाधान नहीं होता है तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे.

विद्यार्थियों ने किया विरोध प्रदर्शन

अजमेर. राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान ( टीटी कॉलेज ) की मान्यता 1 वर्ष पहले खत्म हो चुकी है. बावजूद इसके कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन ने विद्यार्थियों को संस्थान में दाखिला दे दिया. विद्यार्थियों के होश तब उड़ गए जब इस कॉलेज से पास आउट 22 बीपीएड धारकों को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया. ऐसे में विद्यार्थियों ने कॉलेज के बाहर एकजुट होकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जिम्मेदारों से कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की.

विद्यार्थियों का आरोप है कि संस्था 10 नवंबर 2022 को कोर्ट केस हार चुकी है. विद्यार्थी अनिकेत शर्मा ने बताया कि राजस्थान में दो ही टीटी कॉलेज हैं, दोनों की मान्यता एनसीटी ने रद्द कर दी है. उन्होंने बताया कि मानता 10 नवंबर 2022 को रद्द हुई थी और विद्यार्थियों को 2023 में कॉलेज में दाखिला दिया गया. जबकि मान्यता रद्द होने के पीछे कारण बताया गया था कि कॉलेज में टीचर योग्य ही नहीं हैं. अध्यापन के लिए टीचर में पीएचडी या नेट योग्यता होनी चाहिए, मगर यहां तीन-चार टीचर को छोड़कर किसी के पास योग्यता नहीं है. इस कारण एनसीटी ने लिखित में टीटी कॉलेज की मान्यता रद्द की है. विद्यार्थियों की इस गंभीर समस्या को लेकर जब कॉलेज प्रशासन से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बातचीत करने से मना कर दिया, अपने मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर लिये.

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विद्यार्थियों के भविष्य पर लटकी हुई है तलवार : विद्यार्थी अनिकेत शर्मा ने बताया कि यहां से निकलने के बाद सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई करेंगे तो यहां के दस्तावेज देखकर हमें बाहर निकाल दिया जाएगा क्योंकि संस्था की मान्यता ही नहीं है, यह संस्थान फर्जी है. उन्होंने बताया कि 22 बच्चे बीपीएड के कॉलेज से बाहर निकले हैं और उनकी नौकरी जा चुकी है. फिलहाल कॉलेज में 150 बीपीएड और 40 एमएड के विद्यार्थी हैं जिनका भविष्य दांव पर लग गया.

उन्होंने कहा कि अच्छी परसेंटेज आने पर यहां दाखिला हुआ था. उन्होंने बताया कि प्राचार्य को भी यह सूचना दी गई थी कि विदड्रॉल हो रहा है उसके बावजूद भी दाखिला लिया गया. कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन की ओर से हमें झूठा आश्वासन दिया गया है और अपील की कॉपी बताई गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज में कई टीचर रिटायर होने वाले हैं. उन्हें रिटायरमेंट चाहिए इसलिए वह मामले को उलझा कर रखे हुए हैं. उनकी इस हरकत से 150 बीपीएड और 40 एम एड के विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है.

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विदड्रॉल हटे तो बचे भविष्य : विद्यार्थी सविता मीणा ने बताया कि 1 महीने पहले कॉलेज प्राचार्य और प्रशासन से बातचीत हुई थी तब उन्होंने कहा कि आप कुछ मत करिए जो करेंगे हम करेंगे आप केवल शांति बनाए रखें. मगर कॉलेज प्रशासन और प्राचार्य ने विद्यार्थियों के हित में कोई कार्रवाई नहीं की. तब जाकर विद्यार्थियों को प्रदर्शन करना पड़ रहा है. सभी विद्यार्थी नहीं चाहते थे कि शिक्षकों के विरोध में जाएं. प्राचार्य ने कहा था कि मान्यता के लिए प्रक्रिया हम करेंगे मगर उन्होंने कुछ नहीं किया. विद्यार्थी अपना विरोध जाता रहे हैं तो कॉलेज प्रशासन की ओर से पुलिस बुलाई जा रही है. यहां बीएड किए हुए टीचर ही पढा रहे हैं. यहां बहुत ही कम टीचर्स ने पीएचडी की हुई है.

विद्यार्थियों ने अपना समय और पैसा दोनों यहां लगाया है. कई विद्यार्थी गरीब परिवार से आते हैं, उनका भविष्य और पैसा दोनों ही दाव पर लग गया है, छात्र का आरोप है कि बीपीएड और M.Ed करवा रही एजेंसी को टीटी कॉलेज को सूची में रखना ही नहीं चाहिए था. अगर यह कॉलेज सूची में नहीं होता तो विद्यार्थी यहां दाखिला नहीं लेते. बीकानेर, चूरू, झुंझुनू ,भीलवाड़ा समेत दूर जिलों से यहां आकर विद्यार्थी अपने खर्चे पर रह रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-पीएम मोदी करेंगे दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट कार्यालय सूरत डायमंड बुर्स का उद्धाटन, जानें क्या है खासियत

एबीवीपी ने उठाई आवाज : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मान्यता रद्द होने के बाद भी दाखिला देने वाले टीटी कॉलेज के खिलाफ आवाज उठाई है. एमडीएस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष महिपाल सिंह गोदारा ने कहा कि एनसीटी ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी है उसके बावजूद भी कॉलेज ने विद्यार्थियों को यहां दाखिला दिया. एनसीटी की वेबसाइट पर कॉलेज के आगे विदड्रॉल लिखा हुआ आ रहा है. कॉलेज के पास योग्यता धारी शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए नहीं हैं. पीटीईटी के माध्यम से डेढ़ सौ विद्यार्थियों का दाखिला कॉलेज ने लिया है. कॉलेज ने विद्यार्थियों से 40 लाख रुपए की फीस हड़प ली है. विद्यार्थियों की समस्या है कि विदड्रॉल नहीं हटेगा तो उनकी डिग्री फर्जी मानी जाएगी.

उन्होने कहा कि शुक्रवार को एमडीएस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से भी बातचीत हुई थी. गोदारा का आरोप है कि रजिस्ट्रार ने कहा कि राजनीति दबाव के कारण हस्ताक्षर कर दिए गए यह हमसे गलती हो गई. उन्होंने कहा कि टेट की परीक्षा में जो सबसे अच्छे अंक लाते हैं उन्हें टीटी कॉलेज दिया जाता है. गोदारा ने आरोप लगाया कि शिक्षा के अंदर ऐसे दलाल आ चुके हैं जिनके कारण शिक्षा को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. हमारी मांग है कि विदड्रॉल हटना चाहिए और विद्यार्थियों का भविष्य खराब नहीं होना चाहिए. 15 दिन में यदि समाधान नहीं होता है तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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