अजमेर. पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रदेश में बारिश का सीजन बना हुआ है. जून के आखिरी सप्ताह से मानसून तंत्र के भी सक्रिय होने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में एक तेज बारिश अजमेर शहर में हजारों लोगों के लिए आफत बन सकती है. शहर के प्रमुख नाले खासकर आनासागर एस्केप चैनल की सफाई नहीं हुई है. इन नालों और एस्केप चैनल में गंदगी भरी हुई है. बावजूद इसके नगर निगम ने अभी तक इन नालों और एस्केप चैनल की सफाई का ठेका नहीं दिया है. निगम की यह लापरवाही आमजन को भारी पड़ सकती है.
आनासागर एस्केप चैनल नाले में तब्दील : अजमेर शहर के बीचों-बीच खूबसूरत आनासागर झील के ओवरफ्लो पानी को निकालने के लिए आनासागर एस्केप चैनल वर्षों पहले बनाया गया था. आनासागर से निकलने वाला ओवरफ्लो पानी दौराई के तालाब और वहां से भावता पीसांगन होते हुए गोविंदगढ़ डैम तक पहुंचा था. इस पानी का उपयोग बाद में सिंचाई के लिए किया जाता है. धीरे-धीरे शहरीकरण होने से आनासागर एस्केप चैनल गंदे नाले में तब्दील हो गया है. अब आनासागर एस्केप चैनल में ओवरफ्लो पानी ही नहीं, शहर की तमाम नाले नालियों का गंदा पानी भी इसमें आता है.
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हालात बद से बदतर : एस्केप चैनल पर दरगाह क्षेत्र, डिग्गी बाजार, आगरा गेट दिल्ली गेट, गंज, क्षेत्र का सारा पानी आनासागर एस्केप चैनल छोटे बड़े नालों के माध्यम से आनासागर एस्केप चैनल में ही जाकर मिलता है. वर्तमान में हालात यह है कि एस्केप चैनल ही नहीं बल्कि छोटे बड़े नाले भी गंदगी से अटे पड़े हुए हैं. आनासागर झील से एस्केप चैनल की शुरुआत होती है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि वहीं पर इतनी गंदगी पड़ी हुई है. इसके आगे तो हालात और भी बद से बदतर हैं.
आफत बन सकती है एक तेज बारिश : शहर के बीच ब्रह्मपुरी, तोपदड़ा, पाल बिसला, अलवर गेट, गुर्जर धरती, जॉन्स गंज, गड्डीमालियां से आगे दौराई के तालाब तक आनासागर एस्केप चैनल की सफाई नहीं हुई है. इधर शास्त्रीनगर, आनासागर लिंक, पुलिस लाइन क्षेत्र, मेडिकल कॉलेज के समीप, पृथ्वीराज मार्ग, स्टेशन रोड, बाटा तिराहा, मार्टिंडल ब्रिज समेत कई क्षेत्रों से होकर गुजर रहे नालों की सफाई नहीं हुई है.
लोगों के घरों में घुसेगा पानी : बरसात का सीजन होने के बावजूद अभी तक नगर निगम ने इन नालों और आनासागर एस्केप चैनल की सफाई का ठेका नहीं दिया है. इस कारण एक तेज बारिश हजारों लोगों के लिए आफत बन सकती है. दरअसल, गंदगी से अटे होने के कारण नाले और आनासागर एस्केप चैनल से पानी की निकासी नहीं हो पाएगी और उफन कर पानी लोगों के घरों में घुसेगा. इस कारण लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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हर साल होता है सफाई का ठेका : शहर के प्रमुख नालों और आनासागर एस्केप चैनल की सफाई को लेकर मानसून सक्रिय होने से 1 माह पहले सफाई का ठेका दिया जाता है. जहां संभव हो वहां जेसीबी और अन्य मशीनों से सफाई की जाती है, अन्य स्थानों पर मैनुअल काम होता है. 2 साल पहले तक आनासागर एस्केप चैनल और प्रमुख नालों की सफाई का ठेका एक करोड़ रुपए के लगभग था. अब नगर निगम के पास पोकलेन और जेसीबी, ट्रैक्टर की व्यवस्था है इस कारण अब ठेका 45 से 50 लाख में होता है जो निगम के अधिकारियों की लचरता के कारण अभी नहीं हुआ है.
13 किमी का है आनासागर एस्केप चैनल : आनासागर एस्केप चैनल में आनासागर झील का ओवरफ्लो पानी निकाला जाता रहा है. वर्तमान में झील में 12 फुट के लगभग पानी है. सिंचाई विभाग के अनुसार झील में 13 फुट स्तर तक पानी रखा जाता है, लेकिन यह स्तर भी तब रखा जाता है जब बारिश की सम्भवना नहीं हो अन्यथा झील का पानी निकालकर जलस्तर 12 फुट तक कर दिया जाता है. झील में पर्याप्त पानी है, ऐसे में तेज बारिश से उसका जल स्तर 13 फुट तक पहुंचना कोई बड़ी बात नहीं है. समय रहते आनासागर एस्केप चैनल और शहर के प्रमुख नालों की सफाई हो जाती है तो लोगों के घरों में पानी घुसने की संभावना भी कम रहती है. ऐसे में नगर निगम को गंभीरता से विचार कर शहर के प्रमुख नालों और आनासागर एस्केप चैनल की सफाई का कार्य जल्द पूरा कर लेना चाहिए.
नालों के ओवर फुल होने का यह भी कारण : नालों के ओवरफ्लो होने का कारण गंदगी माना जाता है. हालांकि, पड़ताल में सामने आया कि पेयजल, बिजली और टेलीफोन की पाइपलाइन भी उतनी ही जिम्मेदार है. दरअसल, नालों पर बनी पुलिया पर यह पाइपलाइन होकर गुजरती है. बारिश के दौरान गंदगी इन पाइपलाइन से बाधित होती है और नाले उफान मारते हैं. इस कारण कई क्षेत्रों में सड़कों पर ही नहीं बल्कि लोगों के घरों में भी पानी भर जाता है. वर्षों से यही हाल है. नगर निगम ने इन विभागों को लिखकर दिया और जिला प्रशासन से भी आग्रह किया कि वह बिजली, पेयजल और टेलीफोन विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना तैयार करें, ताकि नगर निगम को बालों की सफाई पर अड़चन नहीं आए और पानी बाधित न हो.
यह बोले जिम्मेदार : नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी रुपाराम चौधरी ने बताया कि नालों की सफाई को लेकर कार्य शुरू किए जा रहे हैं. आनासागर एस्केप चैनल का कुछ हिस्सा अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को साफ करके देना है, जबकि शेष हिस्से में मंगलवार से सफाई कार्य शुरू किया जाएगा. चौधरी ने बताया कि आनासागर एस्केप चैनल की सफाई बस स्टैंड से लेकर 9 नंबर पैट्रोल पंप यानी लगभग 6 से 7 किलोमीटर तक नाली की सफाई का जिम्मा अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड का है जो अभी शुरू नहीं हुआ. बीच का टुकड़ा ब्रह्मपुरी का भी है.
30 जून तक सफाई का दावा : अजमेर स्मार्ट सिटी में सफाई का काम शुरू नहीं किया गया है. ऐसे में नगर निगम सफाई कार्य करेगा. पावर हाउस से लेकर कचहरी रोड की पुलिया तक 2 दिन के भीतर सफाई कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि एस्केप चैनल में 9 नंबर पेट्रोल पंप से आगे एसटीपी प्लांट खानपुरा तालाब तक सफाई का जिम्मा नगर निगम का है. वहां पर मलबा निकालने का काम शुरू हो चुका है. अब जल्द ही मलबा उठाने का काम भी शुरू होगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक सर्किल में नालों की सफाई के लिए एक-एक जेसीबी लगा रखी है. नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी रुपाराम चौधरी ने दावा किया है कि मानसून से पहले यानी 30 जून तक आनासागर एस्केप चैनल और प्रमुख नालों की सफाई हो जाएगी.