केकड़ी (अजमेर). क्षेत्र में बीते दिनों खाद्य सुरक्षा दल की टीम ने एक दुकान से गजक और पिस्ता कटिंग के सैंपल लिए थे. जहां शनिवार को लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आई, जहां गजक और पिस्ता कटिंग में मरे हुए कीट और सिंथेटिक रंग पाए गए हैं.
जिसके बाद विभाग ने रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए फर्म मालिक दशरथ कुमार साहू के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा निरीक्षक प्रेमचन्द शर्मा और राजेश त्रिपाठी ने बताया कि विभाग को लंबे समय से केकड़ी में मिलावटी गजक की शिकायत मिल रही थी. इस शिकायत के आधार पर चिकित्सा विभाग ने एक दल गठित कर 11 जनवरी को केकड़ी के दौराई का रास्ता स्थित मातेश्वरी गजक और पेठा भंडार पर छापा मारा.
जहां विभाग ने सैंपल लेकर अजमेर स्थित खाद्य सुरक्षा मानक प्रयोगशाला में जांच के लिए भिजवाए. उन्होंने बताया कि मातेश्वरी गजक भंडार से गजक और उसमे इस्तेमाल की जा रही पिस्ता टूकड़ी के सैंपल लिया गया. जहां शनिवार को अजमेर स्थित प्रयोगशाला से जांच के बाद रिपोर्ट प्राप्त हुई है.
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रिपोर्ट में गजक और पिस्ता टूकड़ी के सैंपल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए गए हैं. रिपोर्ट में पिस्ता कतरन में मरे हुए कीट के अंश पाए गए. इसी तरह गजक के सैंपल में दूषित पिस्ता कतरन और सिंथेटिक रंग टेट्राजिन और ब्रिलियंट ब्लू पाए गए. उन्होंने बताया कि विभाग ने इन-दोनों ही रंगों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना है. विभाग फर्म संचालक दशरथ कुमार साहू के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट 2006 के तहत कार्रवाई करेगा.