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नियमितीकरण सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने शुरू किया आमरण अनशन - गांधी जयंती पर आमरण अनशन

अजमेर में आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने नियमि​तीकरण की मांग को लेकर गांधी जयंती पर आमरण अनशन शुरू किया है.

Ayurveda contractual doctors on hunger strike
आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने शुरू किया आमरण अनशन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2023, 7:56 PM IST

आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने शुरू किया आमरण अनशन

अजमेर. महात्मा गांधी जयंती पर प्रदेश के 200 से अधिक आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने गांधीवादी तरीके से आमरण अनशन शुरू किया. पहले दिन एक संविदा चिकित्सक अगले दिन 5 और ऐसे आमरण अनशन करने वाले आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों की संख्या निरंतर बढ़ती जाएगी. साथ ही सोमवार से आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने आयुर्वेद निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना भी लगा दिया है.

जैसलमेर निवासी आयुर्वेद संविदा चिकित्सक डॉ पुखराज ने बताया कि 2 वर्ष से आयुर्वेद संविदा चिकित्सक नियमितीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गांधी जयंती के अवसर पर आयुर्वेद निदेशालय के बाहर गांधीवादी तरीके से अनिश्चितकालीन धरना देने के साथ ही आमरण अनशन की भी शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि 200 से अधिक आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों को सरकार नियमित नहीं कर रही है. जबकि 10 से 12 वर्ष से अल्प वेतन में आयुर्वेद संविदा चिकित्सक काम कर रहे हैं. अल्प वेतन के कारण परिवार परिणाम भुगत रहा है.

पढ़ें: 22 गोदाम पुलिया के पास धरना दे रहे संविदाकर्मियों को रात में जबरन हटाया, पुलिस पर बल प्रयोग के आरोप

मांग पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन रहेगा जारी: प्रोविजनल लिस्ट को बिना आपत्ति के जारी किया गया. रातों-रात रोस्टर के नियम बदल दिए गए. आपत्तियां तक का निवारण नहीं किया गया. साथ ही अभ्यर्थियों की स्थाई सूची जारी कर उन्हें नौकरी दे दी गई. आयुर्वेद चिकित्सक भर्ती में सरकार चाहे तो 600 से 800 पद जोड़ सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण 2 वर्ष से जिला स्तर पर धरने किए जा रहे हैं. वहीं विगत तीन वर्षों से सरकार के मंत्री और अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं ताकि हमारी मांग पर सकारात्मक पहल हो सके. इसलिए मजबूर होकर महात्मा गांधी का रास्ता अपनाना पड़ रहा है.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2022 : बजट रिप्लाई में टूटी संविदा कर्मियों की आस, सद्बुद्धि यज्ञ के साथ शुरू की भूख हड़ताल

नियमितीकरण के लिए सरकार करवाए डीपीसी: आयुर्वेद संविदा महिला चिकित्सक डॉ रानी ने बताया कि आयुर्वेद संविदा चिकित्सक तीन सूत्रीय मांग कर रहे हैं. इनमें पहली मांग है कि 600 से 800 पदों के लिए डीपीसी करवाई जाए. इन पदों के लिए डीसी पहले हो जानी चाहिए थी, जो अभी तक नहीं हुई. इस कारण से स्थाईकरण की प्रक्रिया से 200 के लगभग संविदा चिकित्सक वंचित रह गए हैं. आगामी आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती के लिए अधिकांश संविदा चिकित्सक ओवर ऐज हो जाएंगे. इसके चलते वे स्थाई नहीं हो पाएंगे. उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से अटकी ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सकों की 272 पदों की डीपीसी अति शीघ्र करवाकर प्रतीक्षा सूची में जोड़कर वंचित आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों को भी नियमित किया जाए.

आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने शुरू किया आमरण अनशन

अजमेर. महात्मा गांधी जयंती पर प्रदेश के 200 से अधिक आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने गांधीवादी तरीके से आमरण अनशन शुरू किया. पहले दिन एक संविदा चिकित्सक अगले दिन 5 और ऐसे आमरण अनशन करने वाले आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों की संख्या निरंतर बढ़ती जाएगी. साथ ही सोमवार से आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने आयुर्वेद निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना भी लगा दिया है.

जैसलमेर निवासी आयुर्वेद संविदा चिकित्सक डॉ पुखराज ने बताया कि 2 वर्ष से आयुर्वेद संविदा चिकित्सक नियमितीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गांधी जयंती के अवसर पर आयुर्वेद निदेशालय के बाहर गांधीवादी तरीके से अनिश्चितकालीन धरना देने के साथ ही आमरण अनशन की भी शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि 200 से अधिक आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों को सरकार नियमित नहीं कर रही है. जबकि 10 से 12 वर्ष से अल्प वेतन में आयुर्वेद संविदा चिकित्सक काम कर रहे हैं. अल्प वेतन के कारण परिवार परिणाम भुगत रहा है.

पढ़ें: 22 गोदाम पुलिया के पास धरना दे रहे संविदाकर्मियों को रात में जबरन हटाया, पुलिस पर बल प्रयोग के आरोप

मांग पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन रहेगा जारी: प्रोविजनल लिस्ट को बिना आपत्ति के जारी किया गया. रातों-रात रोस्टर के नियम बदल दिए गए. आपत्तियां तक का निवारण नहीं किया गया. साथ ही अभ्यर्थियों की स्थाई सूची जारी कर उन्हें नौकरी दे दी गई. आयुर्वेद चिकित्सक भर्ती में सरकार चाहे तो 600 से 800 पद जोड़ सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण 2 वर्ष से जिला स्तर पर धरने किए जा रहे हैं. वहीं विगत तीन वर्षों से सरकार के मंत्री और अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं ताकि हमारी मांग पर सकारात्मक पहल हो सके. इसलिए मजबूर होकर महात्मा गांधी का रास्ता अपनाना पड़ रहा है.

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नियमितीकरण के लिए सरकार करवाए डीपीसी: आयुर्वेद संविदा महिला चिकित्सक डॉ रानी ने बताया कि आयुर्वेद संविदा चिकित्सक तीन सूत्रीय मांग कर रहे हैं. इनमें पहली मांग है कि 600 से 800 पदों के लिए डीपीसी करवाई जाए. इन पदों के लिए डीसी पहले हो जानी चाहिए थी, जो अभी तक नहीं हुई. इस कारण से स्थाईकरण की प्रक्रिया से 200 के लगभग संविदा चिकित्सक वंचित रह गए हैं. आगामी आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती के लिए अधिकांश संविदा चिकित्सक ओवर ऐज हो जाएंगे. इसके चलते वे स्थाई नहीं हो पाएंगे. उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से अटकी ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सकों की 272 पदों की डीपीसी अति शीघ्र करवाकर प्रतीक्षा सूची में जोड़कर वंचित आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों को भी नियमित किया जाए.

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