अजमेर. भ्रष्टाचार के करीब 17 साल पुराने मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट ने आरोपी को 2 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया है. मामले में दो आरोपी थे, इनमे से एक आरोपी की मौत हो चुकी है. यह मामला वर्ष 2006 का है, जब अजमेर एसीबी ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त निदेशक केसी चोपड़ा और कार्यालय सहायक अशोक जेठानी को ढाई हजार रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था.
उपनिदेशक अभियोजन अलका गहलोत ने बताया कि एसीबी के पुराने मामलों को टाडा कोर्ट कोई स्थानांतरित किया गया था. इस मामले की सुनवाई भी टाडा कोर्ट में हुई है. उन्होंने बताया कि परिवादी राजेश शर्मा किशनगढ़ में रेडियोग्राफर के पद पर कार्य करते थे. परिवादी शर्मा ने 10 दिन की मेडिकल लीव ली थी. 5 दिन में तबियत ठीक होने पर उन्होंने चिकित्सक से फिटनेस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया था. तत्कालीन ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी एपी मोदी ने फिटनेस के लिए बनाए गए मेडिकल सर्टिफिकेट को फर्जी बताया था. इस मामले की जांच भी उन्होंने की थी.
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साथ ही परिवादी राजेश शर्मा को अजमेर में संयुक्त निदेशक केसी चोपड़ा से मिलने के लिए कहा था. परिवादी राजेश शर्मा संयुक्त निदेशक केसी चोपड़ा से मिले. चोपड़ा ने कार्यालय सहायक अशोक जेठानी के पास परिवादी राजेश शर्मा को भेज दिया. परिवादी का आरोप था कि कार्यालय सहायक अशोक जेठानी ने उससे ढाई हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. इस आशय से परिवादी राजेश शर्मा ने 5 जुलाई 2006 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकदमा दर्ज करवाया. शिकायत की सत्यता जांचने के बाद अजमेर एसीबी ने कार्यालय सहायक अशोक जेठानी को परिवादी से ढाई हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इस रिश्वत कांड में सहायक निदेशक (जेडी) केसी चोपड़ा की भूमिका भी थी.
ढाई हजार से कम में नही मानेंगेः उपनिदेशक अभियोजन अलका गहलोत ने बताया कि परिवादी राजेश शर्मा कार्यालय सहायक अशोक जेठानी से मिले तो उस पर मेडिकल लिव के मामले का निस्तारण करने की एवज में ढाई हजार रुपए की डिमांड की गई. परिवादी ने एसीबी को बताया कि जेठानी ने कहा था कि ढाई हजार रुपए के नीचे नहीं मानेंगे.
एक आरोपी की ट्रायल के दौरान हुई मौतः उपनिदेशक अभियोजन ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह, 49 दस्तावेज और 9 आर्टिकल पेश किए गए थे. उन्होंने बताया कि आरोपी पक्ष की ओर से 4 अक्टूबर 2021 को कोर्ट में केसी चोपड़ा का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाया गया था. लिहाजा कोर्ट ने कार्यालय सहायक अशोक जेठानी को 2 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया है.