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Ajmer POCSO court: दोस्त की नाबालिग बेटी से किया दुराचार, कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

अजमेर पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के (POCSO court has sentenced) मामले में अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

Ajmer POCSO court,  POCSO court has sentenced
दोस्त की नाबालिग बेटी से किया दुराचार.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 13, 2023, 6:23 PM IST

अजमेर. पॉक्सो मामलों की कोर्ट संख्या एक ने नाबालिग से दुराचार के मामले में अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर 50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है. अभियुक्त नाबालिग के पिता का दोस्त था.

विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि नाबालिग के पिता ने 21 नवंबर 2021 को अलवर गेट थाने में आरोपी के खिलाफ नामजद मामला पॉक्सो एक्ट में दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि पीड़िता के पिता का दोस्त होने के कारण आरोपी का उसके घर पर आना जाना था. 9 अक्टूबर 2020 को पीड़िता की बहन के जन्मदिन के अवसर पर आरोपी घर पर खाना खाने के लिए आया था. इस दौरान आरोपी ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर दोस्त और उसके परिवार को पिला दिया.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी को सुनाई 5 वर्ष कठोर कारावास की सजा

नाबालिग से किया दुराचारः परिजनों के सोने के बाद आरोपी ने नाबालिग से दुराचार किया. साथ ही पीड़िता को डराया धमकाया. इसी तरह आरोपी कई बार पीड़िता के साथ दुराचार कर चुका है. इस दौरान आरोपी पिता के घर गेहूं के आटे में भी नशीला पदार्थ मिलाने लगा था. आरोपी की ज्यादतियों से परेशान पीड़िता ने परिजनों को आपबीती बताई. पीड़िता की बात सुनकर परिजनों के होश उड़ गए. इस पर परिजनों ने आरोपी के खिलाफ अलवर गेट थाने में नामजद मामला दर्ज कराया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड

आरोपी ने खुद को आग लगाने की थी कोशिश : विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि अपने गुनाह पर पर्दा डालने के लिए आरोपी ने पीड़िता के घर जाकर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़कर आग लगाने की कोशिश की थी. इस हरकत में पीड़िता के पिता की स्कूटी की सीट जल गई थी. उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय की है जब आरोपी को पीड़िता की सगाई के बारे में पता चला था. आरोपी ने तीन गवाह कोर्ट में खड़ा करके इस घटना का फायदा उठाने की भी कोशिश की, लेकिन आरोपी अपने गुनाह पर पर्दा नहीं डाल सका. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह और 26 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. जिनके आधार पर कोर्ट ने आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार के अर्थ दंड से दंडित किया.

अजमेर. पॉक्सो मामलों की कोर्ट संख्या एक ने नाबालिग से दुराचार के मामले में अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर 50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है. अभियुक्त नाबालिग के पिता का दोस्त था.

विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि नाबालिग के पिता ने 21 नवंबर 2021 को अलवर गेट थाने में आरोपी के खिलाफ नामजद मामला पॉक्सो एक्ट में दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि पीड़िता के पिता का दोस्त होने के कारण आरोपी का उसके घर पर आना जाना था. 9 अक्टूबर 2020 को पीड़िता की बहन के जन्मदिन के अवसर पर आरोपी घर पर खाना खाने के लिए आया था. इस दौरान आरोपी ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर दोस्त और उसके परिवार को पिला दिया.

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नाबालिग से किया दुराचारः परिजनों के सोने के बाद आरोपी ने नाबालिग से दुराचार किया. साथ ही पीड़िता को डराया धमकाया. इसी तरह आरोपी कई बार पीड़िता के साथ दुराचार कर चुका है. इस दौरान आरोपी पिता के घर गेहूं के आटे में भी नशीला पदार्थ मिलाने लगा था. आरोपी की ज्यादतियों से परेशान पीड़िता ने परिजनों को आपबीती बताई. पीड़िता की बात सुनकर परिजनों के होश उड़ गए. इस पर परिजनों ने आरोपी के खिलाफ अलवर गेट थाने में नामजद मामला दर्ज कराया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

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आरोपी ने खुद को आग लगाने की थी कोशिश : विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि अपने गुनाह पर पर्दा डालने के लिए आरोपी ने पीड़िता के घर जाकर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़कर आग लगाने की कोशिश की थी. इस हरकत में पीड़िता के पिता की स्कूटी की सीट जल गई थी. उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय की है जब आरोपी को पीड़िता की सगाई के बारे में पता चला था. आरोपी ने तीन गवाह कोर्ट में खड़ा करके इस घटना का फायदा उठाने की भी कोशिश की, लेकिन आरोपी अपने गुनाह पर पर्दा नहीं डाल सका. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह और 26 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. जिनके आधार पर कोर्ट ने आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार के अर्थ दंड से दंडित किया.

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