अजमेर. कोरोना काल में राज्य सरकार भले ही अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज व सुविधाओं का दावा कर रही हो, लेकिन हकीकत इससे अलग है. चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिला अजमेर में करोड़ों की लागत से बना पंचशील स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केवल एक डाॅक्टर के भरोसे जिंदा है. यहां भले ही अत्याधुनिक मशीनें लगा दी गई हो, लेकिन ये मशीनें स्टाफ की कमी के चलते मरीजों के किसी काम नहीं आ रही. सीएचसी के एक्स-रे कक्ष पर ताले लटके हुए, तो वहीं दंत चिकित्सक के प्रयोग में आने वाली कुर्सी डाॅक्टर के इंतजार में खाली पड़ी है.
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इस संबंध में स्थानीय निर्वाचन पार्षद प्रकाश मेहरा ने कहा कि स्थानीय लोगों के लिए भाजपा शासन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नींव को रखा गया था. कांग्रेस ने इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को शुरू तो करवा दिया, लेकिन यहां केवल मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक को ही नियुक्त किया है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, इसका फायदा नजदीकी निजी अस्पताल उठा रहे हैं.
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बोर्ड तो लगवा दिए, लेकिन डाॅक्टर नहीं
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