अजमेर. त्योहारों का देश कहा जाने वाले देश भारत में इस बार खुशियां दुगुनी होती हुई दिखाई दे रही हैं क्योंकि 15 अगस्त को एक साथ दो खास अवसर पड़ रहे हैं जो कि स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन हैं. इसके साथ इस खुशी मे और भी ज्यादा इजाफा करते हुए हाल ही मे जम्मू कश्मीर में भी अनुच्छेद 370 हटने के बाद देशभर के लोग खुशियां मना रहे हैं.
15 अगस्त और रक्षाबंधन को लेकर अजमेर के पतंग बाजार में इन दिनों रौनक छाई हुई है. अजमेर के खाली को इलाके में पतंग का बड़ा बाजार है. इन दिनों जिस तरीके से देश का माहौल रहा है उस हिसाब से तो हर जगह 'मोदी - मोदी' की पुकार है.
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कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 A को हटाने के बाद देश के साथ-साथ पतंगों पर भी मोदी का रंग चढ़ने लगा है. पतंग खरीदने वाले लोगों को मोदी की पतंगें अपनी ओर ज्यादा आकर्षित कर रही हैं. यही वजह है कि 20 रुपय से 200 रुपय तक की कीमत में मोदी वाली पतंगें लोगों के द्वारा खूब पसंद की जा रहीं हैं. इसके साथ ही मोदी, योगी और अमित शाह वाली प्रिंटेड पतंगों को भी लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. रक्षाबंधन पर नीला आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से भरा नजर आने वाला है क्योंकी लोग पतंगों की खरीददारी जमकर कर रहे हैं. अजमेर के बाजारों में पतंगों पर तरह-तरह के स्लोगन भी लिखे हुए हैं. मोदी की फोटो वाली पतंगों पर कई तरीके के स्लोगन लिखे हैं जैसे की 'आई लव माय इंडिया', 'मोदी है तो मुमकिन है', 'नई सोच नई उमंग', 'देश के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी', के साथ-साथ और भी कई स्लोगन लिखे देखने को मिल रहे हैं.
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अजमेर के घर सिटी में पतंग बेचने वाले दुकानदारों की मानें तो उनका कहना है कि इस बार 15 अगस्त और रक्षाबंधन का त्यौहार एक साथ पड़ने के कारण पतंगों की बिक्री पर जरूर असर पड़ा है, क्योंकि रक्षाबंधन के कारण पतंग लोग ज्यादा नहीं खरीद रहे हैं. दुकानदारों ने बताया कि अगस्त महीने में खरीददारी की चहल-पहल से बाजारों में रोनक रहती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है.
पतंगों का कारोबार ठीक से ना होने के कारण कुछ दुकानदार परेशान भी हैं. उनका कहना है की आजकल बच्चों को पढ़ाई और समय की कमी है जिस के कारण बच्चे पतंग उड़ाने आदि जैसे खेलों से दूर होते जा रहे हैं. पतंग बाजार में जहां बड़ों के लिए अलग-अलग तरीके की पतंगें मौजूद है वहीं बच्चों की पसंद को देखते हुए इस बार उनके मनपसंद कार्टून जैसे की बार्बी, मोटू -पतलू, छोटा भीम ,डोरेमोन, जैसी पतंगें भी उपलब्ध हैं. जिनकी कीमत काफी कम है और वह बच्चों को पसंद भी आ रही हैं. पतंग की डोर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है लेकिन जिस तरह से चाइनीस मांझे पर सरकार ने रोक लगाई है उसे देखते हुए बाजार में चाइनीज मांझा कहीं नजर नहीं आ रहा है. लोगों का कहना है कि चाइनीस मांझे से कई तरह की दुर्घटनायें होती है इसलिए धागे वाला मांझा ही बेचा जा रहा है.