अजमेर. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल का प्रशासन कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट हो गया है. इसके अलावा सेटेलाइट और जनाना अस्पताल में भी कोरोना जांच और गंभीर मरीजों के भर्ती किए जाने की भी व्यवस्था की गई. जेएलएन अस्पताल में ट्रॉमा वार्ड को कोरोना वार्ड बनाया गया है. अजमेर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है.
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रामगंज और ब्यावर से आ रहे हैं ज्यादा मरीजः जानकारी के अनुसार फरवरी माह से लेकर अब तक 1529 लोगों की कोरोना जांच हुई है. इनमें 26 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके है. जबकि एक मरीज की मौत हो चुकी है. इन मरीजों में 2 मरीज गंभीर है. जिनको जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. अजमेर के जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ नीरज गुप्ता बताते हैं कि अजमेर में रामगंज और ब्यावर क्षेत्र से पॉजिटिव मरीज ज्यादा है. ऐसे में क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है. क्षेत्र में पाए गए कोरोना मरीज से उनके परिजन भी संक्रमित हो रहे हैं. डॉ. गुप्ता ने जुखाम बुखार पीड़ित मरीजों को भी 5 दिन अपने ही घर में आइसोलेट होने की अपील की है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोरोना के मरीजों को भर्ती करने के लिए ट्रॉमा वार्ड में व्यवस्था की गई है. इनमें कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों को रखने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है. डॉ. गुप्ता के अनुसार अस्पताल में कोरोना के 2 मरीज भर्ती हैं. वहीं 6 संदिग्ध मरीज का उपचार भी किया जा रहा है.
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वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की है पर्याप्त व्यवस्थाः जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि जेएलएन अस्पताल के अलावा सेटेलाइट हॉस्पिटल और जनाना अस्पताल में भी कोरोना मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था के साथ उपचार और जांच की व्यवस्था के निर्देश दिए गए. डॉ सिंह ने बताया कि अस्पताल में 173 वेंटिलेटर है. ट्रॉमा वार्ड में बनाए गए कोरोना वार्ड में भी वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था है. अस्पताल में पीपी कीट और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता है. उन्होंने बताया कि सेटेलाइट हॉस्पिटल और जनाना अस्पताल में भी व्यवस्थाएं पूर्ण हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ओजीपी और एलएमओ सभी वर्किंग स्थिति में हैं. इसके अलावा अस्पतालों में जांच के लिए किट भी पर्याप्त हैं. अस्पतालों में कोरोना में काम आने वाली दवाइयां पर्याप्त है. डॉ. सिंह ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. जबकि मरीज की गंभीर स्थिति नहीं होने पर उसे घर पर ही आइसोलेट रहने की सलाह दी जा रही है. उन्होंने बताया कि लोग घरों पर ही ठीक हो रहे हैं.