अजमेर. अपने एक दिवसीय यात्रा के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र और युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे शनिवार को अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दरबार पहुंचे. बाल ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र से खुद ही चादर लेकर अजमेर पहुंचे और दरबार में पेश की. गौरतलब है कि ठाकरे परिवार हजरत ख्वाजा गरीब नवाज में गहरी आस्था रखता है.
यही वजह है कि ठाकरे परिवार समय- समय पर अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर पेश करवा कर अपनी हाजिरी भी लगवाते रहते हैं. ख्वाजा साहब के उर्स में चादर पेशी करवाने के बाद शनिवार को आदित्य ठाकरे खुद चादर पेश करने अजमेर आये. जहां उन्होंने दरबार में जियारत कर परिवार की तरफ से मन्नत मुरादें ख्वाजा साहब के दरबार में पेश की और साथ ही शुकराना भी अदा किया.
हालांकि इस दौरान आदित्य ठाकरे ने मीडिया से किसी तरह की बातचीत नहीं की. ठाकरे परिवार को ख्वाजा साहब में बेहद आस्था. पिछली बार भी ठाकरे परिवार द्वारा मन्नत की गयी थी और इस बार भी बाबा के दरबार में भी ठाकरे परिवार की ओर से हाजिरी लगवाई और पार्टी की मजबूती की दुआ मांगी गयी.
इस दौरान आदित्य ठाकरे के साथ शिवसेना पार्टी के सचिव मिलिंद नार्वेकर, राहुल कुणाल सहित कई पार्टी नेता और स्थानीय पदाधिकारी मौजूद थे. इन सभी को ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत खादिम सैयद मोहम्मद आदिल चिश्ती ने करवाई और दरबार का तबर्रुक बैठकर ठाकरे परिवार के लिए विशेष दुआ का आयोजन किया गया.
दरगाह जियारत के बाद आदित्य ठाकरे पुष्कर मंदिर
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दरबार में चादर पेश करने के बाद आदित्य ठाकरे जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करने पुष्कर पहुचे. पुष्कर पहुंचने पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ठाकरे का फूल मालाओं से स्वागत किया. ठाकरे ने जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन कर देश मे खुशियाली की कामना की.
इस दौरान ठाकरे ने मीडिया से दूरी बनाये रखी. इस दौरान आदित्य ने सरोवर पर पूजा अर्चना के कार्यक्रम को रद्द कर दिया. दर्शन के पश्चात ठाकरे किशनगढ़ एयरपोर्ट के लिये रवाना हो गए. गौरतलब है कि ठाकरे अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान पुष्कर पहुंचने के पहले अजमेर में ख्वाजा मोइनुदीन चिश्ती की दरगाह में मखमली चादर पेश करके आये थे.
वहीं दूसरी ओर ठाकरे की अजमेर यात्रा के सियासी मायने लगाया जा रहे है. ठाकरे की अजमेर यात्रा को प्रदेश की आगामी निकाय चुनावों की तैयारियों से जोड़ कर देखा जा रहा है. शिवसेना से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार निकाय चुनाव से पहले प्रदेश के संगठन में अहम बदलाव होने हैं.