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जानिए अजमेर के अनूठे बैंक के बारे में, जहां पैसे नहीं राम का नाम जमा होता है

अजमेर में 1987 से एक ऐसा अनूठा बैंक चल रहा है जहां पैसों का लेनदेन नहीं होता, बल्कि यहां राम नाम की हस्तलिखित कॉपियों का संकलन होता है. खास बात यह है कि यहां हर खातेदार का रिकॉर्ड भी रखा जाता है.

अजमेर का अनूठा राम नाम बैंक
अजमेर का अनूठा राम नाम बैंक
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 5, 2024, 9:10 PM IST

अजमेर का अनूठा राम नाम बैंक

अजमेर. राम जन्मभूमि अयोध्या में जन-जन के आराध्य श्री रामलला 22 जनवरी को विराजमान होने जा रहे हैं. लोगों में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है. ईटीवी भारत इस खास मौके पर लेकर आया है एक ऐसी स्टोरी जो उस उक्ति को सार्थक करती है, जिसमें कहा जाता है "राम से बड़ा राम का नाम". राम नाम जपने से व्यक्ति का कल्याण हो जाता है. अजमेर में 1987 से एक ऐसा अनूठा बैंक चल रहा है, जहां पैसों का लेनदेन नहीं होता, बल्कि यहां राम नाम की हस्तलिखित कॉपियों का संकलन होता है. खास बात यह है कि यहां हर खातेदार का रिकॉर्ड भी रखा जाता है.

22 जनवरी को भगवान श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने वाले हैं, हजारों राम भक्तों की ओर से हस्तलिखित 108 अरब राम के नाम का संकलन के बड़े केंद्र का उद्घाटन भी इस माह में पुष्कर में होने जा रहा है. भविष्य में यह हस्तलिखित राम नाम के संकलन का केंद्र बड़े तीर्थ के रूप में उभरेगा. वर्तमान में अजमेर की पुलिस लाइन के पास श्री राम नाम बैंक का मुख्य कार्यालय है. इस अनूठे बैंक की स्थापना अजमेर में सन 1987 में हुई थी. तब से देश में एकमात्र और पहले राम नाम का यह बैंक संचालित हो रहा है. इस बैंक के 55 हजार खातेदार देशभर में हैं और इसके देशभर में 280 केंद्र हैं. राजस्थान में पांच क्षेत्रीय बैंक हैं. बैंक के प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि बैंक की स्थापना 7 अप्रैल 1987 में हुई थी. उन्होंने बताया कि गोरखपुर गीता प्रेस के संचालक राम सुख दास महाराज के मार्गदर्शन में बैंक की स्थापना हुई और इसका संचालन शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि राम नाम धन संग्रह बैंक देश में एकमात्र अजमेर में है. बाकायदा यहां पर खाता खोला जाता है और बदले में पासबुक दी जाती है. जिसमें खातेदार के अकाउंट नंबर होता है.

इसे भी पढ़ें-रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जलेगी 108 फीट लंबी अगरबत्ती, जानिए इसकी खासियत

डाक और कुरियर से भेजी और मंगाई जाती है कॉपियां : बैंक प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि बैंक से जुड़ने के बाद प्रत्येक खातेदार की आवश्यकता के अनुसार निःशुल्क राम नाम लिखने के लिए कॉपियां डाक और कुरियर के जरिए भेजी जाती है. खातेदार की ओर से भेजी गई राम नाम लिखित कॉपियां डाक से मिलने के बाद उनकी छंटनी होती है. रजिस्टर में प्रत्येक खातेदार की कॉपी का रिकॉर्ड अंकित किया जाता है. इसके बाद कंप्यूटर में रिकॉर्ड भी रहता है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक खातेदार का रिकॉर्ड पोथियों में भी रखा जाता है. यानी खातेदार के इस दुनिया से चले जाने के बाद यदि उसका कोई वंशज आकर बैंक में अपने पूर्वज के खाते के बारे में पूछता है तो उसे रिकॉर्ड दिखाया जाता है. बैंक में पांच लोग प्रतिदिन निरंतर सेवाएं देते हैं.

खातेदार को लिखने होते हैं 84 लाख राम का नाम : उन्होंने यह भी बताया कि देशभर में मौजूद 55 हजार खातेदारों का रिकॉर्ड बैंक में रखा जाता है. प्रत्येक खातेदार को खाता खुलवाने से पहले उसकी इच्छा जानी जाती है. उसके बाद खातेदार को 84 लाख राम नाम लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है. बैंक की ओर से प्रत्येक खातेदार को राम नाम लिखने के लिए निःशुल्क कॉपियां दी जाती हैं. प्रत्येक कॉपी में 25 हजार नाम लिखे जा सकते हैं. 84 लाख राम का नाम लिखने के लिए 330 कापियां लगती हैं.

10 लोगों ने लिखा 3 बार 84 लाख राम नाम : बैंक के प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि 55 हजार खातेदारों में से 2 हजार खातेदार अब तक 84 लाख राम का नाम लिख चुके हैं, जबकि 70 लोगों ने दो बार 84 लाख राम नाम लिखे हैं. वहीं, 10 लोग तीन बार 84 लाख राम का नाम लिख चुके हैं.

परिक्रमा से मिलता है पुण्य : श्री राम नाम धन संग्रह बैंक के प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि 14 से 22 जनवरी को अजमेर में आजाद पार्क में हस्तलिखित राम नाम संकलन की लोग परिक्रमा और दर्शन कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी 100 जगह पर परिक्रमा और दर्शन का आयोजन किया जा चुका है. जयपुर में गोविंद देव जी के मंदिर में हर वर्ष दिसंबर के पहले सप्ताह में हस्तलिखित राम नाम संकलन के दर्शन और परिक्रमा का आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि विश्व में यह दुर्लभ रिकॉर्ड है. भविष्य में हस्तलिखित राम नाम का यह बड़ा संकलन पुष्कर में तीर्थ के रूप में उभरेगा. उन्होंने यह भी बताया कि शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मांड में साढ़े तीन करोड़ तीर्थ है. राम नाम के इतने बड़े हस्तलिखित संकलन की परिक्रमा भी उनके समान मानी जाती है.

राम नाम का है चमत्कार : बैंक प्रबंधक राम सिंह ने बताया कि 2012 में बैंक में शॉर्ट सर्किट से आग भी लगी थी. आग लगने के बावजूद एक भी कॉपी को क्षति नहीं पंहुची. जबकि कापियों को रखने में काम आने वाला कपड़ा जल गया. दूसरा चमत्कार यह है कि बैंक कार्यालय में चूहे भी हैं, लेकिन यह चूहे किसी कॉपी को कभी नुकसान नही पहुंचाते.

अजमेर का अनूठा राम नाम बैंक

अजमेर. राम जन्मभूमि अयोध्या में जन-जन के आराध्य श्री रामलला 22 जनवरी को विराजमान होने जा रहे हैं. लोगों में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है. ईटीवी भारत इस खास मौके पर लेकर आया है एक ऐसी स्टोरी जो उस उक्ति को सार्थक करती है, जिसमें कहा जाता है "राम से बड़ा राम का नाम". राम नाम जपने से व्यक्ति का कल्याण हो जाता है. अजमेर में 1987 से एक ऐसा अनूठा बैंक चल रहा है, जहां पैसों का लेनदेन नहीं होता, बल्कि यहां राम नाम की हस्तलिखित कॉपियों का संकलन होता है. खास बात यह है कि यहां हर खातेदार का रिकॉर्ड भी रखा जाता है.

22 जनवरी को भगवान श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने वाले हैं, हजारों राम भक्तों की ओर से हस्तलिखित 108 अरब राम के नाम का संकलन के बड़े केंद्र का उद्घाटन भी इस माह में पुष्कर में होने जा रहा है. भविष्य में यह हस्तलिखित राम नाम के संकलन का केंद्र बड़े तीर्थ के रूप में उभरेगा. वर्तमान में अजमेर की पुलिस लाइन के पास श्री राम नाम बैंक का मुख्य कार्यालय है. इस अनूठे बैंक की स्थापना अजमेर में सन 1987 में हुई थी. तब से देश में एकमात्र और पहले राम नाम का यह बैंक संचालित हो रहा है. इस बैंक के 55 हजार खातेदार देशभर में हैं और इसके देशभर में 280 केंद्र हैं. राजस्थान में पांच क्षेत्रीय बैंक हैं. बैंक के प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि बैंक की स्थापना 7 अप्रैल 1987 में हुई थी. उन्होंने बताया कि गोरखपुर गीता प्रेस के संचालक राम सुख दास महाराज के मार्गदर्शन में बैंक की स्थापना हुई और इसका संचालन शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि राम नाम धन संग्रह बैंक देश में एकमात्र अजमेर में है. बाकायदा यहां पर खाता खोला जाता है और बदले में पासबुक दी जाती है. जिसमें खातेदार के अकाउंट नंबर होता है.

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डाक और कुरियर से भेजी और मंगाई जाती है कॉपियां : बैंक प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि बैंक से जुड़ने के बाद प्रत्येक खातेदार की आवश्यकता के अनुसार निःशुल्क राम नाम लिखने के लिए कॉपियां डाक और कुरियर के जरिए भेजी जाती है. खातेदार की ओर से भेजी गई राम नाम लिखित कॉपियां डाक से मिलने के बाद उनकी छंटनी होती है. रजिस्टर में प्रत्येक खातेदार की कॉपी का रिकॉर्ड अंकित किया जाता है. इसके बाद कंप्यूटर में रिकॉर्ड भी रहता है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक खातेदार का रिकॉर्ड पोथियों में भी रखा जाता है. यानी खातेदार के इस दुनिया से चले जाने के बाद यदि उसका कोई वंशज आकर बैंक में अपने पूर्वज के खाते के बारे में पूछता है तो उसे रिकॉर्ड दिखाया जाता है. बैंक में पांच लोग प्रतिदिन निरंतर सेवाएं देते हैं.

खातेदार को लिखने होते हैं 84 लाख राम का नाम : उन्होंने यह भी बताया कि देशभर में मौजूद 55 हजार खातेदारों का रिकॉर्ड बैंक में रखा जाता है. प्रत्येक खातेदार को खाता खुलवाने से पहले उसकी इच्छा जानी जाती है. उसके बाद खातेदार को 84 लाख राम नाम लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है. बैंक की ओर से प्रत्येक खातेदार को राम नाम लिखने के लिए निःशुल्क कॉपियां दी जाती हैं. प्रत्येक कॉपी में 25 हजार नाम लिखे जा सकते हैं. 84 लाख राम का नाम लिखने के लिए 330 कापियां लगती हैं.

10 लोगों ने लिखा 3 बार 84 लाख राम नाम : बैंक के प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि 55 हजार खातेदारों में से 2 हजार खातेदार अब तक 84 लाख राम का नाम लिख चुके हैं, जबकि 70 लोगों ने दो बार 84 लाख राम नाम लिखे हैं. वहीं, 10 लोग तीन बार 84 लाख राम का नाम लिख चुके हैं.

परिक्रमा से मिलता है पुण्य : श्री राम नाम धन संग्रह बैंक के प्रबंधक राम सिंह बताते हैं कि 14 से 22 जनवरी को अजमेर में आजाद पार्क में हस्तलिखित राम नाम संकलन की लोग परिक्रमा और दर्शन कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी 100 जगह पर परिक्रमा और दर्शन का आयोजन किया जा चुका है. जयपुर में गोविंद देव जी के मंदिर में हर वर्ष दिसंबर के पहले सप्ताह में हस्तलिखित राम नाम संकलन के दर्शन और परिक्रमा का आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि विश्व में यह दुर्लभ रिकॉर्ड है. भविष्य में हस्तलिखित राम नाम का यह बड़ा संकलन पुष्कर में तीर्थ के रूप में उभरेगा. उन्होंने यह भी बताया कि शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मांड में साढ़े तीन करोड़ तीर्थ है. राम नाम के इतने बड़े हस्तलिखित संकलन की परिक्रमा भी उनके समान मानी जाती है.

राम नाम का है चमत्कार : बैंक प्रबंधक राम सिंह ने बताया कि 2012 में बैंक में शॉर्ट सर्किट से आग भी लगी थी. आग लगने के बावजूद एक भी कॉपी को क्षति नहीं पंहुची. जबकि कापियों को रखने में काम आने वाला कपड़ा जल गया. दूसरा चमत्कार यह है कि बैंक कार्यालय में चूहे भी हैं, लेकिन यह चूहे किसी कॉपी को कभी नुकसान नही पहुंचाते.

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