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URS 2023: ख्वाजा की दरगाह पर जायरीनों का मेला, छोटे कुल की रस्म कल...गुलाब जल और केवड़े से धोया दरगाह

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स पर जियारत के लिए (811th Urs of Khwaja Moinuddin Hasan Chishti) अकीदतमंदों की भीड़ जुट रही है. कल छोटे कुल की रस्म अदायगी होगी. ऐसे में जायरीन आज ही गुलाब जल और केवड़े से दरगाह को धोने लगे.

811th Urs of Khwaja Moinuddin Hasan Chishti
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Published : Jan 28, 2023, 10:29 PM IST

Updated : Jan 29, 2023, 12:16 AM IST

ख्वाजा की दरगाह पर जायरीनों का मेला

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स के मौके पर दरगाह में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. लाखों की संख्या में जायरीनों की दरगाह में जियारत के लिए आवाजाही चल रही है. देर शाम से जायरीनों की आवक और बढ़ गई है. जायरीन ने शनिवार देर शाम से ही केवड़े और गुलाब जल से दरगाह को धोना शुरू कर दिया है जबकि दरगाह में छठी पर कल कुल की रस्म होगी.

ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स के मौके पर हाजिरी देने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों जायरीन अजमेर आए हुए हैं. शनिवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में अकीदतमंदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. दरगाह परिसर जायरीन से खचाखच भरा रहा. सुबह से ही बड़ी संख्या में जियारत के लिए जायरीन का आना जाना लगा रहा. शाम को रोशनी की दुआ के एक घंटे बाद से ही जायरीन ने दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोना शुरू कर दिया है. दरगाह की दीवारों पर केवड़े और गुलाब जल का छिड़काव करने के बाद जायरीन दीवारों से टपकते पानी को बोतलों में भरकर साथ ले गए.

पढ़ें. Ajmer Urs 2023 : अकीदतमंदों ने अदा की जुम्मे की विशेष नमाज, कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से चादर पेश

एक दिन पहले इसलिए धो रहे दरगाह
उर्स के मौके पर जायरीन कई साधनों से अजमेर आते हैं. इनमें बड़ी संख्या में ट्रेन से सफर कर आने वाले होते हैं. ऐसे में उन जायरीनों को वापस भी लौटना होता है जो छठी को छोटे कुल की रस्म तक नहीं रुक पाते हैं. वह एक दिन पहले ही दरगाह को केवड़ी और गुलाब जल से धोना शुरू कर देते हैं. देर रात तक यह सिलसिला जारी रहता है.

पढ़ें. Ajmer Sharif Urs 2023: सीएम गहलोत की ओर से वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने पेश की चादर

छठी पर होगी छोटे कुल की रस्म
रजब के चांद की छह तारीख को ख्वाजा गरीब नवाज की छठी होती है. इस दिन ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की अहम परंपरागत रस्म निभाई जाती है जिसे छोटे कुल की रस्म कहा जाता है. रविवार को कुल की रस्म अदा की जाएगी. मजार शरीफ को गुसल दिया जाएगा. इसके बाद दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोया जाएगा. इस अहम रसुमात को दरगाह के ख़ादिम आस्ताने में निभाएंगे. कल जन्नति दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा.

बड़े कुल 1 फरवरी को: खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि रजब के चांद की 9 तारीख यानी 1 फरवरी को बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी. मजार शरीफ को गुसल देने के बाद इस दिन पूरी दरगाह को धोया जाएगा.

ख्वाजा की दरगाह पर जायरीनों का मेला

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स के मौके पर दरगाह में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. लाखों की संख्या में जायरीनों की दरगाह में जियारत के लिए आवाजाही चल रही है. देर शाम से जायरीनों की आवक और बढ़ गई है. जायरीन ने शनिवार देर शाम से ही केवड़े और गुलाब जल से दरगाह को धोना शुरू कर दिया है जबकि दरगाह में छठी पर कल कुल की रस्म होगी.

ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स के मौके पर हाजिरी देने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों जायरीन अजमेर आए हुए हैं. शनिवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में अकीदतमंदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. दरगाह परिसर जायरीन से खचाखच भरा रहा. सुबह से ही बड़ी संख्या में जियारत के लिए जायरीन का आना जाना लगा रहा. शाम को रोशनी की दुआ के एक घंटे बाद से ही जायरीन ने दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोना शुरू कर दिया है. दरगाह की दीवारों पर केवड़े और गुलाब जल का छिड़काव करने के बाद जायरीन दीवारों से टपकते पानी को बोतलों में भरकर साथ ले गए.

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एक दिन पहले इसलिए धो रहे दरगाह
उर्स के मौके पर जायरीन कई साधनों से अजमेर आते हैं. इनमें बड़ी संख्या में ट्रेन से सफर कर आने वाले होते हैं. ऐसे में उन जायरीनों को वापस भी लौटना होता है जो छठी को छोटे कुल की रस्म तक नहीं रुक पाते हैं. वह एक दिन पहले ही दरगाह को केवड़ी और गुलाब जल से धोना शुरू कर देते हैं. देर रात तक यह सिलसिला जारी रहता है.

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छठी पर होगी छोटे कुल की रस्म
रजब के चांद की छह तारीख को ख्वाजा गरीब नवाज की छठी होती है. इस दिन ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की अहम परंपरागत रस्म निभाई जाती है जिसे छोटे कुल की रस्म कहा जाता है. रविवार को कुल की रस्म अदा की जाएगी. मजार शरीफ को गुसल दिया जाएगा. इसके बाद दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोया जाएगा. इस अहम रसुमात को दरगाह के ख़ादिम आस्ताने में निभाएंगे. कल जन्नति दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा.

बड़े कुल 1 फरवरी को: खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि रजब के चांद की 9 तारीख यानी 1 फरवरी को बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी. मजार शरीफ को गुसल देने के बाद इस दिन पूरी दरगाह को धोया जाएगा.

Last Updated : Jan 29, 2023, 12:16 AM IST
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