ऊना/हिमाचल प्रदेश: देश की हॉकी टीम को साल 1964 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में गोल्ड दिलाने वाले भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान चरणजीत सिंह का गुरुवार को निधन हो गया. चरणजीत सिंह हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से ताल्लुक रखते थे. आज शाम चार बचे उनका मोक्षधाम में अंतिम संस्कार होगा. उनके निधन पर सीएम जयराम ठाकुर ने शोक व्यक्त किया है.
उनके पुत्र वीपी सिंह और भाई एवं पूर्व भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी भूपिंदर सिंह ने पूर्व हॉकी ओलंपियन एवं पद्मश्री चरणजीत सिंह के निधन की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पद्मश्री चरणजीत सिंह करीब 7 वर्ष से बीमार चल रहे थे. चरणजीत खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्परता से सहायता प्रदान करते रहे. वहीं, चरणजीत सिंह के निधन के बाद डीसी राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
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ऊना से पूर्व हॉकी खिलाड़ी और 1964 ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे, पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित चरणजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
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ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करें।
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ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करें।
ॐ शांति! pic.twitter.com/i4WlJxGZYFऊना से पूर्व हॉकी खिलाड़ी और 1964 ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे, पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित चरणजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
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ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करें।
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वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी ट्वीट कर कहा कि "ऊना से पूर्व हॉकी खिलाड़ी और 1964 ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे, पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित चरणजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करें. ॐ शांति!"
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चरणजीत सिंह को भारत सरकार ने (hockey player charanjit singh) अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से भी सम्मानित किया. वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर भी रहे. बताया जा रहा है कि उनकी सेहत काफी समय से खराब थी. वे अपने ऊना जिला मुख्यालय के पीरनिगाह रोड पर मैड़ी में रहते थे.
बता दें कि भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान (hockey player charanjit singh) चरणजीत सिंह का जन्म 3 फरवरी 1931, ऊना में हुआ था. उन्होंने (Charanjit Singh journey) पंजाब के गुरदासपुर और लायलपुर में अपनी शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने लुधियाना से एग्रीकल्चर में बीएसई की पढ़ाई की. स्कूली स्तर पर उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया था.
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चरणजीत सिंह 1949 में पंजाब यूनिवर्सिटी की हॉकी टीम में शामिल हुए है और बाद में उन्हें यूनिवर्सिटी टीम का कप्तान बनाया गया. साल 1950 में उन्हें भारतीय हॉकी टीम में चुना गया. 1951 और 1955 में पाकिस्तान गई भारतीय टीम में चरणजीत सिंह को शामिल किया गया. 1959 में यूरोप दौरे के लिए गई भारतीय टीम का भी चरणजीत सिंह हिस्सा रहे. रोम ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में चरणजीत सिंह को शामिल किया गया था. लेकिन वह इस स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में चोट के चलते नहीं खेल पाए थे. साल 1961 में उन्हें भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया. उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता.