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मैच जीतने और टीम बनाने के बीच संतुलन बनाने की जरूरत: राहुल द्रविड़

न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से पहले द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उन्हें दीर्घकालिन रणनीति बनानी होगी लेकिन फोकस टीम की जीत पर भी रखना होगा.

rahul dravid on team balance and mental fatigue
rahul dravid on team balance and mental fatigue
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Published : Nov 17, 2021, 2:56 PM IST

जयपुर: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को बखूबी पता है कि आयुवर्ग की टीमों और जीत के प्रति आसक्त अंतरराष्ट्रीय टीम को मार्गदर्शन देने में बहुत फर्क है और वह हर मैच जीतने तथा भविष्य के लिये टीम बनाने में संतुलन स्थापित करना चाहते हैं.

न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से पहले द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उन्हें दीर्घकालिन रणनीति बनानी होगी लेकिन फोकस टीम की जीत पर भी रखना होगा.

उन्होंने कहा, "अलग अलग टीमों की कोचिंग एक तरह से नहीं कर सकते. कोचिंग के कुछ सिद्धांत कभी नहीं बदलेंगे लेकिन हर टीम की चुनौतियां अलग होती है और जरूरतें अलग होती है."

द्रविड़ ने कहा, "आप यह नहीं कह सकते हैं कि अंडर 19 स्तर पर की गई हर बात यहां भी करेंगे. मैं इस तरह से नहीं करूंगा. मेरे लिये यह सीखने और खिलाड़ियों को जानने का मौका है."

उन्होंने कहा, "सहयोगी स्टाफ के रूप में आपकी जिम्मेदारी यह है कि खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा सकें. मैं इसी तरह से देखता हूं."

ये भी पढ़ें- कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने 2007 में पहली मुलाकाल को याद किया

एनसीए प्रमुख के तौर पर युवा खिलाड़ियों के साथ काम कर चुके द्रविड़ ने कहा कि जूनियर स्तर पर अंतिम लक्ष्य जीत नहीं होता है लेकिन सीनियर स्तर पर टीम से हर मैच जीतने की अपेक्षा रहती है.

उन्होंने कहा, "संतुलन बनाना जरूरी है. हमें हर मैच जीतने का लक्ष्य रखना है लेकिन दीर्घकालिन लक्ष्य की अनदेखी भी नहीं करनी है. यह बात बबल में रहने की थकान और मौजूदा हालात पर भी लागू होती है. हम खिलाड़ियों के भविष्य और दीर्घकालिन कैरियर के बारे में सोचेंगे लेकिन अल्पकालिन लक्ष्यों के लिये उनकी भलाई की अनदेखी नहीं होगी."

नये कोच ने कहा कि जीतना अहम है लेकिन भविष्य के लिये मजबूत टीम तैयार करने पर भी नजर होगी.

उन्होंने कहा, "दोनों का मिश्रण जरूरी है. अभी जीतना है और भविष्य पर भी नजर रखना है. आने वाले बड़े टूर्नामेंटों की भी तैयारी करनी है. भविष्य के लिये सोचना मेरा काम है और किसी भी टीम की कोचिंग करूं, वह नहीं बदलेगा."

कार्यभार प्रबंधन के बारे में द्रविड़ ने कहा कि अलग अलग प्रारूपों के लिये अलग अलग टीमों पर विचार नहीं हो रहा है लेकिन सभी प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ियों को उचित विश्राम दिया जायेगा.

उन्होंने न्यूजीलैंड के केन विलियमसन का उदाहरण दिया जिन्हें टेस्ट श्रृंखला के लिये तरोताजा रखने के मकसद से भारत के खिलाफ टी20 श्रृंखला में आराम दिया गया है. भारत के वनडे और टेस्ट कप्तान विराट कोहली को भी टी20 श्रृंखला में आराम दिया गया है.

द्रविड़ ने कहा, "इतना ज्यादा क्रिकेट खेला जा रहा है. खिलाड़ियों का प्रबंधन जरूरी है. फुटबॉल में भी खिलाड़ी हर मैच नहीं खेल पाते. विश्व क्रिकेट में हर टीम के सामने यह चुनौती है और हमें कार्यभार प्रबंधन देखना होगा."

जयपुर: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को बखूबी पता है कि आयुवर्ग की टीमों और जीत के प्रति आसक्त अंतरराष्ट्रीय टीम को मार्गदर्शन देने में बहुत फर्क है और वह हर मैच जीतने तथा भविष्य के लिये टीम बनाने में संतुलन स्थापित करना चाहते हैं.

न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से पहले द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उन्हें दीर्घकालिन रणनीति बनानी होगी लेकिन फोकस टीम की जीत पर भी रखना होगा.

उन्होंने कहा, "अलग अलग टीमों की कोचिंग एक तरह से नहीं कर सकते. कोचिंग के कुछ सिद्धांत कभी नहीं बदलेंगे लेकिन हर टीम की चुनौतियां अलग होती है और जरूरतें अलग होती है."

द्रविड़ ने कहा, "आप यह नहीं कह सकते हैं कि अंडर 19 स्तर पर की गई हर बात यहां भी करेंगे. मैं इस तरह से नहीं करूंगा. मेरे लिये यह सीखने और खिलाड़ियों को जानने का मौका है."

उन्होंने कहा, "सहयोगी स्टाफ के रूप में आपकी जिम्मेदारी यह है कि खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा सकें. मैं इसी तरह से देखता हूं."

ये भी पढ़ें- कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने 2007 में पहली मुलाकाल को याद किया

एनसीए प्रमुख के तौर पर युवा खिलाड़ियों के साथ काम कर चुके द्रविड़ ने कहा कि जूनियर स्तर पर अंतिम लक्ष्य जीत नहीं होता है लेकिन सीनियर स्तर पर टीम से हर मैच जीतने की अपेक्षा रहती है.

उन्होंने कहा, "संतुलन बनाना जरूरी है. हमें हर मैच जीतने का लक्ष्य रखना है लेकिन दीर्घकालिन लक्ष्य की अनदेखी भी नहीं करनी है. यह बात बबल में रहने की थकान और मौजूदा हालात पर भी लागू होती है. हम खिलाड़ियों के भविष्य और दीर्घकालिन कैरियर के बारे में सोचेंगे लेकिन अल्पकालिन लक्ष्यों के लिये उनकी भलाई की अनदेखी नहीं होगी."

नये कोच ने कहा कि जीतना अहम है लेकिन भविष्य के लिये मजबूत टीम तैयार करने पर भी नजर होगी.

उन्होंने कहा, "दोनों का मिश्रण जरूरी है. अभी जीतना है और भविष्य पर भी नजर रखना है. आने वाले बड़े टूर्नामेंटों की भी तैयारी करनी है. भविष्य के लिये सोचना मेरा काम है और किसी भी टीम की कोचिंग करूं, वह नहीं बदलेगा."

कार्यभार प्रबंधन के बारे में द्रविड़ ने कहा कि अलग अलग प्रारूपों के लिये अलग अलग टीमों पर विचार नहीं हो रहा है लेकिन सभी प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ियों को उचित विश्राम दिया जायेगा.

उन्होंने न्यूजीलैंड के केन विलियमसन का उदाहरण दिया जिन्हें टेस्ट श्रृंखला के लिये तरोताजा रखने के मकसद से भारत के खिलाफ टी20 श्रृंखला में आराम दिया गया है. भारत के वनडे और टेस्ट कप्तान विराट कोहली को भी टी20 श्रृंखला में आराम दिया गया है.

द्रविड़ ने कहा, "इतना ज्यादा क्रिकेट खेला जा रहा है. खिलाड़ियों का प्रबंधन जरूरी है. फुटबॉल में भी खिलाड़ी हर मैच नहीं खेल पाते. विश्व क्रिकेट में हर टीम के सामने यह चुनौती है और हमें कार्यभार प्रबंधन देखना होगा."

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