गाजा सिटी : उत्तरी गाजा में जबालिया शरणार्थी शिविर की टूटी-फूटी गलियों को लोगों से खाली देखकर स्थानीय निवासी नाजी जमाल अनिर्णय की स्थिति में हैं. उनके लिए स्थिति आगे कुआं, पीछे खाई जैसी स्थिति है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नाजी जमाल अनिर्णय की स्थिति में हैं.
वह यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें इजरायली सेना के इस आदेश का पालन करना चाहिए कि सभी फिलिस्तीनी गाजा से निकल जायें या गाजा के दक्षिण में जोखिम भरी यात्रा करने से बेहतर है अपने घर में ही इजराययी हमलों का शिकार हो जायें. उनके लिए बस एक ही स्थिति निश्चित है वह है बेघर होना. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी में रह रहे ज्यादातर फिलिस्तिनी नागरिकों के लिए यही अनिर्णय की स्थिति है. इजरायली बम गाजा के रिहायशी इलाकों में भी गिर रहे हैं.
स्वास्थ्य क्लिनिक कर्मचारी जमाल (34) ने एपी से कहास कि यह एक अस्तित्वगत प्रश्न है, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं है. गाजा पट्टी में कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं है, ऐसी कोई जगह नहीं है जहां गोलाबारी और घेराबंदी नहीं की जा रही हो, रहने के लिए कोई जगह नहीं है.
उत्तरी गाजा और गाजा शहर में नागरिकों के लिए एक अभूतपूर्व आदेश में, इजरायली सेना ने जमाल और 1.1 मिलियन अन्य फिलिस्तीनियों को इलाके को खाली करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है. यह इजरायली आदेश हमास के क्रूर हमले के बाद शुरू हुए इजरायली बमबारी के छठे दिन बाद आया है. जानकारी के मुताबिक हमास के हमले में 1,300 से अधिक इजरायली मारे गए. जिसने विश्व को स्तब्ध कर दिया.
जैसे-जैसे निर्धारित अल्टीमेटम की घड़ी के पास आने के साथ ही हजारों की संख्या में इजरायली सेना के रिजर्व बल गाजा की उत्तरी सीमा के पास एकत्र हो रहे थे. इजरायली युद्धक विमान लगातार गाजा के ऊपर गश्त कर रहे हैं. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली विमान घरों और आवासीय ऊंची इमारतों पर बम गिराने के लिए काफी नीचे फ्लाई कर रहे हैं. इस बीच सहायता समूहों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे जबरन जनसंख्या स्थानांतरण के संभावित युद्ध अपराध की निंदा करें.