इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय खान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70 वर्षीय अध्यक्ष ने सरकार द्वारा उनकी गिरफ्तारी का डर जताया था.
न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद खान के वकील बैरिस्टर गौहर खान की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें पुलिस को खान को गिरफ्तार करने से रोकने के लिए अदालत के आदेश की अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया था.
खान अदालत में मौजूद नहीं थे. अदालत खान के खिलाफ दर्ज सभी मामलों का ब्योरा मांगने की पीटीआई की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी. खान की पार्टी का दावा है कि पीटीआई प्रमुख के खिलाफ देशभर में 100 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं.
न्यायालय ने खान की गिरफ्तारी पर रोक के अपने आदेश को 31 मई तक बढ़ा दिया. इसी दिन मामले की अगली सुनवाई भी होगी.
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खान को बड़ी राहत देते हुए अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें दो सप्ताह की सुरक्षात्मक जमानत दी थी और देश में कहीं भी दर्ज किसी भी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की 17 मई तक गिरफ्तारी पर रोक का आदेश दिया था.
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अदालत परिसर से नौ मई को खान की नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी को ‘अवैध और गैरकानूनी’ करार दिया था.
खबर के अनुसार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को पीटीआई नेताओं मलीका बुखारी और अली मोहम्मद खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी घोषित करते हुए उनकी रिहाई का भी आदेश दिया.
खान की गिरफ्तारी के बाद देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पीटीआई नेताओं को सार्वजनिक व्यवस्था कायम रखने से जुड़े अध्यादेश, 1960 के तहत गिरफ्तार किया गया था.
गौरतलब है कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में अर्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा नौ मई को खान को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद में पाकिस्तान में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
पुलिस ने हिंसक झड़पों में मारे गए लोगों की संख्या 10 बताई थी जबकि खान की पार्टी ने सुरक्षा बलों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया था.
पीटीआई-भाषा