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वह दिन आएगा जब पाकिस्तान भारत के साथ कूटनीतिक, आर्थिक रूप से जुड़ सकेगा: जरदारी

पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने कहा है कि एक दिन आएगा जब पाकिस्तान कूटनीतिक और आर्थिक रूप से भारत के से साथ जुड़ सकेगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत और कूटनीति है.

Bilawal Bhutto Zardari
बिलावल भुट्टो जरदारी (फाइल फोटो)
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Published : May 25, 2022, 5:54 PM IST

दावोस : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक दिन आएगा जब उनका देश भारत के साथ कूटनीतिक और आर्थिक रूप से भी जुड़ सकेगा. जरदारी ने विभिन्न पड़ोसी देशों के साथ पाकिस्तान के आर्थिक और कारोबारी अवसरों को खोलने के लिए आवश्यक विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा, 'आज नहीं तो कल, वह दिन आएगा. उस दिन हम अपनी पूरी आर्थिक संभावनाओं को खोल सकेंगे और समृद्धि का फल मिल कर चखेंगे.'

अपने देश के पड़ोस में कई संघर्षों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि मेरे जीवन में वह दिन जरूर आएगा, जब हम अपने क्षेत्र में संघर्षों को हल करने में सक्षम होंगे और उस दिन हम अपनी पूर्ण विकास क्षमता को खोलने में सक्षम होंगे.' हालांकि, जरदारी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान जब भी किसी अन्य देश के साथ कूटनीतिक या आर्थिक रूप से जुड़ेगा तो वह अपने राष्ट्रीय हितों से कभी समझौता नहीं करेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत और कूटनीति है. जरदारी ने वार्षिक विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक, 2022 से इतर दावोस में पाथफाइंडर ग्रुप और मार्टिन डॉव ग्रुप द्वारा आयोजित वार्षिक पाकिस्तान ब्रेकफास्ट सत्र में को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'यह ऐसा समय है जब मानवता एक नहीं बल्कि अस्तित्व संबंधी कई संकटों का सामना कर रही है, चाहे वह कोविड-19 महामारी हो, जलवायु परिवर्तन या अनय संघर्ष हो.'

जरदारी ने कहा, 'क्या हम इतिहास में किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में पहचाने जाना चाहेंगे, जिसने बातचीत के माध्यम से अस्तित्व से जुड़े संकटों और संघर्षों को हल किया या जिसने अधिक संघर्ष पैदा किए? संघर्षों को हल करना हमारे जैसे छोटे देशों के लिए नहीं बल्कि बड़े देशों और सभी के हित में है.' उन्होंने कहा कि जहां पाकिस्तान यूक्रेन के लोगों के प्रति सहानुभूति रखता है, वहीं हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान विभिन्न संघर्षों के गंभीर आर्थिक परिणामों का भी सामना कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'क्या हमें बार-बार वही पुरानी लड़ाइयां लड़नी चाहिए या हमें आधुनिक मुसलमानों के देश के रूप में पहचाने जाने की और एक समृद्ध भविष्य की आकांक्षा रखनी चाहिए?' मंत्री ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि राजनीतिक कलह को किनारे कर दिया जाए और पाकिस्तान की विशाल अनछुई क्षमता का पता लगाया जाए और उन्हें खोला जाए.

ये भी पढ़ें - बिलावल भुट्टो के बयान को भारत ने बताया रटा-रटाया, मंच का दुरुपयोग कर गए पाक विदेश मंत्री

जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान के पड़ोसी देश चीन, भारत, ईरान और अफगानिस्तान हैं. उन्होंने कहा, 'हम चीन के साथ अपने व्यापार को अधिकतम करने में सक्षम नहीं हैं. भारत के साथ हमारे संबंध स्पष्ट रूप से आगे नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन एक दिन हम उस स्थिति में पहुंच जाएंगे जहां अंतरराष्ट्रीय संस्थान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए आगे आएंगे.' उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से एक दिन ऐसा आएगा जब हम पूर्व में अपने पड़ोसी के साथ न केवल कूटनीतिक बल्कि आर्थिक रूप से भी जुड़ सकेंगे.'

अफगानिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि वह नए तालिबान शासन को मान्यता देने के लिए बहुत जल्दी में नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे यह देखने की जल्दी है कि वहां के लोग निराशा से बाहर निकलें और अफगानिस्तान उस आर्थिक तबाही से बाहर निकले, जिसमें वह फंस गया है.' उन्होंने कहा, 'हमें सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, मानवीय संकट और आर्थिक संकट से निपटने की जरूरत है और मैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में वह सब कुछ करूंगा जो मैं यह सुनिश्चित करने के लिए कर सकता हूं.'

जरदारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि अफगानों की जब्त की गई या रोकी गई रकम को जारी करने पर फिर से विचार किया जाए. अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा पाने और काम करने तथा अपनी अर्थव्यवस्था में योगदान करने का अधिकार है.' इसके अलावा मंत्री ने कहा, 'हमने पाकिस्तान में, पाकिस्तान के मुसलमानों ने एक महिला को एक से अधिक बार प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होते देखा है और हम उम्मीद करते हैं कि अफगान महिलाओं को भी वह सम्मान मिलेगा जिसकी वे हकदार हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

दावोस : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक दिन आएगा जब उनका देश भारत के साथ कूटनीतिक और आर्थिक रूप से भी जुड़ सकेगा. जरदारी ने विभिन्न पड़ोसी देशों के साथ पाकिस्तान के आर्थिक और कारोबारी अवसरों को खोलने के लिए आवश्यक विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा, 'आज नहीं तो कल, वह दिन आएगा. उस दिन हम अपनी पूरी आर्थिक संभावनाओं को खोल सकेंगे और समृद्धि का फल मिल कर चखेंगे.'

अपने देश के पड़ोस में कई संघर्षों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि मेरे जीवन में वह दिन जरूर आएगा, जब हम अपने क्षेत्र में संघर्षों को हल करने में सक्षम होंगे और उस दिन हम अपनी पूर्ण विकास क्षमता को खोलने में सक्षम होंगे.' हालांकि, जरदारी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान जब भी किसी अन्य देश के साथ कूटनीतिक या आर्थिक रूप से जुड़ेगा तो वह अपने राष्ट्रीय हितों से कभी समझौता नहीं करेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत और कूटनीति है. जरदारी ने वार्षिक विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक, 2022 से इतर दावोस में पाथफाइंडर ग्रुप और मार्टिन डॉव ग्रुप द्वारा आयोजित वार्षिक पाकिस्तान ब्रेकफास्ट सत्र में को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'यह ऐसा समय है जब मानवता एक नहीं बल्कि अस्तित्व संबंधी कई संकटों का सामना कर रही है, चाहे वह कोविड-19 महामारी हो, जलवायु परिवर्तन या अनय संघर्ष हो.'

जरदारी ने कहा, 'क्या हम इतिहास में किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में पहचाने जाना चाहेंगे, जिसने बातचीत के माध्यम से अस्तित्व से जुड़े संकटों और संघर्षों को हल किया या जिसने अधिक संघर्ष पैदा किए? संघर्षों को हल करना हमारे जैसे छोटे देशों के लिए नहीं बल्कि बड़े देशों और सभी के हित में है.' उन्होंने कहा कि जहां पाकिस्तान यूक्रेन के लोगों के प्रति सहानुभूति रखता है, वहीं हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान विभिन्न संघर्षों के गंभीर आर्थिक परिणामों का भी सामना कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'क्या हमें बार-बार वही पुरानी लड़ाइयां लड़नी चाहिए या हमें आधुनिक मुसलमानों के देश के रूप में पहचाने जाने की और एक समृद्ध भविष्य की आकांक्षा रखनी चाहिए?' मंत्री ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि राजनीतिक कलह को किनारे कर दिया जाए और पाकिस्तान की विशाल अनछुई क्षमता का पता लगाया जाए और उन्हें खोला जाए.

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जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान के पड़ोसी देश चीन, भारत, ईरान और अफगानिस्तान हैं. उन्होंने कहा, 'हम चीन के साथ अपने व्यापार को अधिकतम करने में सक्षम नहीं हैं. भारत के साथ हमारे संबंध स्पष्ट रूप से आगे नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन एक दिन हम उस स्थिति में पहुंच जाएंगे जहां अंतरराष्ट्रीय संस्थान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए आगे आएंगे.' उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से एक दिन ऐसा आएगा जब हम पूर्व में अपने पड़ोसी के साथ न केवल कूटनीतिक बल्कि आर्थिक रूप से भी जुड़ सकेंगे.'

अफगानिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि वह नए तालिबान शासन को मान्यता देने के लिए बहुत जल्दी में नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे यह देखने की जल्दी है कि वहां के लोग निराशा से बाहर निकलें और अफगानिस्तान उस आर्थिक तबाही से बाहर निकले, जिसमें वह फंस गया है.' उन्होंने कहा, 'हमें सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, मानवीय संकट और आर्थिक संकट से निपटने की जरूरत है और मैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में वह सब कुछ करूंगा जो मैं यह सुनिश्चित करने के लिए कर सकता हूं.'

जरदारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि अफगानों की जब्त की गई या रोकी गई रकम को जारी करने पर फिर से विचार किया जाए. अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा पाने और काम करने तथा अपनी अर्थव्यवस्था में योगदान करने का अधिकार है.' इसके अलावा मंत्री ने कहा, 'हमने पाकिस्तान में, पाकिस्तान के मुसलमानों ने एक महिला को एक से अधिक बार प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होते देखा है और हम उम्मीद करते हैं कि अफगान महिलाओं को भी वह सम्मान मिलेगा जिसकी वे हकदार हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

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