इस्लामाबाद : शेख राशिद अहमद (Sheikh Rashid Ahmed) ने कहा है कि अफगान तालिबान ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वह उसके खिलाफ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा. उनका यह बयान उन खबरों के बीच आया है जिनमें कहा गया है कि तालिबान का काबुल पर कब्जा होने के बाद अफगानिस्तान में कई कट्टर टीटीपी आतंकवादियों को छोड़ा गया है.
सोमवार को अहमद ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने उन खबरों पर गौर किया है कि अफगान तालिबान ने कुछ टीटीपी आतंकवादियों को रिहा कर दिया है जिसमें उसका प्रमुख कमांडर मौलवी फकीर मोहम्मद शामिल है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर तालिबान के साथ 'पूर्ण संपर्क' में है.
उन्होंने कहा, 'संबंधित (अफगान) अधिकारियों से कहा गया है कि वे ऐसे लोगों को नियंत्रित करें जो पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहे हैं. अफगान तालिबान ने (हमें) आश्वासन दिया है कि टीटीपी द्वारा किसी भी स्थिति में अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.'
उनकी टिप्पणी उस मीडिया रिपोर्ट के बीच आई है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने टीटीपी से जुड़े 'सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों' की एक सूची अफगान तालिबान को सौंपी है, जो अब भी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, हाल ही में काबुल पर नियंत्रण करने के बाद अफगान तालिबान नेतृत्व को यह सूची सौंपी गयी.
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गौरतलब है कि टीटीपी को आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है और अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित यह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है. उसने पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमले किए हैं और आरोप है कि वह ऐसे आतंकवादी हमलों के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करता रहा है.
(पीटीआई-भाषा)