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प्रति व्यक्ति आय दो हजार डॉलर से कम होने के बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा है कि भारत ने डिजिटल उपकरणों और अधिक उत्पादन क्षमता के संयोजन से कर दिखाया कि प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कम होने के बाद भी सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया जा सकता है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Nov 19, 2021, 1:16 PM IST

सिंगापुर : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने डिजिटल उपकरणों और अधिक उत्पादन क्षमता के संयोजन से कर दिखाया कि प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कम होने के बावजूद सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया जा सकता है.

जयशंकर ने ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम के दौरान 'ग्रेट पावर कॉम्पिटिशन: द इमर्जिंग वर्ल्ड ऑर्डर' के मुद्दे पर कहा कि भारत का स्वास्थ्य ढांचा कोविड-19 महामारी के जवाब में विकसित हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस समय भारत कोविड-19 महामारी की चपेट में आया, उस समय हमारे यहां केवल दो कंपनियां थीं जो वेंटिलेटर असेंबल कर रही थीं. कोई एन95 मास्क निर्माता कंपनी नहीं थी और चिकित्सा उपकरण बहुत कम थे.

ये भी पढ़ें - अफगानिस्तान की सहायता के लिए 'अन्य हितधारकों' के साथ समन्वय के इच्छुक हैं : भारत

उन्होंने कहा, 'इस अवधि के दौरान, हमने बहुत बड़ा विस्तार किया है......कोविड-19 के जवाब में स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा बड़े स्तर पर विकसित हुआ है.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में परिवर्तन किया है. डिजिटल उपकरणों और अधिक उत्पादन क्षमता के संयोजन से हमने कर दिखाया कि प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कम होने के बावजूद सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया जा सकता है.'

(पीटीआई-भाषा)

सिंगापुर : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने डिजिटल उपकरणों और अधिक उत्पादन क्षमता के संयोजन से कर दिखाया कि प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कम होने के बावजूद सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया जा सकता है.

जयशंकर ने ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम के दौरान 'ग्रेट पावर कॉम्पिटिशन: द इमर्जिंग वर्ल्ड ऑर्डर' के मुद्दे पर कहा कि भारत का स्वास्थ्य ढांचा कोविड-19 महामारी के जवाब में विकसित हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस समय भारत कोविड-19 महामारी की चपेट में आया, उस समय हमारे यहां केवल दो कंपनियां थीं जो वेंटिलेटर असेंबल कर रही थीं. कोई एन95 मास्क निर्माता कंपनी नहीं थी और चिकित्सा उपकरण बहुत कम थे.

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उन्होंने कहा, 'इस अवधि के दौरान, हमने बहुत बड़ा विस्तार किया है......कोविड-19 के जवाब में स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा बड़े स्तर पर विकसित हुआ है.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में परिवर्तन किया है. डिजिटल उपकरणों और अधिक उत्पादन क्षमता के संयोजन से हमने कर दिखाया कि प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कम होने के बावजूद सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया जा सकता है.'

(पीटीआई-भाषा)

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