ETV Bharat / city

उदयपुर में भक्तों की भावनाओं के साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगी इको फ्रेंडली माता रानी

author img

By

Published : Sep 26, 2019, 11:31 AM IST

उदयपुर में नवरात्र की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. बंगाल के कलाकार शहर में मूर्तियां बना रहे हैं. वहीं इस बार पर्यावरण को देखते हुए इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाई जा रही हैं, जो लोगों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बताया जा रहा है कि इन मूर्तियों पर गंगा के काली मिट्टी का लेप चढ़या गया है, जो देखने में आकर्षक लग रही है.

udaipur news, mata rani protect environment, उदयपुर समाचार, इको फ्रेंडली

उदयपुर. जिले में नवरात्रि के पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है. शहर में जगह-जगह इन दिनों मूर्तियां बनाने का काम चल रहा है. इनमें माता रानी के अलौकिक स्वरूप को दर्शाया गया है. बता दें कि इस बार मूर्तिकार आकर्षक मूर्तियों के साथ-साथ इको फ्रेंडली मूर्तियां बना रहे हैं. ताकि भक्तों की भावनाओं के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके.

उदयपुर में पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगी इको फ्रेंडली माता रानी

बताया जा रहा है कि लेकसिटी उदयपुर में नवरात्री को लेकर तैयारियां धूमधाम से चल रही हैं. इसी कड़ी में जिले के भूपालपुरा इलाके में स्थित बंग भवन में मां के विविध स्वरूपों की आकर्षक मूर्तियों को तैयार किया जा रहा है. इसे बंगाल के कलाकार बना रहे हैं.

इस दौरान इन कलाकारों ने बताया कि गंगा नदी की काली मिट्टी से तैयार की जा रही अनूठी और आकर्षक मूर्तियां पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं. जो पर्यावरण सरक्षण का भी संदेश दे रही हैं. बता दें कि मूर्ति तैयार होने के बाद इन मूर्तियों को विभिन्न गरबा मंडलों और पांडालों में स्थापित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने ली कृषि विभाग की समीक्षा बैठक, यूरिया का स्टॉक रखने के दिए निर्देश

बता दें कि कोर्ट की ओर से प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद से इन मूर्तियों का प्रचलन ज्यादा बढ़ गया है. अलग-अलग मुद्राओं में बनाई जा रही इन मूर्तियों की कीमत करीब 10 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक है. ईको फ्रेंडली होने की वजह से इन मूर्तियों को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह है.

यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने श्रम विभाग और कौशल विकास योजनाओं की ली समीक्षा बैठक

उदयपुर में बनाई जा रही इन मूर्तियों को आकर्षक बनाने के लिए जहां गंगा नदी की माटी का इन पर लेप किया जा रहा है, वहीं पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी इन्हें इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है. ताकि प्रकृति को किसी भी तरह का कोई नुकसान ना हो. बता दें कि पिछले कुछ सालों से उदयपुर के स्वरूप सागर में प्रतीकात्मक रूप से ही मूर्ति विसर्जन किया जा रहा है, ताकि शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली झीलों को स्वच्छ रखा जा सके.

उदयपुर. जिले में नवरात्रि के पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है. शहर में जगह-जगह इन दिनों मूर्तियां बनाने का काम चल रहा है. इनमें माता रानी के अलौकिक स्वरूप को दर्शाया गया है. बता दें कि इस बार मूर्तिकार आकर्षक मूर्तियों के साथ-साथ इको फ्रेंडली मूर्तियां बना रहे हैं. ताकि भक्तों की भावनाओं के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके.

उदयपुर में पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगी इको फ्रेंडली माता रानी

बताया जा रहा है कि लेकसिटी उदयपुर में नवरात्री को लेकर तैयारियां धूमधाम से चल रही हैं. इसी कड़ी में जिले के भूपालपुरा इलाके में स्थित बंग भवन में मां के विविध स्वरूपों की आकर्षक मूर्तियों को तैयार किया जा रहा है. इसे बंगाल के कलाकार बना रहे हैं.

इस दौरान इन कलाकारों ने बताया कि गंगा नदी की काली मिट्टी से तैयार की जा रही अनूठी और आकर्षक मूर्तियां पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं. जो पर्यावरण सरक्षण का भी संदेश दे रही हैं. बता दें कि मूर्ति तैयार होने के बाद इन मूर्तियों को विभिन्न गरबा मंडलों और पांडालों में स्थापित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने ली कृषि विभाग की समीक्षा बैठक, यूरिया का स्टॉक रखने के दिए निर्देश

बता दें कि कोर्ट की ओर से प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद से इन मूर्तियों का प्रचलन ज्यादा बढ़ गया है. अलग-अलग मुद्राओं में बनाई जा रही इन मूर्तियों की कीमत करीब 10 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक है. ईको फ्रेंडली होने की वजह से इन मूर्तियों को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह है.

यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने श्रम विभाग और कौशल विकास योजनाओं की ली समीक्षा बैठक

उदयपुर में बनाई जा रही इन मूर्तियों को आकर्षक बनाने के लिए जहां गंगा नदी की माटी का इन पर लेप किया जा रहा है, वहीं पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी इन्हें इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है. ताकि प्रकृति को किसी भी तरह का कोई नुकसान ना हो. बता दें कि पिछले कुछ सालों से उदयपुर के स्वरूप सागर में प्रतीकात्मक रूप से ही मूर्ति विसर्जन किया जा रहा है, ताकि शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली झीलों को स्वच्छ रखा जा सके.

Intro:उदयपुर में नवरात्रि के पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है शहर में जगह-जगह इन दिनों मूर्तियां बनाने का काम चल रहा है जिनमें माता रानी के अलौकिक स्वरूप को दर्शाया गया है लेकिन इस बार मूर्तिकार द्वारा आकर्षक मूर्तियों के साथ ही इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाई जा रही है ताकि भक्तों की भावनाओं के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके पेश है एक रिपोर्टBody:लेकसिटी उदयपुर में नवरात्रा को लेकर तैयारियां धूमधाम से चल रही है इसी कड़ी में उदयपुर के भूपालपुरा इलाके में स्थित बंग भवन में माँ के विविध स्वरूपो की आकर्षक मूर्तियों को बंगाल के कलाकारों द्वारा तैयार किया जा है यही नही गंगा नदी की काली मिट्टी से तैयार की जा रही अनूठी एव आकर्षक मूर्तिया पूरी तरीके से ईको फ्रेंडली है, जो पर्यावरण सरक्षण का सन्देश भी दे रही है इन मूर्तियों को आने वाले समय मे विभिन्न गरबा मंडलो की और से अपने अपने पांडालों में स्थापित किया जाएगा बंग भवन में बनाई जा रही इन मूर्तियों का प्रचलन कोर्ट द्वारा प्लास्टिक बेन के बाद ज्यादा बढ़ा है अलग अलग मुद्राओं में बनाई जा रही इन मूर्तियों की कीमत करीब 10 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक है ईको फ्रेंडली होने की वजह से इन मूर्तियों को लेकर लोगो मे खासा आकर्षण है

Conclusion:बता दे कि उदयपुर में बनाई जा रही इन मूर्तियों को आकर्षक बनाने के लिए जहां गंगा नदी की माटी का इन पर लेप किया जा रहा है तो वही पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी इन्हें इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है ताकि प्रकृति को किसी भी तरह का कोई नुकसान ना हो बता दें कि पिछले कुछ सालों से उदयपुर में स्वरूप सागर पर प्रतीकात्मक रूप से ही मूर्ति विसर्जन किया जा रहा है ताकि शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली झीलों को स्वच्छ रखा जा सके
बाइट-तपन राय-मूर्तिकार
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.