उदयपुर. राजस्थान का उदयपुर देश दुनिया में अपनी झीलों के लिए काफी प्रसिद्ध माना जाता है. प्रदेश और देश के साथ ही विदेशी पर्यटक भी उदयपुर की ऐतिहासिक विरासत के साथ ही यहां की झीलों को निहारने बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इसी वजह से उदयपुर को झीलों की नगरी भी कहा जाता है. उदयपुर में मुख्य रूप से 5 झील हैं. जिनमें पिछोला झील, फतेहसागर झील, स्वरूप सागर झील, रंग सागर झील और गोवर्धन सागर झील शामिल है. लेकिन प्रमुख रूप से पिछोला झील और फतेहसागर झील उदयपुर की शान में चार चांद लगा रही है और इन्हीं दोनों प्रमुख झील को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
आपको बता दें कि उदयपुर की झील पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी जीवनदायिनी बनी हुई है. उदयपुर के बाशिंदों को जहां यह झील पीने के लिए पानी देती है तो वहीं उदयपुर की लगभग 40% आबादी का जीवन यापन भी झीलों पर निर्भर करता है. जहां एक ओर उदयपुर की झील उदयपुर समेत आसपास के कई इलाकों में पेयजल सप्लाई कर रही है. वहीं दूसरी ओर देश दुनिया के कई ख्यातनाम होटल उदयपुर की झीलों के आसपास बने हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को भी यहां कई तरह के रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.
पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस: बूंदी में घट रही पर्यटकों की संख्या...टूटी सड़कें बनी समस्या
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि उदयपुर की प्रमुख झीलें उदयपुर के लिए जीवनदायिनी होने के साथ यहां की शान भी बन चुकी है और विश्व पटल पर उदयपुर को इन्हीं झील की वजह से लेक सिटी भी कहा जाता है. आपको बता दें कि हाल ही में उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पर्यटन के लिए कई अवार्ड भी मिले हैं और दुनिया के 10 सबसे सुंदर शहरों में उदयपुर का छठा स्थान रहा है.
पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: दुख, दर्द और बीमारी दूर करता है 'गवरी नृत्य'
वहीं उदयपुर में घूमने आए कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें उदयपुर और यहां की झील इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहीं पर डेरा डाल दिया. जी हां झारखंड के रहने वाले मुकेश महतो पिछले 3 सालों से उदयपुर में रह रहे हैं. मुकेश का कहना है कि वह 3 साल पहले उदयपुर घूमने आए थे लेकिन उन्हें उदयपुर इतना पसंद आया कि उन्होंने यहीं पर नौकरी ढूंढ ली और अब यहीं के होकर रह गए हैं.