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पुतिन की भारत यात्रा से पहले रशियन सरकार ने हितेंद्र गरासिया की रूस में मृत्यु पर जताया दु:ख..चौथे दिन भी जंतर-मंतर पर आंदोलन जारी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले रशियन सरकार ने उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया की रूस में मृत्यु (death of Hitendra Garasia in Russia) होने पर आधिकारिक रूप से गहरा दुख व्यक्त किया है. 17 जुलाई 2021 से रूस में मृत उदयपुर जिले के दिवंगत भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने की मांग को लेकर परिजनों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी.

death of Hitendra Garasia in Russia
पुतिन की भारत यात्रा
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Published : Dec 5, 2021, 9:25 PM IST

उदयपुर. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर रशियन सरकार अब गंभीर नजर आ रही है. रशियन सरकार नहीं चाहती की पुतिन की यात्रा के दौरान हितेंद्र गरासिया का परिवार को कोई गलत कदम उठाए. बता दें कि राजस्थान के उदयपुर से रशिया गए हितेंद्र की वहां मौत हो गई थी. काफी लंबे समय से हितेंद्र का परिवार शव के भारत आने का इंतजार कर रहा है.

रशियन सरकार ने उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया (Hitendra Garasiya case) की रूस में मृत्यु होने पर आधिकारिक रूप से गहरा दुख व्यक्त किया है. 17 जुलाई 2021 से रूस में उदयपुर जिले के दिवंगत भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने की मांग को लेकर परिजनों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष आत्मदाह की घोषणा की थी. इसके बाद रशियन सरकार की ओर से भारत स्थित रूस के दूतावास की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आयी है. रविवार को भी इस मामले में मॉस्को से लेकर नई दिल्ली तक हलचल बनी रही. रूसी अधिकारियों ने परिजनों के सामने भी कई बार मॉस्को में अधिकारियों से दूरभाष पर बात की.

आशा देवी को सौंपा आधिकारिक पत्र...

रशियन सरकार ने हितेंद्र गरासिया की मृत्यु पर उनकी पत्नी आशा देवी के नाम पर पत्र लिखकर आधिकारिक रूप से गहरा दुख जताया है. हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा देवी ने 3 दिसम्बर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के नाम दिये ज्ञापन व यात्रा के दौरान परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की घोषणा पर रूस के काउंसलर मिनिस्टर डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने रविवार को नई दिल्ली चाणक्यपुरी स्थित रशियन दूतावास में हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा गरासिया को रूस सरकार की को आधिकारिक पत्र सौंपते हुए कहा कि रशियन फेडरेशन को उनके स्नेहिल पति हितेंद्र गरासिया की रूस में मृत्यु पर गहरा दुख है.

पढ़ें- राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान आत्मदाह की चेतावनी..रशियन दूतावास ने पीड़ित परिवार को वार्ता के लिए बुलाया

रशियन अधिकारियों ने वार्ता के दौरान भी अपनी ओर से हितेंद्र गरासिया की मृत्यु पर पीड़ित परिवार से सहानुभूति जतायी. रूसी अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से संवेदना जताते हुए राष्ट्रपति पुतिन का विरोध न करने का आग्रह किया. परिजनों ने कहा कि वे इस पर सोमवार को ही निर्णय लेंगे. इस अवसर पर कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा, हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया, बेटी उर्वशी गरासिया, मोहनलाल गरासिया व बूंदी के हारून खान भी उपस्थित रहे.

शव भारत लाने में हमें कोई आपत्ति नहीं..

इस अवसर पर पीड़ित परिवार से रूसी अधिकारियों ने कहा कि हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने में रूस की सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. इस मामले में मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को निर्धारित कार्यवाही करनी है. रशियन अधिकारियों ने कहा कि हितेंद्र गरासिया के शव को भेजने की कार्यवाही भारत सरकार विदेश मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले रूस स्थित भारतीय दूतावासके माध्यम से की जानी है. मृत्यु के पश्चात दूसरे देशों के नागरिकों के शव को वहाँ रखने में रशियन सरकार की कोई भूमिका नहीं है.

चौथे दिन भी जारी रहा आंदोलन..

हितेंद्र गरासिया के शव को रूप से भारत लाने की मांग को लेकर परिजनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का नई दिल्ली में आंदोलन रविवार चौथे दिन भी जारी रहा. रविवार को परिजनों ने जंतर मंतर संसद मार्ग थाने के पास में प्रदर्शन करते हुए हितेंद्र गरासिया के शव को शीघ्र भारत लाने की मांग उठायी.

उदयपुर. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर रशियन सरकार अब गंभीर नजर आ रही है. रशियन सरकार नहीं चाहती की पुतिन की यात्रा के दौरान हितेंद्र गरासिया का परिवार को कोई गलत कदम उठाए. बता दें कि राजस्थान के उदयपुर से रशिया गए हितेंद्र की वहां मौत हो गई थी. काफी लंबे समय से हितेंद्र का परिवार शव के भारत आने का इंतजार कर रहा है.

रशियन सरकार ने उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया (Hitendra Garasiya case) की रूस में मृत्यु होने पर आधिकारिक रूप से गहरा दुख व्यक्त किया है. 17 जुलाई 2021 से रूस में उदयपुर जिले के दिवंगत भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने की मांग को लेकर परिजनों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष आत्मदाह की घोषणा की थी. इसके बाद रशियन सरकार की ओर से भारत स्थित रूस के दूतावास की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आयी है. रविवार को भी इस मामले में मॉस्को से लेकर नई दिल्ली तक हलचल बनी रही. रूसी अधिकारियों ने परिजनों के सामने भी कई बार मॉस्को में अधिकारियों से दूरभाष पर बात की.

आशा देवी को सौंपा आधिकारिक पत्र...

रशियन सरकार ने हितेंद्र गरासिया की मृत्यु पर उनकी पत्नी आशा देवी के नाम पर पत्र लिखकर आधिकारिक रूप से गहरा दुख जताया है. हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा देवी ने 3 दिसम्बर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के नाम दिये ज्ञापन व यात्रा के दौरान परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की घोषणा पर रूस के काउंसलर मिनिस्टर डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने रविवार को नई दिल्ली चाणक्यपुरी स्थित रशियन दूतावास में हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा गरासिया को रूस सरकार की को आधिकारिक पत्र सौंपते हुए कहा कि रशियन फेडरेशन को उनके स्नेहिल पति हितेंद्र गरासिया की रूस में मृत्यु पर गहरा दुख है.

पढ़ें- राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान आत्मदाह की चेतावनी..रशियन दूतावास ने पीड़ित परिवार को वार्ता के लिए बुलाया

रशियन अधिकारियों ने वार्ता के दौरान भी अपनी ओर से हितेंद्र गरासिया की मृत्यु पर पीड़ित परिवार से सहानुभूति जतायी. रूसी अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से संवेदना जताते हुए राष्ट्रपति पुतिन का विरोध न करने का आग्रह किया. परिजनों ने कहा कि वे इस पर सोमवार को ही निर्णय लेंगे. इस अवसर पर कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा, हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया, बेटी उर्वशी गरासिया, मोहनलाल गरासिया व बूंदी के हारून खान भी उपस्थित रहे.

शव भारत लाने में हमें कोई आपत्ति नहीं..

इस अवसर पर पीड़ित परिवार से रूसी अधिकारियों ने कहा कि हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने में रूस की सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. इस मामले में मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को निर्धारित कार्यवाही करनी है. रशियन अधिकारियों ने कहा कि हितेंद्र गरासिया के शव को भेजने की कार्यवाही भारत सरकार विदेश मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले रूस स्थित भारतीय दूतावासके माध्यम से की जानी है. मृत्यु के पश्चात दूसरे देशों के नागरिकों के शव को वहाँ रखने में रशियन सरकार की कोई भूमिका नहीं है.

चौथे दिन भी जारी रहा आंदोलन..

हितेंद्र गरासिया के शव को रूप से भारत लाने की मांग को लेकर परिजनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का नई दिल्ली में आंदोलन रविवार चौथे दिन भी जारी रहा. रविवार को परिजनों ने जंतर मंतर संसद मार्ग थाने के पास में प्रदर्शन करते हुए हितेंद्र गरासिया के शव को शीघ्र भारत लाने की मांग उठायी.

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