उदयपुर. जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाई की समीक्षा बैठक व विभागीय अधिकारियों की कार्यशाला का आयोजन बुधवार को रिजर्व पुलिस लाइन सभागार में किया गया. यूनिसेफ के सहयोग से संचालित कम्युनिटी पुलिंसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एंड ट्रस्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यशाला का आयोजन जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार की अध्यक्षता में किया गया. इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखमन रॉय एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध एवं सतर्कता) स्वाति शर्मा सहित जिले भर के पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए एसपी डॉ. पचार ने अधिकारियों को थाने पर आने वाले देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों से संवेदनशीलतापूर्ण व्यवहार अधिनियम के अनुसार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवार से मिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने बच्चों से सहज वार्ता और आवासीय विद्यालयों व बालिका विद्यालयों में साप्ताहिक भ्रमण कर बाल संरक्षण से संबंधित विषयों पर जागरूकता, बच्चों से संबंधित अधिनियमों और दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए.
बाल श्रम रोकने कार्ययोजना बनाएं
उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम के अर्न्तगत गठित इकाई के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों को उदयपुर जिले के बोर्डर क्षेत्र में बाल श्रम और पलायन की समस्या पर मेटों की सूची संकलित कर कार्ययोजना का निर्माण कर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने बाल संरक्षण से जुड़े पुलिस अधिकारियों और स्वयं सेवी संस्थाओं को गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए संचालित किए जा रहे अभियान 'मिलाप' के दौरान जिले में की गई कार्रवाई को सराहा.
कार्यशाला में यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत ने विशेष किशोर पुलिस इकाई की भूमिका तथा बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के मुख्य कार्यों पर जानकारी उपलब्ध कराई. जिला स्तरीय कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार तथा सदस्य शिल्पा मेहता ने बाल श्रम की प्रभावी रोकथाम के लिए जारी अधिनियमों के बारे में बताया. चाइल्ड लाइन उदयपुर के प्रभारी नवनीत औदिच्य ने भी अपने विचार रखे. कार्यशाला में सामूहिक गतिविधि के माध्यम से अधिकारियों ने बाल संरक्षण संबंधित सुझाव उपलब्ध कराए.