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कोरोना को लेकर भारत की स्थिति बेहतर, देश में बड़ी संख्या में लोगों को लगी वैक्सीनः रणदीप गुलेरिया

आरएनटी मेडिकल कॉलेज की ओर से आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक कॉन्फ्रेंस (annual conference at RNT medical college udaipur) के दूसरे दिन टीबी एवं चेस्ट विभाग को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Delhi Aims director Randeep Guleria in Jaipur) ने कहा कि कोरोना को लेकर वर्तमान में भारत की स्थिति अच्छी है.

Delhi Aims director Randeep Guleria in Jaipur
आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में रणदीप गुलेरिया
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Published : Mar 12, 2022, 4:53 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 7:19 PM IST

उदयपुर. आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में तीन दिवसीय वार्षिक कॉन्फ्रेंस (annual conference at RNT medical college udaipur) के दूसरे दिन टीबी एवं चेस्ट विभाग के लिए कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के 100 चिकित्सक भाग ले रहे हैं. इस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना समेत वर्तमान स्थिति को लेकर बातचीत की.

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरएनटी मेडिकल कॉलेज की ओर से जनवरी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की वजह से यह कार्यक्रम निरस्त किया गया था. अब कोरोना की रफ्तार कमजोर होने के साथ आरएनटी मेडिकल कॉलेज की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में रणदीप गुलेरिया

पढ़ें. Jaipur Literature Festival 2022: लेखक ने सावरकर को कहा- फादर ऑफ हिंदुत्व, ट्विटर पर छिड़ी बहस

गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के बाद भारत की वर्तमान स्थिति अच्छी है. हमारी वैक्सीनेशन रफ्तार दुनिया की अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छी रही है. हमारे देश में लगभग बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. ऐसे में हमारी स्थिति कोरोना के शुरुआत में जिस तरह की थी. उसकी तुलना में अभी स्थितियां काफी अच्छी है.

गुलेरिया ने कहा कि 10 साल से छोटे बच्चों को वैक्सीनेशन फिलहाल नहीं हुआ है. इसे लेकर बच्चों के माता-पिता को ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि कई रिपोर्ट बताती है कि बच्चों में पहले से ही इम्यूनिटी होती है. गुलेरिया ने बताया कि अपने-अपने कार्य में माहिर डॉक्टरों की इस कॉन्फ्रेंस में सभी लोग एक दूसरे से मिल रहे हैं. राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न टेक्नोलॉजी और चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा मिल रहा है.

पढ़ें. SMS अस्पताल में अब मिलेगी डायलिसिस की सुविधा लेकिन 4 बड़े विभागों को मशीनों का इंतजार

इस दौरान आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ लाखन पोसवाल ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में राजस्थान व देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 100 डॉक्टर्स भाग ले रहे हैं. जो फेफड़ों संबंधी विभिन्न आपरेशन्स करके लाइव केसेज दिखाएंगे. इस कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को श्वसन विभाग की नवीनतम तकनीक (नेवीगेशनल ब्रोंकोस्कोपी एण्ड रियल ई-बस, ट्रांसब्रोंकियल क्रायो-नोडल बायोप्सी, ब्रोंकोस्कोपिक थर्मल वेपर एब्लेशन, थोरोकोस्कोपी) का लाइव प्रशिक्षण दिया जाएगा.

भारत के विभिन्न हिस्सों में चेस्ट फिजीशियन की ओर से फेफड़ों से संबंधित एवं कोरोना महामारी से संबंधित रिसर्च के 100 से अधिक पेपर्स का व्याख्यान दिया जायेगा. फेफड़ों से सम्बन्धित बीमारी के जांच व इलाज के लिए काम में ली जा रही आधुनिक तकनीकी के बारे में बताया जाएगा. इस कांफ्रेंस में राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डॉ. सुधीर भण्डारी ने भी भाग लिया.

उदयपुर. आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में तीन दिवसीय वार्षिक कॉन्फ्रेंस (annual conference at RNT medical college udaipur) के दूसरे दिन टीबी एवं चेस्ट विभाग के लिए कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के 100 चिकित्सक भाग ले रहे हैं. इस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना समेत वर्तमान स्थिति को लेकर बातचीत की.

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरएनटी मेडिकल कॉलेज की ओर से जनवरी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की वजह से यह कार्यक्रम निरस्त किया गया था. अब कोरोना की रफ्तार कमजोर होने के साथ आरएनटी मेडिकल कॉलेज की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में रणदीप गुलेरिया

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गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के बाद भारत की वर्तमान स्थिति अच्छी है. हमारी वैक्सीनेशन रफ्तार दुनिया की अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छी रही है. हमारे देश में लगभग बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. ऐसे में हमारी स्थिति कोरोना के शुरुआत में जिस तरह की थी. उसकी तुलना में अभी स्थितियां काफी अच्छी है.

गुलेरिया ने कहा कि 10 साल से छोटे बच्चों को वैक्सीनेशन फिलहाल नहीं हुआ है. इसे लेकर बच्चों के माता-पिता को ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि कई रिपोर्ट बताती है कि बच्चों में पहले से ही इम्यूनिटी होती है. गुलेरिया ने बताया कि अपने-अपने कार्य में माहिर डॉक्टरों की इस कॉन्फ्रेंस में सभी लोग एक दूसरे से मिल रहे हैं. राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न टेक्नोलॉजी और चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा मिल रहा है.

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इस दौरान आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ लाखन पोसवाल ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में राजस्थान व देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 100 डॉक्टर्स भाग ले रहे हैं. जो फेफड़ों संबंधी विभिन्न आपरेशन्स करके लाइव केसेज दिखाएंगे. इस कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को श्वसन विभाग की नवीनतम तकनीक (नेवीगेशनल ब्रोंकोस्कोपी एण्ड रियल ई-बस, ट्रांसब्रोंकियल क्रायो-नोडल बायोप्सी, ब्रोंकोस्कोपिक थर्मल वेपर एब्लेशन, थोरोकोस्कोपी) का लाइव प्रशिक्षण दिया जाएगा.

भारत के विभिन्न हिस्सों में चेस्ट फिजीशियन की ओर से फेफड़ों से संबंधित एवं कोरोना महामारी से संबंधित रिसर्च के 100 से अधिक पेपर्स का व्याख्यान दिया जायेगा. फेफड़ों से सम्बन्धित बीमारी के जांच व इलाज के लिए काम में ली जा रही आधुनिक तकनीकी के बारे में बताया जाएगा. इस कांफ्रेंस में राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डॉ. सुधीर भण्डारी ने भी भाग लिया.

Last Updated : Mar 12, 2022, 7:19 PM IST

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