उदयपुर. प्रदेश में रीट की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई. पिछली बार जहां पेपर लीक होने पर गहलोत सरकार निशाने पर थी. इस बार पेपर लीक तो नहीं हुआ लेकिन एक नया विवाद जरूर उपजा है. दो दिनों तक चली रीट परीक्षा को लेकर केंद्रों पर सुरक्षा की दृष्टि से बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे, अब रीट परीक्षा को लेकर भाजपा और अन्य संगठनों (diya kumari target cm gehlot on Reet) की ओर से राज्य सरकार को फिर घेरा जाने लगा है.
राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी ने ट्वीट (Rajsamand Mp diya kumari tweet on Reet 2022) करते हुए राज्य सरकार को रीट एग्जाम को लेकर कटघरे में खड़ा किया है. दीया कुमारी ने लिखा है कि रीट परीक्षा में जहां एक और बहन बेटियों की बिंदी, मंगलसूत्र, चूड़ियां व दुपट्टे तक उतरवा लिए गए तो वहीं दूसरी ओर बुर्के और हिजाब के प्रति क्यों नर्मी दिखाई गई है. दरअसल राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा रीट 23 और 24 जुलाई को आयोजित की गई थी. इस दौरान परीक्षार्थियों को काफी गहन जांच के बाद परीक्षा सेंटर में प्रवेश दिया गया था. इस दौरान एक विशेष ड्रेस कोड भी जारी किया गया था. ड्रेस कोड की बात करें तो हाफ आस्तीन वाले कपड़े पहनने के निर्देश दिए गए थे. इस दौरान परीक्षा सेंटर पर सलवार-सूट में पहुंचीं महिला अभ्यर्थियों की फुल आस्तीन को भी कटवा कर हाफ दिया गया था.
ऐसे में अब समुदाय विशेष की छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने के मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है. इसे लेकर अब भाजपा के सांसद दीया कुमारी के बाद विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी की ओर से इस पूरे मुद्दे को लेकर विरोध जताया गया. सोमवार को विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी उदयपुर महानगर की कार्यकर्ताओं ने उदयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध जताते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा है.
संगठन की महानगर संयोजिका सोनम पुरोहित ने बताया कि राजस्थान में रीट परीक्षा का आयोजन किया गया था लेकिन इस दौरान अनेक परीक्षा केंद्रों पर समुदाय विशेष की छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दी गई. जबकि गाइड लाइन में लिखा है कि परीक्षार्थियों को आधी बाह की शर्ट-टीशर्ट, कुर्ता-कुर्ती आदि के साथ ही पतले सोल के चप्पल या सैंडल पहनने की ही अनुमति होगी. इसके अलावा मोजे पहनने की भी परमीशन नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों से कान की बाली, घड़ी एवं अन्य वस्तुओं को भी बाहर रखवा दिया जा रहा था. इतना ही नहीं मंगलसूत्र, बिंदी भी उतरवा दिया गया. सदस्यों ने इस तरह के भेदभाव पूर्ण रवैये के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है और आगे की परीक्षाओं में ऐसा करने की मांग की है.