उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में लगातार कोरोना के मामले (Corona cases in Udaipur) बढ़ते जा रहे हैं. इसके बावजूद कुछ लोग कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना करते हुए बिना मास्क के नजर आ रहे हैं. यही आलम पर्यटन स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. बढ़ते मामलों के चलते कलेक्टर ने धार्मिक गुरुओं की बैठक ली और कोरोना गाइडलाइन की पालना की अपील की.
इस कोरोना के दौर में भारी संख्या में सैलानी घूमने नजर आ रहे हैं. लेकिन कुछ लोग इनमें बिना मास्क लगाए हुए ही पर्यटन स्थलों पर आवाजाही करते हुए नजर आए. ऐतिहासिक फतेह सागर की पाल पर रविवार को वीकेंड के दिन भारी संख्या में पर्यटकों की भरमार देखने को मिली. वहीं सहेलियों की बाड़ी, दूध तलाई जैसे स्थलों पर चहल-पहल बनी रही.
हालांकि इन पर्यटन स्थलों पर पुलिस की गश्त द्वारा लगातार कोविड-19 की पालना को लेकर अपील की जा रही थी. इसके बावजूद कुछ लोग कोविड-19 की अवहेलना करते देखे गए. उदयपुर में रविवार को कोरोना के 312 नए पॉजिटिव केस सामने आए. इनमें से 253 उदयपुर शहर के हैं.
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सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि रविवार को 2667 लोगों के सैंपल में से 312 पॉजिटिव मिले हैं. इनमें से 175 नए केस हैं. वहीं बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच जिला कलेक्टर ने धार्मिक गुरुओं के साथ बैठक की और कोविड के वर्तमान हालातों पर चर्चा की. इस दौरान कलेक्टर ने सभी धर्मगुरुओं से सुझाव मांगे.
जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने कहा कि वर्तमान में जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति चिंताजनक बनती जा रही है एवं संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है. इसे नियंत्रित करने के लिए वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल की पालना करना जरूरी है. देवड़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक स्थलों पर कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना हर हाल में होनी चाहिए. धार्मिक स्थलों पर फूल, माला, प्रसाद, चाद्दर इत्यादि ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध है.
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उन्होंने सभी धर्मगुरुओं से अपील करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों पर केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाए जिनको टीके की दोनों डोज लग चुकी है. किसी को भी बिना मास्क प्रवेश ना देवें. इसके साथ ही दर्शन के लिए एक बार में केवल उतने ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाए, जिससे सोशल डिस्टनसिंग की पालना में दिक्कत न हो.