उदयपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद कई राज्यों के मजदूरों ने पैदल ही अपने घरों की ओर कूंच कर दी. लेकिन सरकार ने आदेश जारी करते हुए पलायन कर रहे लोगों को, जो जहां है उन्हें वहीं रहने के लिए कहा.
ऐसे में उदयपुर जिले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत देशभर के 834 मजदूर अपने परिवार के साथ फंस गए. संकट की घड़ी में उदयपुर जिला प्रशासन ने इन सभी मजदूरों को रहने के लिए आश्रय स्थल दिया. वहीं, अब प्रशासन इन परिवारों के मनोरंजन के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है.
उदयपुर के ढिकली क्षेत्र में दूसरे राज्यों के लगभग 52 मजदूर अपने परिवार के साथ मौजूद हैं. यहां इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए हर सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. जिले में रहने वाले कुछ श्रमिक बताते हैं कि लॉकडाउन के आदेश ने उन्हें बेरोजगार कर दिया. जिसके बाद उनके सामने परिवार का पेट पालने का संकट पैदा हो गया.
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ऐसे में उन्हें अपने घर का रुख करने को मजबूर होना पड़ा. लेकिन उदयपुर पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से इन्हें आश्रय स्थल लाया गया. जहां श्रमिकों और उनके परिवार वालों की सारी व्यवस्था की गई है. यहां तक की बच्चों के खेलने कूदने की भी सभी व्यवस्थाएं की जा रही है. वहीं, अब आश्रय स्थल में रूके श्रमिक योगा कर लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे है.
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आश्रय स्थल में रह रही महिलाओं ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद रातों रात वो अपने घर के लिए निकले. लेकिन उनका सफर पूरा नहीं हो सका. महिलाओं ने कहा कि यहां प्रशासन की ओर से उनके लिए हर संभव सहायता की जा रही है. लेकिन उन्हें अपने घर जाने का इंतजार है.
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उदयपुर के ढिकली क्षेत्र में बनाए गए आश्रय स्थल में इन सभी लोगों के लिए मनोरंजन से लेकर योगा तक की सभी व्यवस्थाएं की गई है. सुबह शाम योग गुरु इन्हें योगा की ट्रेनिंग देते हैं, तो वहीं इन लोगों में से कुछ कलाकार अपनी कला का हुनर भी दिखाते हैं. कभी गीत गाकर तो कभी एक दूसरे को हंसा कर यह अपना समय बिता रहे हैं. आश्रय स्थल में रूके 834 लोगों को प्रशासन की ओर से इनका मेडिकल चेकअप भी किया जाता है. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ ही खान-पान की पूरी व्यवस्था की जा रही है.